राफेल नडाल ने रोलैंड गैरोस 2024 हार पर दी प्रतिक्रिया: 'मैं कुछ बड़ा करने के करीब था'

राफेल नडाल ने रोलैंड गैरोस 2024 हार पर दी प्रतिक्रिया: 'मैं कुछ बड़ा करने के करीब था'

Anmol Shrestha मई 29 2024 11

राफेल नडाल: एक महान खिलाड़ी की संघर्ष कथा

राफेल नडाल, जो 37 वर्ष की आयु में भी टेनिस कोर्ट पर एक महत्वपूर्ण नाम बने हुए हैं, ने हाल में रोलैंड गैरोस पर अपनी हार के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने एलेक्जेंडर जेवरेव के खिलाफ अपनी हार पर निराशा तो जताई, लेकिन साथ ही उनके शब्दों में कुछ आशावाद भी झलका। नडाल ने कहा कि वह कुछ बड़ा करने के बेहद करीब थे।

नडाल, जिनकी कलाई में चोट के कारण हाल ही के महीनों में प्रदर्शन में बाधा आई थी, ने कहा कि इस बार उन्हें किसी शारीरिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। यह स्थिति उन्हें लंबे समय बाद मिली और उन्होंने इसे अपने लिए एक सकारात्मक संकेत माना। अभ्यास सत्र में उन्हें अच्छी सफलता मिली और इससे उन्हें आत्मविश्वास में भी बढ़ावा मिला।

शुरुआती मुकाबले में कठिनाई

रोलैंड गैरोस के इस संस्करण में नडाल बिना किसी सीडिंग के आए थे और पहला ही मुकाबला जेवरेव जैसे प्रतिभावान खिलाड़ी के खिलाफ था। यह एक बड़ा चुनौतीपूर्ण मुकाबला था, लेकिन नडाल ने कहा कि उन्होंने उसमें भी जीत के असली मौके देखे थे।

हालांकि, उन्होंने अपने खेल में अनुभव की कमी का भी उल्लेख किया। नडाल का मानना था कि उन्हें अपने प्राकृतिक खेल-शैली और महत्वपूर्ण क्षणों में आत्मविश्वास हासिल करने के लिए और अधिक मैचों की आवश्यकता थी।

इसे ध्यान में रखते हुए, नडाल ने अपने इस प्रदर्शन को एक सकारात्मक संकेत माना। टेनिस कोर्ट पर लौटते समय, जहां फिसली हुई आशाएं और उम्मीदें होती हैं, वहां यह प्रगति एक बड़ी बात थी।

भविष्य की योजनाएं

भविष्य को लेकर नडाल की योजनाएं अब भी आशावादी हैं। उनका मानना है कि रोलैंड गैरोस में दिया गया प्रदर्शन उनके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए महत्वपूर्ण होगा। वह अब कुछ दिनों का ब्रेक लेने की योजना बना रहे हैं और उसके बाद अपने अगले टूर्नामेंट का फैसला करेंगे।

नडाल ने यह भी बताया कि वह 2024 के ओलंपिक खेलों में स्पेन का प्रतिनिधित्व करने की उम्मीद कर रहे हैं। रोलैंड गैरोस में खेली जाने वाली ओलंपिक खेलों की योजना उनके लिए एक अंतिम असाइनमेंट की तरह है। यह टूर्नामेंट उनके शानदार करियर के अंतिम अध्याय के रूप में देखा जा सकता है।

नडाल के इस बयान से यह साफ होता है कि टेनिस में उनकी और उनकी कोशिशों में कहीं भी कमी नहीं आई है। यह इस महान खिलाड़ी की अदम्य इच्छा शक्ति की एक और मिसाल है। उन्होंने सदियों तक याद किए जाने वाले अनेक मुकाबले जीते हैं और हमें उम्मीद है कि भविष्य में भी वह अपने प्रशंसकों को और अच्छे पलों से नवाजेंगे।

11 टिप्पणि

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    nidhi heda

    मई 30, 2024 AT 07:23
    ये तो बस दिल टूट गया 😭 राफेल के लिए तो ये हार भी जीत है... मैं रो पड़ी, ऐसा लगा जैसे मेरा अपना बच्चा टूर्नामेंट में निकल गया।
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    DINESH BAJAJ

    मई 30, 2024 AT 19:31
    क्या ये सब नाटक है? 37 साल के आदमी को अभी भी ग्रैंड स्लैम जीतने की उम्मीद है? टेनिस अब युवाओं का खेल है। इसको नाटक नहीं, असलियत देखो।
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    Rohit Raina

