भारत में मंकीपॉक्स का पहला संदिग्ध मामला
भारत में पहली बार मंकीपॉक्स का एक संदिग्ध मामला सामने आया है। एक युवक, जो हाल ही में एक मंकीपॉक्स संक्रमित देश से लौटा था, उसे संदिग्ध पाया गया है। मरीज़ को अस्पताल में आइसोलेट किया गया है और उसकी स्थिति फिलहाल स्थिर बताई जा रही है। मरीज के सैंपल टेस्टिंग के लिए भेजे गए हैं, ताकि मंकीपॉक्स की पुष्टि हो सके। सरकार का कहना है कि यह मामला उनके द्वारा पूर्व में किए गए जोखिम आकलन के अनुरूप ही है।
स्वास्थ्य मंत्रालय का आश्वासन
केंद्र की यूनियन स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि इस मामले से किसी तरह की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने बताया कि भारत में इस वायरस के बड़े प्रकोप का जोखिम कम है, हालांकि कुछ आयातित मामलों की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। वहीं, सरकार ने संपर्क अन्वेषण (Contact Tracing) भी शुरू कर दी है, जिससे संभावित स्रोतों और संक्रमण के प्रभावों का आकलन किया जा सके।
संक्रमण के नियंत्रण के लिए तैयारियां
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि इस मामले का प्रबंधन स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार किया जा रहा है। इस प्रकार की आपातकालीन स्थिति को देखते हुए पिछले महीने से ही एयरपोर्ट्स, सीपोर्ट्स और लैंड क्रॉसिंग्स पर स्वास्थ्य इकाइयों को अलर्ट पर रखा गया है, ताकि संक्रमण के जोखिम को नियंत्रित किया जा सके। साथ ही, देश में प्रयोगशालाएं और आइसोलेशन सुविधाएं भी तैयार की गई हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की घोषणा
पिछले महीने ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकीपॉक्स के प्रकोप को एक वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था। इसके तहत, विभिन्न देशों में संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। भारत ने भी इस दिशा में ठोस कदम उठाए हैं और संभावित जोखिम को नियंत्रित करने के उपाय किए हैं।
मंकीपॉक्स के लक्षण और उपचार
मंकीपॉक्स, जिसे अब Mpox भी कहा जाता है, एक स्व-सीमित वायरल संक्रमण है जो Mpox वायरस (MPXV) के कारण होता है। इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, कम ऊर्जा, और सूजन लिम्फ नोड्स शामिल हैं, साथ ही शरीर पर पॉक-जैसे दाने भी हो सकते हैं। यह संक्रमण स्वाभाविक रूप से कुछ हफ्तों में ठीक हो जाता है, लेकिन गंभीर मामलों में चिकित्सीय देखभाल आवश्यक हो सकती है।
संभावित जोखिम और हमारे प्रयास
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि भारत इस तरह के अलग-थलग ट्रैवल-रिलेटेड मामलों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। अलर्ट पर रखी गई स्वास्थ्य इकाइयां, प्रयोगशालाएं और आइसोलेशन सुविधाएं इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। लोगों को ज़रूरी सावधानियां बरतने और संबंधित स्वास्थ्य निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है।