8:00 बजे रात को नागालैंड के कोहिमा स्थित राज्य लॉटरी निदेशालय ने डियर सीगल नाइट लॉटरी का नतीजा घोषित किया — और एक खुशखबरी थी: एक व्यक्ति ने 1 करोड़ रुपये जीत लिए। ये वो रात थी जब लाखों नागालैंड के लोग अपने टिकट देख रहे थे, जिनकी कीमत मात्र ₹6 थी। ये लॉटरी सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि एक जीवन बदलने वाली उम्मीद है — खासकर उन लोगों के लिए जिनकी मासिक आय ₹5,000 से भी कम है।
कौन जीता? और कैसे पता चला?
पहला पुरस्कार — ₹1 करोड़ — किसी एक व्यक्ति को मिला, लेकिन उसका टिकट नंबर अभी तक आधिकारिक तौर पर जारी नहीं हुआ है। ये अज्ञात रहने का कारण क्या है? लॉटरी विभाग के अनुसार, पहला पुरस्कार वाला टिकट अभी तक दावा नहीं किया गया है। ये आम बात है — कई बार जीतने वाले लोग अपने टिकट खो देते हैं, या उन्हें यकीन नहीं होता कि वो वाकई जीत गए हैं।
दूसरा पुरस्कार — ₹10,000 — के लिए 10 टिकट नंबर घोषित किए गए: 16717, 18063, 18384, 60130, 64625, 65908, 71793, 77720, 80986, 92237। इनमें से कुछ नंबर ऐसे थे जिन्हें लोग आसानी से याद रख सकते थे — जैसे 77720 या 92237। अन्य नंबर, जैसे 64625 या 65908, बिल्कुल अनियमित लगते थे। ये अनियमितता जानबूझकर की गई है — ताकि कोई भी पैटर्न न बन सके।
पुरस्कार संरचना: कितना मिलता है?
ये लॉटरी किसी नए खेल नहीं है। ये 2001 से चल रही है — और 2023 के बाद से इसकी पुरस्कार संरचना स्थिर है।
- प्रथम पुरस्कार: ₹1,00,00,000 (1 करोड़)
- द्वितीय पुरस्कार: ₹10,000 (10 टिकट)
- तृतीय पुरस्कार: ₹500 (10 टिकट)
- चतुर्थ पुरस्कार: ₹250 (10 टिकट)
- पंचम पुरस्कार: ₹120 (20 टिकट)
- उपहार पुरस्कार: ₹1,000 (10 टिकट)
ये संरचना अब तक किसी भी बदलाव के बिना चल रही है। कुछ स्रोतों ने शुरू में दूसरा पुरस्कार ₹9,000 बताया था — लेकिन बाद में लॉटरी विभाग ने स्पष्ट कर दिया कि ये गलत था। अब सब कुछ स्पष्ट है।
टिकट कहाँ मिलता है? और क्या नियम हैं?
हर टिकट की कीमत ₹6 है। ये कोहिमा से लेकर अलमोड़ा तक, नागालैंड के 16 जिलों में छोटे-छोटे दुकानदारों के माध्यम से बिकता है। बहुत से लोग इसे अपने रोज के खर्च में शामिल कर लेते हैं — एक चाय की कीमत के बराबर।
लेकिन याद रखें: अगर आप जीत गए, तो आपके पास एक महीने का समय नहीं है। नागालैंड स्टेट लॉटरी निदेशालय के नियम के अनुसार, जीतने वाले को अपना टिकट 180 दिनों के भीतर दावा करना होगा। ये ऑफिस है: कोहिमा जिला, डिप्टी कमिश्नर कार्यालय के पास, लॉटरी कॉम्प्लेक्स, 797001।
टिकट पर कोई नोट, कट, या लिखावट नहीं होनी चाहिए। अगर आपने टिकट पर नाम लिख दिया, तो वो अमान्य हो जाएगा। ये नियम बहुत सख्त है — और इसीलिए कई लोग जीत जाने के बाद भी पैसा नहीं ले पाते।
अगला ड्रॉ: डियर ड्वार्का, 17 नवंबर 2025
इस शुक्रवार के बाद अगला ड्रॉ डियर ड्वार्का लॉटरी होगा — जो सोमवार, 17 नवंबर 2025 को शाम 6 बजे होगा। ये भी उसी संरचना के साथ होगा: ₹1 करोड़ का पहला पुरस्कार, ₹10,000 का दूसरा, और ऐसे ही अन्य।
अधिकारियों का कहना है कि इन ड्रॉज का उद्देश्य सिर्फ पैसा देना नहीं, बल्कि राज्य के लोगों के बीच उम्मीद का भाव बनाए रखना है। नागालैंड में रोजगार की कमी है। यहाँ कई युवा शहरों की ओर जा रहे हैं। लॉटरी उन्हें एक आशा का बिंदु बन गई है।
इतिहास और नियम: क्यों ये लॉटरी इतनी लोकप्रिय है?
