जीका वायरस क्या है? लक्षण, फैलाव और बचाव के आसान टिप्स
जीका वायरस एक छोटा RNA वायरस है जो मुख्य रूप से एडीस एडीस मच्छर (Aedes aegypti) के काटने से लोगों में फैलता है। पहली बार 1947 में उगांडा में मिल गया था, लेकिन 2015‑16 में लैटिन अमेरिका में बड़ी महामारी बन गया, जिससे गर्भ में बच्चे में माइक्रोसेफ़ली की आशंका भी बढ़ गई। भारत में अभी तक बड़े पैमाने पर केस नहीं मिले हैं, पर मच्छरों की मौजूदगी और गर्म मौसम से खतरा कभी नहीं जाता।
जीका वायरस के लक्षण और संक्रमण का रास्ता
लक्षण अक्सर हल्के होते हैं और फ्लू या डेंगू जैसा दिखते हैं। बुखार, सिरदर्द, मसल पेन, आइब्स (हाथ‑पैर में लाल धब्बे), और आँखों में जलन आम हैं। अधिकांश लोग बिना किसी परेशानी के ठीक हो जाते हैं, लेकिन यदि गर्भवती महिला संक्रमित हो जाए तो बच्चे में सिर छोटा (माइक्रोसेफ़ली) हो सकता है। वायरस केवल मच्छर के काटने से नहीं, बल्कि सेक्स, रक्त संचरण और गर्भावस्था के दौरान भी फेल सकता है, इसलिए सावधानी जरूरी है।
रोकथाम के सरल उपाय और यात्रा सलाह
सबसे आसान बचाव मच्छर नियंत्रण है। घर के अंदर और बाहर पानी जमा न रखें – टंकी, बर्तन, फूलदान, टायर जैसी चीज़ें साफ़ रखें। अगर बाहर रहना पड़े तो किटाणु-रहित मच्छरदानी, क्रीम या स्प्रे इस्तेमाल करें, और लंबी बाजू वाले कपड़े पहनें। यात्रा पर जाने से पहले उस इलाके में जीका के केस हैं या नहीं, यह जांचें। गर्भवती महिलाओं को उन क्षेत्रों से बचना चाहिए जहाँ वायरस का खतरा हाई है। अभी तक कोई वैक्सीन आम जनता के लिए उपलब्ध नहीं है, इसलिए व्यक्तिगत सुरक्षा ही सबसे भरोसेमंद उपाय है।
अगर आपको बुखार और आँखों में जलन जैसे लक्षण दिखाई दें, तो डॉक्टर से तुरंत मिलें, खासकर अगर आप गर्भवती हैं या हाल ही में जोखिम वाले इलाके में रहे हैं। घर पर हल्का मसाज, पर्याप्त पानी और आराम से जल्दी ठीक हो सकते हैं, पर एक बार टेस्ट करवाना सुरक्षित रहता है। याद रखें, वायरस का कोई दवा नहीं, इसलिए बचाव ही सबसे बेहतर तरीका है।
संक्षेप में, जीका वायरस को समझना, मच्छरों को घर से दूर रखना, और यात्रा के दौरान सावधानी बरतना आपके स्वास्थ्य को बचा सकता है। छोटे-छोटे कदम मिलकर बड़े खतरे को रोकते हैं – तो आज ही अपने घर में जल निकासी की जाँच करें और सुरक्षित रहें।