    जून 1, 2024 AT 12:12
    देखो, ये जो बोल रहे हैं उनका दिमाग अभी भी 2010 के दशक में फंसा हुआ है। नडाल ने बस एक बार फिर साबित कर दिया कि लगन और दिमाग से कुछ भी हो सकता है। जो लोग इसे नाटक कहते हैं, वो अपने जीवन में कभी एक भी बड़ा लक्ष्य नहीं रख पाए।
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    Prasad Dhumane

    जून 2, 2024 AT 15:21
    मुझे लगता है नडाल का ये प्रदर्शन एक नए युग की शुरुआत है - नहीं, नए युग की नहीं, बल्कि एक पुराने युग का सम्मानपूर्ण अंत। उनकी लगन, उनका दमन, उनका अहंकार नहीं... बल्कि उनका विनम्रता से भरा दृष्टिकोण। ये वो चीज है जो आज के खिलाड़ी सीख सकते हैं। जब तक तुम खुद को बड़ा नहीं समझते, तब तक तुम वास्तविक रूप से बड़े नहीं होते।
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    rajesh gorai

    जून 4, 2024 AT 13:13
    इस हार में एक डायनामिक असंतुलन का अस्तित्व है - जहां शारीरिक अक्षमता का अभाव एक अनुभवी खिलाड़ी के लिए एक ओवरलैपिंग इंटेलेक्चुअल फ्रेमवर्क प्रदान करता है। नडाल के लिए ये एक एक्सिस ऑफ़ एक्सिस्टेंशियल रियलिटी का प्रतीक है। जब तुम जीतने के लिए नहीं, बल्कि अपनी सीमाओं को टेस्ट करने के लिए खेलते हो, तो तुम वास्तव में जीत जाते हो।
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    Rampravesh Singh

    जून 6, 2024 AT 10:36
    सभी भारतीय युवाओं को यह संदेश देना चाहता हूँ - निराशा कभी आपके अंदर घर नहीं बनने दें। राफेल नडाल ने हमें सिखाया कि असफलता का अर्थ हार नहीं, बल्कि अगले चरण की शुरुआत है। हमें इसी भावना से आगे बढ़ना होगा।
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    Akul Saini

    जून 7, 2024 AT 04:20
    अगर हम इसे सिर्फ एक हार के रूप में देखें, तो हम इसके गहरे अर्थ को खो देंगे। नडाल ने अपनी शारीरिक सीमाओं के बावजूद एक ऐसा खेल खेला जिसमें टेक्निकल प्रिसिजन और मानसिक अनुकूलन दोनों का समन्वय था। ये एक अध्ययन है जिसे टेनिस फैन्स और साइकोलॉजिस्ट दोनों को अध्ययन करना चाहिए।
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    Arvind Singh Chauhan

    जून 9, 2024 AT 03:26
    मैंने उनके बयान को पढ़ा... और फिर अपने जीवन के उन सभी अधूरे सपनों को याद किया... जो मैंने कभी नहीं लड़े। वो तो लड़ रहे हैं... और मैं? मैं बस स्क्रॉल कर रहा हूँ।
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    AAMITESH BANERJEE

    जून 10, 2024 AT 20:29
    मुझे लगता है नडाल ने जो कहा वो सच है। वो बहुत करीब थे। लेकिन अगर हम उनकी यात्रा को देखें, तो वो कभी नहीं रुके। उन्होंने चोटें झेलीं, आलोचनाएं सुनीं, लेकिन कभी अपने खेल से नहीं भागे। ये बस एक मैच नहीं, ये एक जीवन दृष्टिकोण है। और अगर आप इसे नहीं समझ पाए, तो शायद आपको खुद को जानने की जरूरत है।
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    Akshat Umrao

    जून 11, 2024 AT 09:22
    वाह राफेल तो अभी भी बाकी हैं 🙌 इन्होंने बस एक मैच खोया, नहीं अपना सारा करियर। मैं उन्हें ओलंपिक्स में देखना चाहता हूँ। बस एक बार और देखना है।
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    Sonu Kumar

    जून 12, 2024 AT 14:23
    मुझे लगता है कि यह सब बहुत अतिशयोक्ति है... एक ऐसे खिलाड़ी के लिए जिसका असली योगदान एक दशक पहले ही खत्म हो चुका था। इस बयान को जनता के लिए बनाया गया है - एक नाटकीय निष्कर्ष, जिसे टेनिस के इतिहास के लिए जमा करने की कोशिश की जा रही है।

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