Asia Cup 2025 में पाकिस्तान पर आईसीसी की कड़ी कार्रवाई, फाइनल की तैयारी दिग़बगी

Asia Cup 2025 में पाकिस्तान पर आईसीसी की कड़ी कार्रवाई, फाइनल की तैयारी दिग़बगी

Anmol Shrestha सितंबर 27 2025 16

आईसीसी की कार्यवाही और दंड

डुबई अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में 28 सितम्बर को होने वाले फाइनल से पहले पाकिस्तान टीम को दो भारी धक्के लगे हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने तेज़ गेंदबाज़ Haris Rauf और टीम-मेट Sahibzada Farhan दोनों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की, जिसके बाद दोनों को अलग‑अलग दंड मिले।

21 सितम्बर को हुए सुपर फोर मैच में रौफ़ ने भारतीय दर्शकों की ओर कई उकसावन भरी इशारे किए – ‘6‑0’ संकेत, गिरते हुए विमान की नकल और अन्य मोहभंग संकेत जो आधिकारिक तौर पर "आक्रामक और अनुचित" ठहराए गए। आईपीसी के मैच रेफरी रिची रिचर्डसन ने 26 सितम्बर को टीम के होटल में सुनवाई की, जहाँ रौफ़ ने अपना बचाव किया परंतु 30% मैच फीस का जुर्माना तय हुआ। साथ ही, स्रोतों के अनुसार ICC तीन‑मैच के निलंबन की संभावना पर विचार कर रहा है, जो फाइनल तक पहुंचने वाले पाकिस्तान के लिए बड़ी बाधा बन सकता है।

फ़रहान को समान मंच पर अपने ‘गनशॉट’ जश्न के लिए चेतावनी मिली। उनके हिसाब से यह उनके पख्तून जनजातीय परम्परा का हिस्सा है, पर ICC ने इसे "अनुशासनात्मक नियमों" के उल्लंघन के रूप में दर्ज किया। वित्तीय दंड नहीं दिया गया, पर यह चेतावनी भी टीम के माहौल में तनाव का कारण बन सकती है।

भारतीय टीम की ओर से भी एक समान मामला सामने आया। समूह चरण में पाकिस्तान के खिलाफ जीत के बाद, भारत के T20 कप्तान सूर्यकुमार यादव ने अपने पोस्ट‑मैच बयान में जीत को भारतीय सेना को समर्पित किया और पहलगाम आतंक हमले के पीड़ितों को समर्थन दिया। ICC ने इसे लेवल‑1 कोड ऑफ कंडक्ट के तहत राजनीतिक बयान माना और 30% फ़ी फीस का जुर्माना लगाया।

आगामी फ़ाइनल की चुनौतियाँ

आगामी फ़ाइनल की चुनौतियाँ

इन घटनाओं के बाद दोनों देशों के क्रिकेट बोर्डों – भारतीय बोडी (BCCI) और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) – को ICC की सख़्त चेतावनी मिली है कि किसी भी "युद्ध‑संदर्भ" या राजनीतिक टिप्पणी को टाला जाए। यदि इस दिशा‑निर्देश का उल्लंघन फिर हुआ तो दोनों टीमों को और अधिक सज़ा का सामना करना पड़ सकता है।

पाकिस्तान की टीम अब दो मुख्य मुद्दों से जूझ रही है: एक तो रौफ़ की संभावित अनुपस्थिति, जो उनकी पिच‑पर गति और विकेट‑लेने की क्षमता को घटा देगा; दूसरा टीम के भीतर तनाव, जहाँ खिलाड़ियों को अनुशासनात्मक प्रश्नों के कारण केंद्रित होना कठिन हो सकता है। कप्तान और कोच को इस स्थिति में टीम का मनोबल ऊँचा रखने और रौफ़ के बिना भी प्रतिस्पर्धा जारी रखने की रणनीति बनानी होगी।

भारत की ओर से तो स्थिति थोड़ी आसान लगती है, पर सूर्यकुमार के बयान ने भी उन्हें ICC की नजर में लाया है। अब उन्हें भी अपने खिलाड़ियों को यह याद दिलाना होगा कि मैदान पर केवल क्रिकेट ही खेलना है, राजनीति नहीं।

फाइनल की तैयारी में दोनों टीमों के मैनेजमेंट ने अलग‑अलग कदम उठाए हैं। पाकिस्तान ने फिजिकल कंडीशनिंग को बढ़ावा दिया है और तेज़ गेंदबाज़ी में वैकल्पिक विकल्पों – जैसे फ़ाज़लो बख़्तियारी और वसीम अहमद – को पहले से अधिक महत्त्व दिया है। वहीं भारतीय टीम ने बॉटम‑ऑर्डर में गहराई लाने के लिए स्पिनर विलियम्स की भूमिका को सुदृढ़ किया है।

