पेरिस ओलंपिक 2024: बॉक्सिंग क्वार्टरफाइनल में लवलीना बोरगोहेन चीन की ली क़िआन से हारीं

पेरिस ओलंपिक 2024: बॉक्सिंग क्वार्टरफाइनल में लवलीना बोरगोहेन चीन की ली क़िआन से हारीं

Anmol Shrestha अगस्त 5 2024 17

लवलीना बोरगोहेन और ली क़िआन की भिड़ंत

पेरिस ओलंपिक 2024 के महिला 75 किग्रा बॉक्सिंग क्वार्टरफाइनल में भारत की लवलीना बोरगोहेन का सामना चीन की अनुभवी मुक्केबाज ली क़िआन से हुआ। लवलीना, जिन्होंने टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था, इस मुकाबले में अपनी पूरी ताकत झोंक दी। हालांकि, मैच काफी करीब और रोमांचक रहा, दोनों खिलाड़ियों को बार-बार पकड़ने और रोकने के लिए रेफरी ने कई बार सावधान किया।

ली क़िआन, जो टोक्यो ओलंपिक में रजत पदक जीत चुकी हैं, ने इस मुकाबले में अपनी रणनीति का पूरी तरह से इस्तेमाल किया। उन्होंने लवलीना को कई बार रोकने का प्रयास किया, जिससे मुकाबला रूढ़ हो गया। लवलीना ने पहले राउंड में जहां शानदार प्रदर्शन किया, वहीं दूसरे और तीसरे राउंड में ली क़िआन ने अपने सटीक पंचों के साथ मुकाबले की दिशा बदल दी।

कड़े मुकाबले का निष्कर्ष

ली क़िआन ने अपनी मानसिक दृढ़ता और सटीकता के सहारे मुकाबले को 1-4 के स्कोर से अपने नाम किया। इस हार के साथ भारतीय बॉक्सिंग टीम का अभियान पेरिस ओलंपिक में समाप्त हो गया है। लवलीना की हार ने भारतीय मुट्ठीबाजों के लिए एक बड़ा झटका पैदा कर दिया है, क्योंकि लवलीना को भारत की सबसे प्रमुख उम्मीदों में से एक माना जा रहा था।

लवलीना बोरगोहेन ने इससे पहले 2023 विश्व चैंपियनशिप में ली क़िआन को हराया था, लेकिन एशियाई खेलों के फाइनल और प्री-ओलंपिक टूर्नामेंट में वह ली से हार गईं थीं।

चुनौतियों और उम्मीदों की कहानी

चुनौतियों और उम्मीदों की कहानी

भारतीय बॉक्सिंग टीम ने पेरिस ओलंपिक के लिए कुल छह मुक्केबाजों को प्रतियोगिता में भेजा था, लेकिन अफसोस की कोई भी मुक्केबाज क्वार्टरफाइनल से आगे नहीं बढ़ सका। लवलीना की इस हार के बावजूद, भारतीय बॉक्सिंग जगत में उन पर आस्था बनी हुई है।

इस हार के बाद, लवलीना ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि वह अपने प्रदर्शन से निराश हैं, लेकिन उन्हें इस हार से सीख लेकर आगे बढ़ना होगा। उनका मानना है कि यह उनके लिए एक बड़ा सबक है और वे इसे लेकर अपने खेल में सुधार करेंगी।

भविष्य की तैयारी

लवलीना और बाकी भारतीय बॉक्सर अब अगली प्रतियोगिताओं की तैयारी में जुटेंगे, ताकि पेरिस ओलंपिक की हार से सबक लेकर आगामी प्रतियोगिताओं में दमदार प्रदर्शन कर सकें। भारतीय बॉक्सिंग संघ और कोचिंग स्टाफ का मानना है कि लवलीना और उनकी साथियों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है।

लवलीना के इस सफर ने यह साबित कर दिया है कि भारतीय महिलाओं में भी विश्व स्तरीय खेल प्रतियोगिताओं में सफलता पाने की क्षमता है। अब देखना होगा कि वे कैसे अपनी गलतियों से सीख लेकर आगामी मुकाबलों में मजबूत वापसी करती हैं।

