पर्यावरण के ताज़ा अपडेट – क्या हो रहा है आपके आस‑पास?
हर दिन हम समाचार देखते‑देखते अक्सर पर्यावरण के मुद्दों को पीछे छोड़ देते हैं। लेकिन जब हवा में धुंध, नदी में कचरा और जंगल में सूखापन दिखे, तो हमें तुरंत पता चल जाता है कि बदलाव जरूरी है। इस सेक्शन में हम दो बड़े पर्यावरण‑सम्बन्धी घटनाओं को समझाते हैं, ताकि आप भी जागरूक हो सकें और भागीदारी कर सकें।
रिवर योग: गोमती नदी की सफाई में भारतीय सेना का नया कदम
लखनऊ में भारतीय सेना ने ‘रिवर योग’ नाम का एक अनूठा अभियान शुरू किया है। इस पहल में टेरिटोरियल आर्मी के जवान योग के साथ‑साथ स्थानीय लोगों को भी गोमती नदी की सफाई में जोड़ रहे हैं। 21 जून 2025 तक चलने वाले इस कार्यक्रम में हर सुबह योग सत्र के बाद, स्वेच्छा से लोगों को कूड़ा‑कचरा उठाने के लिए कहा जाता है।
क्यूँ योग? योग से शरीर और मन दोनों का संतुलन बनता है, जिससे लोग पर्यावरण की महत्ता को समझते हैं और खुद से बदलाव लाने की प्रेरणा मिलती है। इस अभियान में स्थानीय स्कूलों, कॉलेजों और NGOs को भी शामिल किया गया है, इसलिए युवा वर्ग भी सक्रिय भागीदार बन रहा है। अगर आप अपने घर के पास कोई छोटी नदी या तालाब देखते हैं, तो यहीं से शुरू कर सकते हैं – एक छोटा बर्स्ट बीन (डबे) रखें और रोज़ थोड़ा‑बहुत साफ‑सफाई करें।
दिल्ली की खतरनाक वायु गुणवत्ता: दीवाली के बाद का एअर क्वालिटी इंडेक्स (AQI)
दीवाली के बाद दिल्ली की हवा में ऐसा बदलाव आया है कि AQI ‘बहुत खराब’ श्रेणी में चला गया। पटाखों की आवाज़ाही और धुँध के कारण PM2.5 लेवल तेज़ी से बढ़ा, और कई क्षेत्रों में ‘खतरनाक’ स्तर तक पहुंच गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने बताया कि आज रात से अगले दो‑तीन दिनों तक यह स्थिति बनी रह सकती है।
क्या करें? सबसे पहले अपने मोबाइल या ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर AQI चेक करें – इससे आप जानते हैं कि कौन से समय में बाहर जाना सुरक्षित है। घर में एयर प्यूरीफ़ायर या HEPA फ़िल्टर वाले वैक्यूम क्लीनर का उपयोग करें। बाहर निकलते समय मास्क पहनें और बहुत देर तक थकान न बढ़ाएँ। अगर संभव हो तो घर के अंदर पौधे लगाएँ – मनी प्लांट, स्नेक प्लांट या एलोवेरा जैसे पौधे हवा को साफ़ करने में मदद करते हैं।
इन दो घटनाओं में एक चीज़ समान है – सक्रिय भागीदारी। चाहे वह ‘रिवर योग’ में हाथ बंटाना हो या अपने घर में वायु सुधार के छोटे‑छोटे कदम उठाना, हर एक कोशिश बड़ी बदलाव की ओर ले जाती है। आप भी अपने पड़ोस में सामुदायिक सफाई या जागरूकता कार्यक्रम शुरू कर सकते हैं। बस शुरू करने का डर न रखें, छोटा कदम भी बड़ा असर डालता है।
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