राफेल नडाल ने रोलैंड गैरोस 2024 हार पर दी प्रतिक्रिया: 'मैं कुछ बड़ा करने के करीब था'

राफेल नडाल ने रोलैंड गैरोस 2024 हार पर दी प्रतिक्रिया: 'मैं कुछ बड़ा करने के करीब था'

राफेल नडाल: एक महान खिलाड़ी की संघर्ष कथा

राफेल नडाल, जो 37 वर्ष की आयु में भी टेनिस कोर्ट पर एक महत्वपूर्ण नाम बने हुए हैं, ने हाल में रोलैंड गैरोस पर अपनी हार के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने एलेक्जेंडर जेवरेव के खिलाफ अपनी हार पर निराशा तो जताई, लेकिन साथ ही उनके शब्दों में कुछ आशावाद भी झलका। नडाल ने कहा कि वह कुछ बड़ा करने के बेहद करीब थे।

नडाल, जिनकी कलाई में चोट के कारण हाल ही के महीनों में प्रदर्शन में बाधा आई थी, ने कहा कि इस बार उन्हें किसी शारीरिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। यह स्थिति उन्हें लंबे समय बाद मिली और उन्होंने इसे अपने लिए एक सकारात्मक संकेत माना। अभ्यास सत्र में उन्हें अच्छी सफलता मिली और इससे उन्हें आत्मविश्वास में भी बढ़ावा मिला।

शुरुआती मुकाबले में कठिनाई

रोलैंड गैरोस के इस संस्करण में नडाल बिना किसी सीडिंग के आए थे और पहला ही मुकाबला जेवरेव जैसे प्रतिभावान खिलाड़ी के खिलाफ था। यह एक बड़ा चुनौतीपूर्ण मुकाबला था, लेकिन नडाल ने कहा कि उन्होंने उसमें भी जीत के असली मौके देखे थे।

हालांकि, उन्होंने अपने खेल में अनुभव की कमी का भी उल्लेख किया। नडाल का मानना था कि उन्हें अपने प्राकृतिक खेल-शैली और महत्वपूर्ण क्षणों में आत्मविश्वास हासिल करने के लिए और अधिक मैचों की आवश्यकता थी।

इसे ध्यान में रखते हुए, नडाल ने अपने इस प्रदर्शन को एक सकारात्मक संकेत माना। टेनिस कोर्ट पर लौटते समय, जहां फिसली हुई आशाएं और उम्मीदें होती हैं, वहां यह प्रगति एक बड़ी बात थी।

भविष्य की योजनाएं

भविष्य को लेकर नडाल की योजनाएं अब भी आशावादी हैं। उनका मानना है कि रोलैंड गैरोस में दिया गया प्रदर्शन उनके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए महत्वपूर्ण होगा। वह अब कुछ दिनों का ब्रेक लेने की योजना बना रहे हैं और उसके बाद अपने अगले टूर्नामेंट का फैसला करेंगे।

नडाल ने यह भी बताया कि वह 2024 के ओलंपिक खेलों में स्पेन का प्रतिनिधित्व करने की उम्मीद कर रहे हैं। रोलैंड गैरोस में खेली जाने वाली ओलंपिक खेलों की योजना उनके लिए एक अंतिम असाइनमेंट की तरह है। यह टूर्नामेंट उनके शानदार करियर के अंतिम अध्याय के रूप में देखा जा सकता है।

नडाल के इस बयान से यह साफ होता है कि टेनिस में उनकी और उनकी कोशिशों में कहीं भी कमी नहीं आई है। यह इस महान खिलाड़ी की अदम्य इच्छा शक्ति की एक और मिसाल है। उन्होंने सदियों तक याद किए जाने वाले अनेक मुकाबले जीते हैं और हमें उम्मीद है कि भविष्य में भी वह अपने प्रशंसकों को और अच्छे पलों से नवाजेंगे।