सऊदी अरब में इस साल हज यात्रा के दौरान 1,000 से अधिक तीर्थयात्रियों की मौत

सऊदी अरब में इस साल हज यात्रा के दौरान 1,000 से अधिक तीर्थयात्रियों की मौत

Anmol Shrestha जून 24 2024 15

सऊदी अरब में हज यात्रा के दौरान 1,000 से अधिक तीर्थयात्रियों की मौत

इस साल की हज यात्रा सऊदी अरब के लिए एक घातक यात्रा सिद्ध हुई है। इस बार 1,000 से अधिक तीर्थयात्रियों की मौतें हुई हैं, जिनमें से अधिकांश मौतें अत्यधिक उच्च तापमान के कारण हुईं। सऊदी अरब के रेगिस्तानी क्षेत्रों में तापमान 49°C (120°F) तक पहुंच गया था, जिससे तीर्थयात्री बेहद गर्मी से प्रभावित हुए।

मिस्र के तीर्थयात्रियों की मौतें

इस घातक यात्रा में सबसे अधिक मौतें मिस्र के तीर्थयात्रियों की हुई हैं। लगभग 31 अधिकृत तीर्थयात्री, जो कि पुरानी बीमारियों से ग्रस्त थे, मृत्यु को प्राप्त हुए। इसके अलावा, कम से कम 630 लोग जो कि विजिट वीजा पर आए थे, उनकी भी मौत हो गई। इस घटना के बाद मिस्र सरकार ने 16 ट्रैवल एजेंसियों के लाइसेंस रद्द कर दिए, जिन्होंने अनधिकृत तीर्थयात्रियों को सऊदी अरब में प्रवेश करने में मदद की थी।

अन्य देशों की मौते

ओरिएन्ट, इंडोनेशिया, भारत, जॉर्डन, ट्यूनीशिया, मोरक्को, अल्जीरिया, मलेशिया और अमेरिका जैसे अन्य देशों के तीर्थयात्रियों की भी हज यात्रा के दौरान मौतें हुईं। इंडोनेशिया के 165, भारत के 98 और अमेरिका के 2 तीर्थयात्रियों ने अपने जान गंवाई।

हज यात्री संख्या

सऊदी हज अधिकारियों के अनुसार, इस साल हज में 1.83 मिलियन मुस्लिमों ने भाग लिया, जिनमें 22 देशों से 1.6 मिलियन तीर्थयात्री और 222,000 सऊदी नागरिक तथा निवासी शामिल थे। हज यात्रा का एक लंबा और अधिकांशतः खतरनाक इतिहास रहा है, जिसमें भारी भीड़ और महामारी अक्सर होती रही हैं

प्रभाव और निवारण

इस वर्ष की हज यात्रा में जितनी मौतें हुईं, वह पिछले कई वर्षों की तुलना में कहीं ज्यादा हैं। तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य की देखभाल में ऐसे त्रासदियों को टाला जा सकता है, लेकिन इसके लिए बेहतर प्रबंधन और मजबूत स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता होती है। तीर्थयात्रियों के लिए छाया, शीतल पेय और स्वास्थ्य सेवाओं का समुचित प्रबंध किया जाना चाहिए। साथ ही, यात्रा के दौरान तापमान की चेतावनी और स्थिति के अनुसार मार्गदर्शन किया जाना चाहिए।

भविष्य की तैयारी

इस घटना ने हज यात्रा के आयोजकों और सऊदी सरकार को भविष्य के लिए तैयार रहने का महत्वपूर्ण संदेश दिया है। केवल बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं और योग्यता के आधार पर तीर्थयात्रियों को अनुमति देना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि पूरे यात्रा कार्यक्रम का बेहतर प्रबंधन भी जरूरी है। साथ ही, अन्य देशों की सरकारों को भी अपने नागरिकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए adequate steps उठाने चाहिए, ताकि इस तरह की घटनाओं को कम किया जा सके।

आने वाले दिनों में चुनौतियां

हज यात्रा एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है, जहां लाखों मुस्लिम प्रत्येक वर्ष शामिल होते हैं। इस प्रकार की घटनाओं से न केवल हज यात्रा का महत्व कम होता है, बल्कि तीर्थयात्रियों के मन में भय और असुरक्षा की भावना भी उत्पन्न होती है। इसके समाधान के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग की आवश्यकता है। हर देश को अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने की कोशिश करनी चाहिए, और सऊदी अरब को भी अपने आने वाले आयोजनों के लिए बेहतर तैयारियों की दिशा में कार्य करना चाहिए।

