बाजार में उतार-चढ़ाव के बाद सेंसेक्स और निफ्टी नई ऊंचाइयों पर
17 अप्रैल 2025 को भारतीय शेयर बाजार ने शुरुआत में तो थोड़ी सुस्ती दिखाई, लेकिन दिन खत्म होने तक बाजार की चाल बदल गई। Sensex 309 अंकों की बढ़त के साथ 77,044 पर बंद हुआ, वहीं Nifty 104.60 अंक चढ़कर 23,433 अंक तक पहुंच गया। सुबह GIFT Nifty के संकेत कमजोर थे, और यह 71 अंकों की गिरावट के साथ 23,363 पर दिख रहा था, लेकिन बाजार ने दिनभर में अपनी स्थिति को मजबूत किया।
विदेशी निवेशकों यानी FIIs ने भारतीय शेयर बाजार में 3,936 करोड़ रुपये की जोरदार खरीदारी की, जिससे मार्केट को मजबूती मिली। इसके विपरीत घरेलू निवेशक (DIIs) ने 2,512 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, लेकिन एफआईआई की तगड़ी हिस्सेदारी ने बाजार को सहारा दिया।
बाजार को चलाने वाले बड़े कारण और सेक्टर्स का हाल
इस तेजी के पीछे कई वजहें थीं। सबसे अहम था कंपनियों के तिमाही नतीजे (Q4 Earnings), अमेरिका की ट्रेड पॉलिसी से जुड़ी खबरें और ग्लोबल बाजारों का रुख। मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि निवेशकों को इन चीज़ों को लगातार नजर में रखना चाहिए, क्योंकि भविष्य की दिशा इन्हीं से तय होगी।
टेक्निकल एनालिसिस के हिसाब से Religare Broking के अजीत मिश्रा की मानें तो अगर निफ्टी 23,400 के ऊपर बना रहता है, तो अब 23,800 तक का रास्ता खुल सकता है। टेक्निकल चार्ट्स पर यह एक अहम रेजिस्टेंस लेवल माना जा रहा है।
- आईटी सेक्टर ने निराश किया—यहां 4.7% तक की गिरावट देखी गई।
- इसके उलट डिफेंसिव सेक्टर यानी पीएसयू बैंक (3% ऊपर), ऑयल और गैस, रियल्टी, और एफएमसीजी (1% ऊपर) सेक्टर में जोरदार तेजी रही।
- मिडकैप इंडेक्स 0.5% और स्मॉलकैप इंडेक्स 0.15% की मामूली बढ़त पर बंद हुए।
अगर हम शेयरों की बात करें तो नेस्ले इंडिया, पावर ग्रिड और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने सबसे ज्यादा फायदा कमाया। वहीं जिन निवेशकों के पैसे आईटी स्टॉक्स में थे—जैसे इंफोसिस, टेक महिंद्रा, और एचसीएल टेक्नोलॉजीज—उनकों नुकसान उठाना पड़ा।
एक और दिलचस्प आंकड़ा यह रहा कि 4 ऐसे स्टॉक्स रहे, जो अपनी 200 दिन की मूविंग एवरेज (DMA) के नीचे फिसल गए। आमतौर पर इसे तकनीकी रूप से कमजोरी का संकेत माना जाता है, इसलिए यहां निवेशकों को खास सावधानी रखनी चाहिए।
17 अप्रैल की तेजी के बाद 18 अप्रैल को बाजार बंद रहा, क्योंकि गुड फ्राइडे की छुट्टी थी। ऐसे में विश्लेषकों ने सलाह दी कि निवेशक लंबी छुट्टी के बाद अपने पोर्टफोलियो को फिर से जरूर जांच लें। बाजार के उतार-चढ़ाव और विदेशी फंड्स के ताजा रुझान आने वाले दिनों में दिशा तय करेंगे।