नागालैंड लॉटरी 2001 में शुरू हुई — और उससे पहले राज्य में कोई आधिकारिक लॉटरी नहीं थी। लॉटरी एक्ट, 2000 के तहत इसे कानूनी दर्जा दिया गया। इसके बाद से ये राज्य का एक बड़ा राजस्व स्रोत बन गई है।
2023 में जब पहला पुरस्कार ₹50 लाख से बढ़कर ₹1 करोड़ हुआ, तो बिक्री लगभग 40% बढ़ गई। लोगों ने अपने बच्चों की शिक्षा, घर का निर्माण, या बीमा के लिए इसे एक बचत का तरीका बना लिया।
नियम बहुत स्पष्ट हैं: लॉटरी राष्ट्रीय त्योहारों — गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, गांधी जयंती — पर नहीं चलती। और ये ड्रॉ दिन में तीन बार होते हैं: सुबह 1 बजे, शाम 6 बजे, और रात 8 बजे। इनमें से रात का ड्रॉ सबसे ज्यादा लोकप्रिय है।
क्या ये न्यायसंगत है?
कुछ विश्लेषक कहते हैं कि ये लॉटरी गरीबों से पैसा लेकर उन्हें एक असंभव सपना दिखाती है। लेकिन जब आप एक गाँव के व्यक्ति से बात करते हैं जिसने अपनी बेटी की शिक्षा के लिए ₹10,000 जीते हैं — तो आपको लगता है कि ये सिर्फ एक खेल नहीं है। ये एक सामाजिक सुरक्षा जाल है — जो सरकार ने बनाया है।
लॉटरी के राजस्व से राज्य शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के लिए पैसा उपलब्ध कराता है। ये एक अजीब तरह का सामाजिक अनुबंध है — आप ₹6 देते हैं, और एक छोटी सी उम्मीद पाते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
डियर सीगल नाइट लॉटरी का पहला पुरस्कार कैसे जीता जाता है?
पहला पुरस्कार ₹1 करोड़ का होता है और यह एक ही टिकट नंबर पर दिया जाता है। जिस व्यक्ति के पास यह टिकट होता है, वह आधिकारिक वेबसाइट dearlotterysambadresult.in पर घोषित नंबर के साथ अपना टिकट दावा करता है। टिकट को बिना किसी बदलाव के लॉटरी कॉम्प्लेक्स, कोहिमा में जमा करना होता है।
क्या मैं ऑनलाइन टिकट खरीद सकता हूँ?
नहीं, नागालैंड लॉटरी के टिकट केवल राज्य के अनुमोदित दुकानदारों के माध्यम से ही बिकते हैं। कोई भी ऑनलाइन वेबसाइट या ऐप जो टिकट बेच रहा हो, वह अवैध है। ऐसे टिकट अमान्य होते हैं, और अगर आप जीत जाते हैं तो आपको पैसा नहीं मिलेगा।
जीतने के बाद पैसा कब मिलता है?
जीत की पुष्टि के बाद, राशि आमतौर पर 7-10 कार्यदिवसों में बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है। बड़े पुरस्कारों के लिए एक अतिरिक्त जाँच प्रक्रिया होती है — जिसमें टिकट की मूलता और अधिकारी की पहचान सत्यापित की जाती है।
क्या एक ही टिकट दो बार जीत सकता है?
नहीं, एक टिकट केवल एक ही पुरस्कार के लिए योग्य होता है। अगर कोई टिकट दूसरे या तीसरे पुरस्कार के लिए भी मेल खाता है, तो केवल सर्वोच्च पुरस्कार दिया जाता है। यह नियम लॉटरी के नियम 2001 के अनुच्छेद 12(c) में स्पष्ट रूप से दिया गया है।
क्या लॉटरी के नतीजे बदले जा सकते हैं?
नहीं, नतीजे एक नियंत्रित और निरीक्षित प्रक्रिया से निकाले जाते हैं। एक स्वतंत्र निरीक्षक ड्रॉ के दौरान उपस्थित रहता है, और पूरी प्रक्रिया CCTV के साथ रिकॉर्ड की जाती है। कोई भी बदलाव या दखल अवैध है और कानूनी कार्रवाई का विषय है।
अगर टिकट खो जाए तो क्या होगा?
टिकट खो जाने पर कोई दावा स्वीकार नहीं किया जाता। यह लॉटरी के नियमों का एक मूल सिद्धांत है — टिकट ही एकमात्र साबिती है। इसलिए जीतने वाले लोगों को अपने टिकट को सुरक्षित रखने की सख्त सलाह दी जाती है।