गोमती नदी की सफाई में भारतीय सेना का अनूठा 'रिवर योग' अभियान

गोमती नदी की सफाई में भारतीय सेना का अनूठा 'रिवर योग' अभियान

Anmol Shrestha मई 10 2025 17

सेना की नई पहल: योग, सफाई और जागरूकता एक साथ

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सुबह- सुबह गोमती नदी के किनारे अब नजारा बदल गया है। वहां भारतीय सेना की टेरिटोरियल आर्मी ने 'रिवर योग' अभियान छेड़ा है। सेना के जवान और स्थानीय लोग एक साथ योग करते हैं, और उसी के बाद जंगल, नदी किनारे और घाटों पर सफाई अभियान चलता है। दरअसल, यह पहल सिर्फ सफाई तक सीमित नहीं है, बल्कि नदी के पुनर्जीवन, पर्यावरण चेतना और लोगों की सोच बदलने के लिए भी है।

यह अभियान गोमती नदी को केंद्र में रखते हुए चलाया जा रहा है। सुबह योग से शुरू होकर घाटों की गंदगी हटाने, कूड़ा-कचरा जमा करने, और लोगों से नदी में कचरा न डालने की अपील तक यह मुहिम जाती है। टेरिटोरियल आर्मी के जवान लोगों के साथ मिलकर, सहूलियत देते हैं और खुद भी नदी के किनारे साफ करते हैं। खास बात यह है कि इसमें बच्चे, महिलाएं और युवा सभी बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं।

नदी को बचाने की मुहिम में सेना का रोल

इस पूरे अभियान का संचालन 'नमामि गंगे' के तहत किया जा रहा है, जिसमें सेना की भागीदारी देशभर में अलग मिसाल बन रही है। अंग्रेजों के जमाने से सेना अनुशासन और सेवा के लिए जानी जाती है, लेकिन अब वह पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भी उतर आई है। सेना की यह पहल संदेश देती है कि देश की नदियों को बचाना किसी सरकार, किसी संस्था या विभाग का ही काम नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है।

'रिवर योग' सिर्फ एक योग कैम्प नहीं है, इसके जरिए हर सप्ताह लोगों को गोमती की सेहत और सफाई के बारे में बताया जाता है। आयोजन में प्लास्टिक के दुष्प्रभाव, गंदगी के कारण नदी में घुलने वाले रसायनों और जैव विविधता पर संकट जैसी बातों पर चर्चा होती है। सेना के अधिकारी लोगों को बताते हैं कि नदी में बह रहा कचरा सिर्फ पानी को ही नहीं, बल्कि उनकी खुद की सेहत को भी असर करता है।

  • प्रत्येक रविवार योग और सफाई अभियान साथ चलते हैं।
  • प्रदूषण रोकने के लिए कार्यशालाएं और छोटी-छोटी जनसभाएं लगती हैं।
  • स्कूली बच्चों और कॉलेज के युवा स्वयंसेवक के तौर पर साथ आते हैं।
  • स्थानीय दुकानदार व घुमंतू लोग कचरा फेंकने पर मना करने लगे हैं।

यह अभियान जून 2025 तक चलेगा और आशा है कि इस लंबे समय में गोमती के किनारे साफ-सुथरे रहेंगे। लोगों की सोच में भी बदलाव आएगा। सेना की पहल ने नदी संरक्षण का जो बीज बोया है, उसमें उम्मीदें लाजिमी हैं।

17 टिप्पणि

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    PRATIKHYA SWAIN

    मई 11, 2025 AT 18:09
    ये तो बहुत अच्छी बात है। सेना का ये कदम सच में प्रेरणादायक है।
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    Aayush ladha

    मई 12, 2025 AT 21:49
    अब तो सेना ने सब कुछ कर लिया... पर आम आदमी अभी भी नदी में प्लास्टिक फेंकता है। ये सिर्फ दिखावा है।
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    Rahul Rock

    मई 13, 2025 AT 22:41
    योग और सफाई का संगम है ये। जब शरीर की स्वच्छता और पर्यावरण की स्वच्छता एक साथ हो, तो ये एक नया धर्म बन जाता है।
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    Annapurna Bhongir