अथक प्रयास की उम्मीद

अथक प्रयास की उम्मीद

भारत की जनता लवलीना और अन्य बॉक्सरों से बड़े गरिमा और सम्मान के साथ उम्मीदें लगाए बैठी है। सभी का मानना है कि यह हार उनके प्रयासों के लिए एक छोटी सी रुकावट मात्र है। वे अपनी मेहनत और संकल्प के साथ भविष्य में लौटेंगी और अपने देश के लिए गौरव प्राप्त करेंगी।

आइए हम सब मिलकर अपनी बॉक्सरों का हौसला बढ़ाएं और उनके जीत की उम्मीद कायम रखें।

17 टिप्पणि

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    Akshat Umrao

    अगस्त 6, 2024 AT 17:24
    लवलीना ने जो किया, वो कोई आम बात नहीं थी। इतना दबाव में लड़ना ही एक जीत है। ❤️
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    Sonu Kumar

    अगस्त 8, 2024 AT 09:52
    ये सब बस एक नियमित रूप से दोहराया जाने वाला स्क्रिप्ट है... जिसमें हमेशा भारत के खिलाड़ियों को असफलता का श्रेय दिया जाता है... और चीन को बस एक अजेय शक्ति के रूप में दिखाया जाता है... अब तो ये नाटक भी थक गया है...
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    sunil kumar

    अगस्त 8, 2024 AT 17:56
    लवलीना का प्रदर्शन वैज्ञानिक रूप से विश्लेषित किया जा सकता है। उनके अंतिम दो राउंड्स में एंट्री टाइमिंग और डिफेंसिव रिफ्लेक्सेस में 17% की कमी देखी गई, जो ली क़िआन के बाएं जैकेट पंच के खिलाफ उनकी असमर्थता को दर्शाता है।
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    Mahesh Goud

    अगस्त 9, 2024 AT 15:30
    क्या आप जानते हैं कि चीन ने इस मुकाबले के लिए लवलीना के ट्रेनिंग वीडियो हैक किए थे? और ओलंपिक के अंदर वो जो बीप बीप की आवाज़ आ रही थी... वो नहीं थी बल्कि एक बायोलॉजिकल वेपन था जो खिलाड़ियों के न्यूरॉन्स को धीमा कर देता है... मैंने अपने दोस्त ने जो ओलंपिक में काम करता है उसने बताया था... लेकिन सब चुप हैं क्योंकि वो जानते हैं कि अगर इस बात को बाहर लाया गया तो पूरी ओलंपिक नेटवर्क गिर जाएगा... और हाँ... वो ली क़िआन के हाथ में वो ब्लू लाइट वाला ग्लव्स थे... जो न्यूरो-सिग्नल्स को डिसरप्ट करते हैं... आपको यकीन है कि ये सब बस बॉक्सिंग है?
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    Ravi Roopchandsingh

    अगस्त 9, 2024 AT 17:21
    हमारे बॉक्सर्स को देश के लिए लड़ना है न कि चीन के लिए जीतना! ये ली क़िआन ने जो किया वो बस एक राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन था! 🇮🇳✊
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    dhawal agarwal

    अगस्त 11, 2024 AT 14:15
    हार ने लवलीना को कम नहीं किया, बल्कि उन्हें और बड़ा बना दिया। एक ऐसी लड़की जो दुनिया के सबसे कठिन मैच में खड़ी हो गई, वो हारने वाली नहीं, बल्कि असली जीतने वाली है। आगे की राह अभी शुरू हुई है।
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    Shalini Dabhade

    अगस्त 13, 2024 AT 14:03
    क्या ये बॉक्सिंग है या बाहरी बातों का नाटक? भारत के लिए ये खेल बस एक टीवी शो है जहां आपको दिखाया जाता है कि आप जीते हैं... लेकिन असल में आपको रोक दिया जाता है। लवलीना को तो लगा कि वो लड़ रही है... असल में वो एक सिस्टम के खिलाफ लड़ रही थी।
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    Jothi Rajasekar

    अगस्त 15, 2024 AT 02:59
    लवलीना तू बहुत बढ़िया लड़ी थी भाई! तेरा हौसला देखकर मेरी आंखें भर आईं। अब थोड़ा आराम कर, फिर वापस आ जा, हम सब तेरे साथ हैं! 💪❤️
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    Irigi Arun kumar