साथ ही, दोनों देशों के प्रशंसकों ने भी सोशल मीडिया पर इस विवाद को लेकर तीखी बहस शुरू कर दी है। कई लोग रौफ़ की हरकतों को "इस्तीहारी" कह रहे हैं, जबकि कुछ उनका समर्थन कर रहे हैं, कहते हुए कि यह मात्र खेल के भावनात्मक पहलू हैं। इस माहौल में खिलाड़ियों को व्यक्तिगत लापरवाहियों से ऊपर उठकर टीम के हित में काम करना कठिन हो सकता है।

ICC ने दोनो तरफ़ के फ्रैंचाइजी को दोबारा चेतावनी दी है कि फाइनल में कोई भी प्रोवोकेटरी इशारा या राजनैतिक टिप्पणी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा है कि भविष्य में अगर इसी तरह के उल्लंघन होते हैं तो दंड और भी कड़ा हो सकता है।

जब तक अंतिम निर्णय नहीं आ जाता कि रौफ़ मैदान में खेलेंगे या नहीं, पाकिस्तान को अपने विकल्पों को स्पष्ट रूप से तैयार रखना पड़ेगा। इस बीच, भारतीय टीम को भी अपने आक्रमण को निरंतर तेज़ रख कर जीत की संभावना बढ़ानी होगी।

अंतिम मैच के लिए टिकट की बुकिंग पहले ही छूट गई है, और स्टेडियम में दोनों देशों के दर्शक उमंग और तनाव दोनों महसूस कर रहे हैं। जैसे ही टीमों ने तैयारी पूरी की, इस बात की प्रतीक्षा है कि कौन‑सी टीम इस तीव्र विवाद को मैदान पर जीत में बदल पाएगी।

16 टिप्पणि

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    Deepti Chadda

    सितंबर 28, 2025 AT 12:43
    भारत की टीम को भी 30% जुर्माना? ये ICC तो बस दोनों तरफ़ को बराबर बना रहा है जैसे दोनों गलत हैं। जब दुश्मन का गुस्सा निकल जाए तो वो इशारा है, जब हमारा तो राजनीति 😒
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    Anjali Sati

    सितंबर 29, 2025 AT 06:24
    रौफ़ का गनशॉट भी गलत और सूर्यकुमार का पहलगाम भी गलत? ये सब बकवास है। खेल खेल है ना इतना भावनात्मक क्यों हो रहे हो?
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    Preeti Bathla

    सितंबर 29, 2025 AT 19:09
    अरे ये रौफ़ तो बस अपनी ज़मीन का गौरव दिखा रहा है और तुम लोग उसे अनुशासनात्मक उल्लंघन कह रहे हो? भारत के खिलाड़ी तो जीत के बाद सेना को समर्पित कर देते हैं और ये नॉर्मल है? ये दोहरा मानक है बस 😤
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    Aayush ladha

    सितंबर 30, 2025 AT 10:41
    क्या सूर्यकुमार ने जो कहा वो राजनीति है? तो फिर रौफ़ के इशारे क्या हैं? नॉन-वार्स बोल रहे हो लेकिन दोनों तरफ़ बराबर दंड? ये न्याय है या अन्याय?
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    PRATIKHYA SWAIN

    अक्तूबर 2, 2025 AT 06:29
    टीम को फोकस रखना होगा बस। खेलो और जीतो। बाकी सब बाहर की बातें हैं 🙌
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    MAYANK PRAKASH

    अक्तूबर 3, 2025 AT 07:52
    इतना तनाव क्यों? दर्शकों के लिए ये मैच एक जश्न होना चाहिए। खिलाड़ियों को बस खेलने दो। बाकी सब बाद में सुलझेगा।
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    Akash Mackwan

    अक्तूबर 4, 2025 AT 02:01
    ICC ने जो किया वो बिल्कुल सही है। खेल में राजनीति का कोई रास्ता नहीं। रौफ़ को भी और सूर्यकुमार को भी डंडा मिलना चाहिए। नहीं तो ये खेल बस एक राजनीतिक मैदान बन जाएगा। 🤬
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    Amar Sirohi