आशा करता हूँ कि, इस बार की दुखद घटनाओं से सबक लेते हुए, हम सब मिलकर हज यात्रा को अधिक सुरक्षित, सुखद और सहज बनाने की दिशा में आगे बढ़ सकें।

15 टिप्पणि

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    Ravi Roopchandsingh

    जून 25, 2024 AT 13:10
    ये सऊदी वाले बस धोखा दे रहे हैं! 🤬 लाखों भाईयों को भेजकर फिर गर्मी में पिघलने दे रहे हैं। ये तो जानबूझकर हत्या है! अगर ये यूरोप में होता तो वहां की सरकारें तुरंत युद्ध घोषित कर देतीं। लेकिन हमारे देश के लोगों को तो बस नमाज़ पढ़ने भेज दिया जाता है... बिना किसी तैयारी के! 🇮🇳💔
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    dhawal agarwal

    जून 27, 2024 AT 06:36
    इस तरह की दुर्घटनाएं हमें याद दिलाती हैं कि धर्म का सच्चा मतलब शांति और सम्मान है। हज एक आध्यात्मिक यात्रा है, न कि एक व्यावसायिक व्यवसाय। हमें अपने नागरिकों को तैयार करना चाहिए - न कि बस टिकट बुक करवाना। इस बार की दुखद घटना को एक नया आधार बनाएं, जहां सुरक्षा और सम्मान सबसे पहले आए।
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    Shalini Dabhade

    जून 28, 2024 AT 22:27
    अरे भाई ये सब तो भारतीयों की बेकारी है! जो लोग बीमार हैं वो यात्रा क्यों कर रहे हैं? और फिर ट्रैवल एजेंसी को दोष दे रहे हो? अपने घर में बैठे बैठे सबकुछ आसानी से बता देते हो। अगर तुम अपने बुजुर्गों को घर पर छोड़ते तो ऐसी बातें नहीं होतीं। सऊदी तो बस अपना काम कर रहा है, तुम अपना काम करो!
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    Jothi Rajasekar

    जून 29, 2024 AT 22:01
    दोस्तों, ये बहुत दुखद है... लेकिन हम इसे अपने लिए सबक बना सकते हैं। हर तीर्थयात्री को अपने स्वास्थ्य की जांच करवानी चाहिए। और सरकारों को अब तैयारी करनी होगी - दवाएं, शीतल पानी, छाया, और तापमान अलर्ट सिस्टम। ये सब बहुत आसान है। बस इच्छा होनी चाहिए। हम जरूर कर सकते हैं!
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    Irigi Arun kumar

    जून 30, 2024 AT 16:52
    मुझे लगता है कि ये सिर्फ तापमान की बात नहीं है। ये एक व्यवस्थागत असफलता है। जब तक हम यात्रियों को बिना जांच के भेजते रहेंगे, जब तक हम ट्रैवल एजेंसियों को बिना नियंत्रण के छोड़ते रहेंगे, जब तक हम अपने नागरिकों के लिए एक स्वास्थ्य प्रोटोकॉल नहीं बनाएंगे - तब तक ये दुखद घटनाएं दोहराई जाएंगी। ये सिर्फ एक घटना नहीं, ये एक पैटर्न है। और हम इसे बदलने के लिए नहीं, बल्कि इसे भूलने के लिए तैयार हैं।
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    Jeyaprakash Gopalswamy

    जून 30, 2024 AT 16:56
    मैं एक ऐसे इंसान से मिला था जिसने हज यात्रा की थी। उसने कहा - जब तापमान 48°C था, तो उसके आसपास के 5 लोग बेहोश हो गए। लेकिन कोई अस्पताल नहीं था। बस एक छोटा सा टेंट, और उसमें 200 लोग। इसलिए अब हमें ये समझना होगा - यात्रा का अर्थ सिर्फ पवित्रता नहीं, बल्कि जिम्मेदारी भी है।
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    ajinkya Ingulkar

    जुलाई 1, 2024 AT 00:22
    ये सऊदी अरब का नहीं, ये हमारे देश का दोष है। हमारी सरकार तो बस अपने चुनावी लाभ के लिए हज यात्रा का नाम लेती है। असली मामलों में कोई कदम नहीं उठाता। हमारे बुजुर्ग बीमार हैं, लेकिन उन्हें भेज दिया जाता है। हमारे ट्रैवल एजेंट बस पैसे कमा रहे हैं। और अब जब मौत हो गई, तो आप सब अपने अपने घरों में बैठकर रो रहे हैं। जिम्मेदारी कहाँ है? ये सब नाटक है।
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    nidhi heda