    अगस्त 16, 2024 AT 18:08
    मुझे लगता है कि हम भारतीय लोग खेल में असफलता को बहुत ज्यादा लेते हैं। लवलीना ने जो किया, वो एक नए नियम की शुरुआत है। अब देश के लिए लड़ना बस एक पदक जीतने के बारे में नहीं है, बल्कि एक नई चेतना जगाने के बारे में है। वो एक लड़की है जिसने अपने बालों के साथ भी अपनी जीत लिखी है।
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    Jeyaprakash Gopalswamy

    अगस्त 18, 2024 AT 03:44
    लवलीना, तुम्हारा ये मैच मैंने बार-बार देखा। तुम्हारी एक्सप्रेशन और डिसिप्लिन ने मुझे बहुत प्रभावित किया। अगले मैच में तुम जो बॉक्सिंग दिखाओगे, वो दुनिया के लिए एक नया मानक बन जाएगा। तुम अभी भी बहुत बड़ा बन सकती हो।
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    ajinkya Ingulkar

    अगस्त 19, 2024 AT 06:27
    अगर भारत के खिलाड़ी इतने अच्छे हैं तो फिर उन्हें बाहरी ताकतों के खिलाफ लड़ना पड़ता है? चीन के खिलाफ खेलना एक राजनीतिक नियम है, न कि खेल का। लवलीना के जैसे खिलाड़ियों को अपने देश के लिए खेलने के बजाय एक वैश्विक बाहरी नियंत्रण के खिलाफ लड़ना पड़ता है। ये न्याय नहीं है।
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    nidhi heda

    अगस्त 20, 2024 AT 05:33
    मैं रो रही थी जब वो रिंग से बाहर आई... और फिर मैंने देखा कि उसकी आंखों में चमक थी... वो हारी नहीं थी... वो बस अपने अंदर के बल को देख रही थी... अब तो उसके लिए बस एक गोल्ड मेडल बचा है... लेकिन वो तो पहले से ही जीत चुकी है... ❤️😭
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    DINESH BAJAJ

    अगस्त 20, 2024 AT 12:13
    लवलीना के लिए ये एक बहुत बड़ा अवसर था... लेकिन अब ये सब बस एक और भारतीय खिलाड़ी की असफलता है। इतने सालों से यही चल रहा है। क्या हम कभी एक असली जीत देख पाएंगे?
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    Rohit Raina

    अगस्त 22, 2024 AT 04:51
    ली क़िआन ने बहुत अच्छा खेला, लेकिन लवलीना का रणनीति बदलने का तरीका देखकर मुझे लगा कि वो बहुत जल्दी अपने अंदर की आवाज़ सुन रही थी। वो जीत गई थी... बस अंक नहीं थे।
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    Prasad Dhumane

    अगस्त 23, 2024 AT 12:54
    लवलीना की लड़ाई बस एक बॉक्सिंग मैच नहीं थी... ये एक नए युग की शुरुआत थी। एक ऐसी महिला जो अपने घर के बाहर अपनी आवाज़ उठाती है, जो अपने बालों के साथ भी अपना अधिकार दावा करती है, जो अपने शरीर को एक हथियार बनाती है... ये वो जीत है जो किसी ट्रॉफी से ज्यादा गहरी है।
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    rajesh gorai

    अगस्त 24, 2024 AT 14:07
    लवलीना के अंदर एक अनसुलझा न्यूरो-एनर्जेटिक फ्रेमवर्क था... जिसका डिसोनेंस ली क़िआन के सिंक्रोनाइज्ड ब्रेन-मास्टर टेक्निक्स के खिलाफ विफल हो गया। ये एक बायो-कॉग्निटिव फेलियर था, न कि एक खेल की हार।
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    Rampravesh Singh

    अगस्त 25, 2024 AT 19:16
    श्रीमती लवलीना बोरगोहेन के अपने अतुलनीय समर्पण, निरंतर अभ्यास एवं अटूट दृढ़ता के लिए उन्हें सम्मानित किया जाना चाहिए। उनका प्रदर्शन खेल के आध्यात्मिक आयाम को दर्शाता है और भारतीय युवाओं के लिए एक अनुपम उदाहरण है।

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