    अक्तूबर 4, 2025 AT 08:40
    हम जिस खेल को धर्म की तरह पूजते हैं उसमें भावनाएँ आना स्वाभाविक है। लेकिन जब भावनाएँ इशारों में बदल जाती हैं तो वो एक अलग बात है। रौफ़ का गनशॉट एक सांस्कृतिक अभिव्यक्ति है, जबकि सूर्यकुमार का बयान एक राष्ट्रीय भावना का प्रतीक है। ये दोनों को एक ही बक्से में डालना गलत है। इंसानियत के आधार पर देखो, न कि नियमों के आधार पर।
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    Nagesh Yerunkar

    अक्तूबर 5, 2025 AT 09:48
    मैं तो बस यही कहूंगा कि ICC के नियम बहुत सख्त हैं। लेकिन उन्हें बराबर लागू करना चाहिए। यदि एक खिलाड़ी को जुर्माना मिलता है तो दूसरे को भी। नहीं तो ये अन्याय है। और फिर भी, खेल खेल है। इतना भावुक क्यों हो रहे हो?
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    Daxesh Patel

    अक्तूबर 6, 2025 AT 07:53
    रौफ़ के लिए तीन मैच का निलंबन अगर हुआ तो पाकिस्तान के लिए बहुत बड़ा झटका होगा। वो टीम का सबसे तेज़ गेंदबाज़ है। फाज़लो या वसीम अहमद क्या उसकी जगह ले पाएंगे? शायद नहीं। और ये जुर्माना भी बहुत ज्यादा है। 30%? ये तो एक खिलाड़ी के महीने का वेतन है!
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    Jinky Palitang

    अक्तूबर 6, 2025 AT 21:21
    सूर्यकुमार का बयान तो बहुत ज्यादा भावुक नहीं था... बस एक याद दिलाना था। लेकिन रौफ़ के इशारे तो बिल्कुल बदमाशी थे। ये दोनों अलग हैं। और फिर भी एक जैसा दंड? इस बात को समझना बहुत मुश्किल है।
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    Sandeep Kashyap

    अक्तूबर 7, 2025 AT 01:00
    मैं तो बस ये कहना चाहता हूँ कि जो भी खिलाड़ी हो, उसका दिल खेल के लिए होना चाहिए। रौफ़ को अगर निलंबित कर दिया गया तो भी उसका दिल अभी भी पाकिस्तान के लिए धड़क रहा होगा। और सूर्यकुमार ने जो कहा वो भी दिल से निकला होगा। इस बात को भूल जाओ कि कौन क्या कहा... बस देखो कि कौन जीतता है। खेल तो खेल है।
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    dharani a

    अक्तूबर 7, 2025 AT 08:27
    रौफ़ के इशारे तो बहुत गलत थे, लेकिन भारतीय खिलाड़ियों के बयानों को भी दंड देना बहुत अजीब है। ये तो खेल के भावनात्मक पहलू हैं। ICC को अपने नियमों को थोड़ा इंसानी बनाना चाहिए। नहीं तो ये खेल बस एक ब्यूरोक्रेसी बन जाएगा।
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    Vinaya Pillai

    अक्तूबर 8, 2025 AT 02:43
    ये जो बात हो रही है, ये सिर्फ खेल की बात नहीं है। ये दो देशों के दिलों की बात है। रौफ़ के इशारे गलत थे, लेकिन सूर्यकुमार का बयान भी उनके लिए एक अहसास था। दोनों तरफ़ के लोग अपने दिल से बोल रहे हैं। अगर ICC इसे नियमों से ही सुलझाने की कोशिश करेगा तो ये खेल असली जीवन से दूर हो जाएगा। इस बार जीतने वाली टीम नहीं, बल्कि वो टीम जीतेगी जिसका दिल सबसे ज्यादा खेल के लिए धड़क रहा है।
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    mahesh krishnan

    अक्तूबर 9, 2025 AT 02:32
    रौफ़ को निलंबित कर दो। ये इशारे बिल्कुल बदमाशी हैं। और सूर्यकुमार को भी जुर्माना दो। खेल में राजनीति नहीं। बस बॉल और बैट। इतना ही।
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    Deepti Chadda

    अक्तूबर 11, 2025 AT 02:15
    अरे ये सब तो बस एक बड़ा धोखा है। भारत को जुर्माना देकर वो लोग अपनी बराबरी का दावा कर रहे हैं। लेकिन रौफ़ का गनशॉट तो बस एक जश्न था। और ये जश्न उनके संस्कारों से आया। जब हम भारतीय खिलाड़ी जीतते हैं तो हम अपने देश को याद करते हैं। ये राजनीति नहीं है। ये गर्व है। तुम लोग इसे नहीं समझ पा रहे।

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