मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में यौन उत्पीड़न पर हेम समिति की रिपोर्ट
सोमवार को केरल सरकार ने 233 पन्नों की जस्टिस के हेम समिति रिपोर्ट जारी की, जिसने मलयालम फिल्म उद्योग में व्याप्त यौन उत्पीड़न के मामलों का खुलासा किया। यह रिपोर्ट 15 महत्वपूर्ण फिगर्स, जिनमें निर्देशक, निर्माता और अभिनेता शामिल हैं, के एक समूहमहल के बारे में बताती है। यह पावर ग्रुप यह निर्धारित करता है कि इंडस्ट्री में कौन बना रहेगा और किनको फिल्मों में कास्ट किया जाएगा।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इंडस्ट्री में महिलाओं, विशेषकर अभिनेत्रियों और अन्य तकनीशियनों के खिलाफ यौन उत्पीड़न के खतरनाक विवरण हैं। उत्पीड़ित महिलाएं अपनी जान के डर से पुलिस के पास जाने से हिचकिचाती थीं। रिपोर्ट यह भी दर्शाती है कि वहां कास्टिंग काउच, वेतन असमानता, और महिलाओं के लिए पर्याप्त सुविधाओं और प्राइवेसी की कमी तक की समस्याएँ हैं।
यह एक सदस्यीय समिति, जिसे केरल सरकार ने 2017 में अभिनेत्री पर हमले के मामले के बाद गठित किया था, का उद्देश्य मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं की कामकाजी स्थितियों की जांच करना था।
रिपोर्ट के मुख्या बिंदु
रिपोर्ट 51 लोगों के बयान पर आधारित है जिन्होंने अपनी गवाही दी थी। इसमें यह खुलासा किया गया है कि इंडस्ट्री में सक्रिय 15 बड़ी हस्तियां, जिनमें निर्माता, निर्देशक, और अभिनेता शामिल हैं, एक पावर ग्रुप के रूप में कार्य कर रही हैं। यह समूह ही तय करता है कि इंडस्ट्री में कौन बना रहेगा और किसे फिल्में मिलेंगी।
यौन उत्पीड़न के डर से मौन
पीड़िताओं ने रिपोर्ट में बताया कि उन्हें अपनी जान का डर था इसलिए वे पुलिस के पास जाने से हिचकिचाती थीं। यह स्थिति ना केवल अभिनेत्रियों बल्कि तकनीशियन और अन्य महिला कर्मचारियों के लिए भी उत्पीड़न का कारण बनी हुई है।
महिला कर्मचारियों की समस्याएं
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि इंडस्ट्री में महिलाओं के लिए सुविधाओं की कमी है। वहां के स्थानों पर प्राइवेसी की समस्याएं हैं और इस कारण महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं। साथ ही कास्टिंग काउच और वेतन के असमानता के मसले भी उठाए गए हैं।
गोपनीयता की चिंता
रिपोर्ट के रिलीज़ पर अभिनेता रंजिनी ने अपनी गोपनीयता की चिंता जताई थी। उन्होंने हेम समिति के सामने गवाही दी थी और उन्होंने केरल हाई कोर्ट में रिपोर्ट के रिलीज़ को रोकने के लिए याचिका दायर की थी। हालांकि, अदालत ने उनकी अपील खारिज कर दी।
AMMA की प्रतिक्रिया
रिपोर्ट के खुलासे के बाद, एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स (AMMA) ने कहा कि रिपोर्ट का अध्ययन करने और आवश्यक कदम उठाने के लिए उन्हें समय चाहिए। अब इंडस्ट्री और सरकार पर दबाव बढ़ गया है कि वे इन समस्याओं का समाधान करें और महिलाओं के लिए एक सुरक्षित और अधिक समावेशी पर्यावरण बनाएं।
भविष्य में बदलाव की उम्मीद
इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में गंभीर बदलाव की अपेक्षा की जा रही है। यह केवल एक रिपोर्ट नहीं है बल्कि यह महिलाओं की गरिमा और सम्मान के लिए लड़ाई का प्रतीक है।
Mahesh Goud
अगस्त 20, 2024 AT 03:46Ravi Roopchandsingh
अगस्त 22, 2024 AT 00:30dhawal agarwal
अगस्त 23, 2024 AT 15:25Shalini Dabhade
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अगस्त 25, 2024 AT 03:36Irigi Arun kumar
अगस्त 25, 2024 AT 07:16Jeyaprakash Gopalswamy
अगस्त 25, 2024 AT 16:52ajinkya Ingulkar
अगस्त 25, 2024 AT 21:56nidhi heda
अगस्त 26, 2024 AT 09:53DINESH BAJAJ
अगस्त 26, 2024 AT 21:02