चक्रवात फेंगल का तांडव
शनिवार की शाम, चक्रवात फेंगल ने पुदुचेरी के नजदीक दस्तक दी, जिससे उत्तर तमिलनाडु और पुदुचेरी में भारी बारिश और तेज हवायें चलीं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अगले कुछ घंटों में इस चक्रवात के गहरा अवसाद में बदलने का अनुमान जताया है, और इसके पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है। यह चक्रवात क्षेत्रीय वातावरण में उथल-पुथल मचाता दिख रहा है, जिसका असर नागरिक जीवन और व्यवस्थाओं पर भी पड़ रहा है।
तटीय इलाकों में स्थिति
फेंगल के बढ़ते प्रभाव के कारण तमिलनाडु के विल्लुपुरम, कड्डलोर, कल्लाकुरिची और तिरुवन्नामलाई जिलों, साथ ही पुदुचेरी में भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। यहां रेड अलर्ट जारी है, जो दर्शाता है कि हालात कितने गंभीर हो सकते हैं। इसी के चलते ग्रामीण और शहरी इलाकों में अलर्ट जारी कर सुरक्षात्मक कदम उठाये जा रहे हैं। जनजीवन में व्यवधान के साथ-साथ कृषि और बुनियादी ढांचे पर भी इसका भारी असर पड़ सकता है।
चन्नई में बारिश का रिकॉर्ड
चन्नई शहर ने पिछले 24 घंटों में 18 सेंटीमीटर से ज्यादा बारिश दर्ज की, जिसमें सबसे ज्यादा बारिश जया इंजीनियरिंग कॉलेज में 13.2 सेंटीमीटर रही। यह आकड़ा दिखाता है कि शहर ने जबरदस्त बारिश की चपेट में है। इस समय, पुदुचेरी ने 490 मिमी बारिश दर्ज की, जो अब तक का सबसे अधिक दर्ज होने वाला आकड़ा है। इसने चन्नई हवाई अड्डे को 16 घंटे तक बंद रहने पर मजबूर किया और 200 से अधिक उड़ानों को रद्द किया गया। शहर में बारिश से जुड़ी घटनाओं में तीन लोगों की मौत भी हुई है।
सरकार के कदम
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने आपदा प्रबंधन नियंत्रण कक्ष का दौरा कर तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने सुनिश्चित किया कि आम जनजीवन पर विपरीत प्रभाव न पड़े। राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री केकेएसएसआर रामचंद्रन ने कहा कि अब तक किसी बड़े नुकसान की सूचना नहीं है। इससे पहले, सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं के लिए बिल भुगतान की समयसीमा बढ़ा दी, जिससे लोगों को राहत मिल सके।
आपात स्थिति की तैयारी
परिस्थितियों को देखते हुए इमर्जेंसी हेल्पलाइन सक्रिय कर दी गई है, और निवासियों को परामर्श जारी किया गया है। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है, क्योंकि हवायें अब भी खतरनाक बनी हुई हैं। भारतीय नौसेना ने बे ऑफ बंगाल में चक्रवात फेंगल के कारण एक व्यापक आपदा प्रतिक्रिया योजना को सक्रिय किया है। यह योजना त्वरित और प्रभावी राहत कार्यों को सुनिश्चित करेगी।
राहत कार्य और सतर्कता
तिरुवरुर और नागपट्टिनम जिलों में कुल 471 लोगों, जिनमें 164 परिवार शामिल हैं, को 6 राहत केंद्रों में ठहराया गया है। राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग ने सार्वजनिक सहायता प्राप्त करने हेतु टोल-फ्री नंबर 112 और 1077 स्थापित किए हैं। यह सुनिश्चित करेगा कि किसी भी आपात स्थिति के दौरान लोगों को त्वरित सहायता मिल सके।
इस प्रकार तमिलनाडु और पुदुचेरी में जीवन सामान्य होने में अभी समय लग सकता है। यह स्थिति नागरिकों से धैर्य, सतर्कता और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील करती है।
Aashna Chakravarty
दिसंबर 3, 2024 AT 06:13ये चक्रवात तो सिर्फ प्राकृतिक आपदा नहीं है, ये तो अमेरिका और चीन की गुप्त हथियार परीक्षणों का नतीजा है! आईएमडी और सरकार सब झूठ बोल रहे हैं, वो बस लोगों को भालू दिखा रहे हैं। जब तक इन देशों के सैटेलाइट्स को नहीं बंद कर दिया जाएगा, तब तक ये तूफान बंद नहीं होंगे। मैंने खुद एक इंजीनियर से बात की थी, जिसने कहा कि इनके लिए वेदर वेपन्स बनाने का प्रोग्राम पहले से ही चल रहा है। ये तो युद्ध है, बस हमें इसकी जानकारी नहीं दी जा रही।
Kashish Sheikh
दिसंबर 5, 2024 AT 04:16हर किसी को ये बताना चाहूंगी कि आपके आसपास के लोगों को देखो - अगर कोई घर में अकेला है, तो उसके लिए चाय लेकर जाओ 😊। ये तूफान तो बस हवा और पानी का खेल है, लेकिन हमारी इंसानियत असली बचाव है। मैंने अपने गांव में एक बुजुर्ग महिला को देखा, जिसने अपना खाना बांट दिया था - वो ही असली हीरो हैं ❤️। हम सब मिलकर इस बारिश को भी गाना बना सकते हैं।
dharani a
दिसंबर 6, 2024 AT 05:57अरे भाई, आईएमडी ने जो डेटा दिया है, उसका एनालिसिस तो बहुत बेसिक है। तुम्हें पता है कि बंगाल की खाड़ी में समुद्र का तापमान अभी 31.5°C है? ये तो सामान्य नहीं है - ये तो एल नीनो के बाद का सबसे ज्यादा वृद्धि वाला डेटा है। और चेन्नई के 18 सेमी बारिश का आंकड़ा? वो तो आईएमडी के पुराने सेंसर्स के गलत कैलिब्रेशन की वजह से है। नए सेंसर्स ने तो 22.4 सेमी दिखाया है, लेकिन सरकार ने डेटा को कम दिखाने के लिए फिल्टर कर दिया। बस इतना ही नहीं, तमिलनाडु में जो 471 मिमी बारिश हुई, वो अभी तक की सबसे ज्यादा नहीं - 2015 में 512 मिमी हुआ था। लोग भूल गए हैं।
Vinaya Pillai
दिसंबर 6, 2024 AT 07:31अरे वाह, ये तो बहुत अच्छा हुआ कि सरकार ने बिजली बिल बढ़ा दिए। लेकिन जब तक लोगों के घरों के छतें नहीं बनाई जातीं, तब तक ये सब बस एक फोटो ऑपरेशन है 😒। अगर आपको लगता है कि टोल-फ्री नंबर बचाएगा, तो आप भी वहीं बैठे हैं जहां मैं बैठी हूं - एक ऐसी जगह जहां बारिश आ रही है और आपका फोन भी नहीं चल रहा। अगर आप असली मदद चाहते हैं, तो अपने पड़ोसी को बुलाओ। एक चाय, एक बातचीत, और शायद एक बर्तन भी दे दो। वो ज्यादा असरदार होगा जिस टोल-फ्री नंबर से।
mahesh krishnan
दिसंबर 8, 2024 AT 07:27