    जुलाई 2, 2024 AT 12:54
    मैंने तो ये सब पढ़कर रो दिया 😭😭 अपने दादा जी को याद कर लिया... वो बस इतना कहते थे - 'बेटा, हज तो एक बार ही होता है...' अब वो नहीं हैं... और ये सब फिर से हो रहा है? ये तो दिल तोड़ देने वाला है... 😭💔
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    DINESH BAJAJ

    जुलाई 4, 2024 AT 06:27
    हज के लिए तो हर साल लाखों जाते हैं, लेकिन कभी इतनी मौतें नहीं हुईं। ये तो अब एक बड़ा राजनीतिक षड्यंत्र है। सऊदी अरब अपने पेट्रोल डॉलर के लिए इसे नियंत्रित कर रहा है। और हमारी सरकार बस अपनी बेवकूफी दिखा रही है। अब तो ये भी नहीं पता कि कौन बेच रहा है - देश या दिन?
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    Rohit Raina

    जुलाई 6, 2024 AT 04:36
    मैंने देखा है कि इंडोनेशिया ने इस बार बहुत अच्छा नियोजन किया। उनके तीर्थयात्री बहुत कम मारे गए। भारत ने क्या किया? बस ट्रैवल एजेंसी के लाइसेंस रद्द किए। ये तो बाद में चिकित्सा है। पहले से तैयारी कहाँ है? हम अपने लोगों के लिए क्यों नहीं बना पाए एक सुरक्षित प्रोटोकॉल?
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    Prasad Dhumane

    जुलाई 7, 2024 AT 15:41
    इस दुखद घटना में एक अंधेरा और एक रोशनी है। अंधेरा - हमारी अनदेखी और अनियोजित तैयारी। रोशनी - इस बार की घटना ने दुनिया भर के देशों को जगा दिया। अब शायद हम एक अंतर्राष्ट्रीय हज सुरक्षा टास्क फोर्स बना पाएं। जहां डेटा शेयर किया जाए, जहां तापमान अलर्ट सिस्टम एक सामान्य मानक बन जाए। ये नहीं कि हम एक देश को दोष दें, बल्कि एक नया नियम बनाएं।
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    rajesh gorai

    जुलाई 9, 2024 AT 01:25
    इसका आध्यात्मिक आयाम तो अलग है, लेकिन ऑपरेशनल लॉजिस्टिक्स में ये एक सिस्टम फेल्योर है। एक एंट्रोपी बढ़ रही है - जहां एक अतिरिक्त व्यक्ति का जोड़ना अधिक अस्थिरता लाता है। हज का एक फ्रैक्टल स्ट्रक्चर है - जिसमें छोटे इकाइयों का अनुकूलन नहीं हो पा रहा। इसलिए एक डायनामिक रिसोर्स अलोकेशन मॉडल की आवश्यकता है। न कि बस शीतल पेय देने की।
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    Rampravesh Singh

    जुलाई 10, 2024 AT 19:01
    प्रिय नागरिकों, इस दुर्घटना के संदर्भ में, हम अपने राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के तहत तीर्थयात्रा स्वास्थ्य नियमावली को तुरंत समीक्षा करने की आवश्यकता महसूस कर रहे हैं। एक व्यापक जांच समिति गठित की जाएगी, जिसका उद्देश्य तीर्थयात्रा के लिए एक राष्ट्रीय आधारभूत स्वास्थ्य अनुमति प्रणाली का निर्माण करना है। हम इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए सभी पीड़ित परिवारों को अपनी गहरी श्रद्धांजलि देते हैं।
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    Akul Saini

    जुलाई 12, 2024 AT 03:54
    49°C तापमान के बावजूद, ये आंकड़े अभी भी बहुत कम हैं। इंडोनेशिया के साथ तुलना करें - उनकी यात्रा बहुत बेहतर थी। लेकिन ये देखना जरूरी है कि भारत के तीर्थयात्रियों में से कितने वास्तविक रूप से योग्य थे? अधिकांश बीमार थे। इसलिए समस्या सिर्फ सऊदी अरब की नहीं, बल्कि हमारी तैयारी की भी है।
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    Arvind Singh Chauhan

    जुलाई 13, 2024 AT 08:19
    मैंने इस बार अपने दोस्त को याद किया... जिसने हज के बाद घर लौटकर दो हफ्ते में जान दे दी। डॉक्टर ने कहा - गर्मी से शरीर बिल्कुल खत्म हो गया था। मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक धार्मिक यात्रा इतनी खतरनाक हो सकती है। अब मैं खामोश हूं। क्योंकि कोई जवाब नहीं है।

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