    मई 14, 2025 AT 15:19
    इतना जोर लगाने की जरूरत नहीं थी सेना को नदी साफ करने में शामिल होने के लिए
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    MAYANK PRAKASH

    मई 15, 2025 AT 07:24
    मैंने इस अभियान में भाग लिया है। रविवार को सुबह 6 बजे योग करने के बाद नदी किनारे बोर्ड लगाने गए थे। लोगों ने बहुत प्यार दिखाया।
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    Akash Mackwan

    मई 16, 2025 AT 15:00
    अरे भाई, सेना को ये काम करने का मतलब क्या? वो तो देश की रक्षा करे। नदी साफ करने के लिए कोई NGO नहीं है? ये बस लोगों को इमेज बनाने की चाल है।
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    Amar Sirohi

    मई 16, 2025 AT 23:02
    अगर हम नदी को बचाना चाहते हैं तो पहले ये समझना होगा कि नदी केवल जल का एक बहाव नहीं है, बल्कि एक जीवन रेखा है जो हमारे आत्मा के साथ धड़कती है। योग उस आत्मा को शांत करता है, और सफाई उसके शरीर को शुद्ध करती है। ये दोनों एक ही चेतना के दो पहलू हैं।
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    Nagesh Yerunkar

    मई 18, 2025 AT 19:18
    ये सब बहुत अच्छा है 😊🙏 लेकिन सरकार को इसके बाद नदी के नीचे के नालों को भी बंद करना चाहिए। वरना ये सब बेकार है 😔
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    Daxesh Patel

    मई 18, 2025 AT 21:41
    क्या ये अभियान सिर्फ लखनऊ तक सीमित है? मैंने गोमती के ऊपरी हिस्से में भी ऐसा कुछ नहीं देखा। शायद ये सिर्फ शहरी इलाकों में ही हो रहा है।
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    Jinky Palitang

    मई 20, 2025 AT 09:30
    मैं लखनऊ से हूँ और ये अभियान वाकई बदलाव ला रहा है। पिछले महीने मैंने एक बच्चे को नदी में बोतल फेंकते देखा था, अब वो मुझे देखकर नमस्ते करता है 😄
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    Sandeep Kashyap

    मई 22, 2025 AT 05:52
    ये जो जागरूकता फैल रही है वो सच में दिल को छू गई। मैंने अपने दोस्तों को भी लाया है। अब हर रविवार हम योग करते हैं और नदी के किनारे बैठकर बातें करते हैं। ये बस सफाई नहीं, ये तो सामुदायिक आत्मा है।
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    Aashna Chakravarty

    मई 23, 2025 AT 23:43
    सेना ने ये क्यों शुरू किया? क्या ये राजनीति का एक हिस्सा है? क्या अमेरिका या चीन के खिलाफ कुछ योजना है? मैंने सुना है कि नदी में कुछ रिमोट सेंसर लगाए गए हैं जो जासूसी कर रहे हैं। ये सब बहुत शक्तिशाली है।
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    Kashish Sheikh

    मई 25, 2025 AT 08:15
    मैंने इस अभियान में अपने बच्चों को शामिल किया है। अब वो घर पर भी प्लास्टिक नहीं फेंकते। ❤️🙏 ये बदलाव छोटा है लेकिन असली है।
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    dharani a

    मई 26, 2025 AT 07:08
    तुम सब ये बातें कर रहे हो पर क्या तुमने कभी सोचा कि गोमती के नीचे वाले सीवर से जहरीला पानी निकल रहा है? ये सब बस बाहरी दिखावा है।
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    Vinaya Pillai

    मई 27, 2025 AT 13:08
    ओह तो अब सेना नदी साफ कर रही है... लेकिन जब तक शहर के नाले बंद नहीं होते, ये सब बस एक बड़ा नाटक है। 😒
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    mahesh krishnan

    मई 28, 2025 AT 14:01
    ये सब बहुत अच्छा है लेकिन सेना को अपने बैंक खाते चेक करने चाहिए। ये सब खर्चा कौन कर रहा है?
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    Deepti Chadda

    मई 29, 2025 AT 18:33
    हमारी सेना हर चीज करती है बस देश के लिए ❤️🇮🇳

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