पेरिस ओलंपिक्स में यूसुफ डिकेच की मस्तीभरी शूटिंग: तुर्की के निशानेबाज ने सिल्वर के साथ जीता गोल्डन दिल, मीम्स ने मचाई धूम

पेरिस ओलंपिक्स में यूसुफ डिकेच की मस्तीभरी शूटिंग: तुर्की के निशानेबाज ने सिल्वर के साथ जीता गोल्डन दिल, मीम्स ने मचाई धूम

Anmol Shrestha अगस्त 1 2024 9

परिचय

तुर्की के यूसुफ डिकेच, जिन्होंने पेरिस ओलंपिक्स 2024 में अपनी अनोखी शैली से इंटरनेट पर धूम मचा दी है, ने मिक्स्ड टीम 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में सिल्वर मेडल जीतकर अपनी निश्चिंतता और मस्तीभरी अंदाज़ से लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई है। 51 वर्षीय डिकेच की शूटिंग करते हुए वायरल हुई तस्वीरों में उनके आरामदायक अंदाज़ ने सभी का ध्यान खींचा। आज इस खबर में हम जानेंगे कि कैसे यूसुफ डिकेच की यह अदा और उनका खेल प्रदर्शन उनके जीवन का हिस्सा बनी।

तस्वीरों ने मचाई धूम

यूसुफ डिकेच की सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरें हर तरफ छा गई हैं। इन तस्वीरों में उनको टी-शर्ट पहनकर, एक हाथ जेब में डालकर और साधारण चश्मा लगाए हुए शूटिंग करते देखा जा सकता है। उनका यह अनोखा और आरामदायक अंदाज़ इंटरनेट पर मीम्स के रूप में फैल गया। इन तस्वीरों ने न केवल इंटरनेट पर उनकी पहचान बनाई बल्कि उनको एक नए तरह के हीरो के रूप में प्रस्तुत किया। डिकेच के इस निश्चिंतता भरे अंदाज़ को लोगों ने काफी पसंद किया और इसे असाधारण समझा।

सिल्वर मेडल जीतकर बनाया इतिहास

डिकेच ने सिल्वर मेडल जीतकर तुर्की के लिए एक नया कीर्तिमान बनाया है। मिक्स्ड टीम 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में उन्होंने अपनी टीममेट सेव्वल इलायदा टार्हान के साथ मिलकर यह मेडल जीता। यह तुर्की के ओलंपिक इतिहास में पहली बार है जब शूटिंग में उन्हें मेडल मिला है। इस उपलब्धि ने न सिर्फ डिकेच को बल्कि पूरे तुर्की को गर्वित किया है। फाइनल मुकाबले में सर्बिया के डामिर मिकेक और ज़ोराना अरुनोविक ने गोल्ड मेडल जीता जबकि भारतीय निशानेबाज मनु भाकर और सरबजोत सिंह को ब्रॉन्ज मेडल हासिल हुआ।

डिकेच की वायरल मीम्स

यूसुफ डिकेच की आरामदायक शैली सोशल मीडिया पर मीम्स के रूप में छा गई। इंटरनेट पर उनकी तस्वीरें और वीडियो लोग खूब शेयर कर रहे हैं जिसमें उनके शूटिंग के दौरान एक हाथ जेब में डालकर और साधारण चश्मा पहनकर निशाना साधते हुए देखा जा सकता है। उन्होंने न केवल अपने खेल से बल्कि अपने जीवंत अंदाज़ से लोगों के दिलों में जगह बनाई। उनकी यह तस्वीरें और वीडियो इंटरनेट पर प्रेरणा का स्रोत बन गईं हैं।

संरक्षणात्मक गियर का कम उपयोग

डिकेच ने अन्य प्रतिस्पर्धियों के विपरीत, न्यूनतम संरक्षणात्मक गियर का इस्तेमाल किया। उन्होंने केवल पीले रंग के इयरप्लग्स का इस्तेमाल किया था, जो तस्वीरों में दिखाई नहीं दे रहे थे। उनकी यह अनोखी और साधारण शैली लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि एक खिलाड़ी को सफलता पाने के लिए भव्य उपकरणों की आवश्यकता नहीं होती। डिकेच की यह सोच और उनकी निश्चिंतता भरी शैली ने उन्हें बाकी खिलाड़ियों से अलग पहचान दी।

फ्यूचर प्लान्स

हालांकि, डिकेच ने अपने व्यक्तिगत इवेंट में 13वां स्थान प्राप्त किया, लेकिन उन्होंने पेरिस ओलंपिक्स में अपने प्रदर्शन और मस्तीभरी शैली से बड़ी छाप छोड़ी है। डिकेच अब 2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक्स की तैयारी कर रहे हैं, और उनका लक्ष्य वहां गोल्ड मेडल जीतना है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर तुर्की भाषा के मीम्स का वीडियो भी साझा किया है, जिसमें उन्होंने अपने प्रशंसकों का आभार प्रकट किया। यह स्पष्ट है कि डिकेच आगे आने वाले समय में भी अपने इस मस्तीभरे अंदाज़ को बनाए रखेंगे और लोगों के दिलों में अपनी विशेष जगह बनाए रखेंगे।

समापन

समापन

चतेऊरौक्स, मध्य फ्रांस में आयोजित इन शूटिंग प्रतियोगिताओं के बाद, डिकेच और टार्हान को पेरिस में चैंपियंस पार्क में उनके मेडल जीतने के उपलक्ष में सम्मानित किया गया। इस अवसर पर दक्षिण कोरिया की निशानेबाज किम येजी ने भी अपनी आत्मविश्वास भरी मुद्रा और नाटकीय शूटिंग शैली से लोगों का ध्यान खींचा। ऑफिशियल ओलंपिक्स सोशल मीडिया अकाउंट ने डिकेच और किम दोनों को 'ओलंपिक #shootingsport स्टार्स' के रूप में पेश किया। यह दिखाता है कि खेल की दुनिया में केवल तकनीकी कुशलता ही नहीं, बल्कि खिलाड़ी की व्यक्तिगत शैली और दृष्टिकोण भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यूसुफ डिकेच ने अपने निश्चिंतता भरे अंदाज़ और उत्कृष्ट प्रदर्शन से सभी को यह साबित कर दिया है।

9 टिप्पणि

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    DINESH BAJAJ

    अगस्त 3, 2024 AT 04:33
    ये सब मीम्स और धूम तो बस एक बड़े बकवास का नाटक है। शूटिंग में जेब में हाथ डालकर और साधारण चश्मा पहनकर जीतना बहुत बड़ी बात नहीं है। असली खिलाड़ी तो वो होते हैं जो ट्रेनिंग के लिए दिनभर लड़ते हैं, न कि इन लोगों जो बस लाइव लाइक्स के लिए नाटक करते हैं।
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    Rohit Raina

    अगस्त 3, 2024 AT 08:05
    मैं तो समझ नहीं पा रहा कि ये लोग इतना धमाल क्यों मचा रहे हैं। एक आदमी ने मेडल जीता है, ठीक है। लेकिन उसके चश्मे और टी-शर्ट के बारे में इतना लिखना बिल्कुल बेकार है। खेल की बात करो, न कि उसके फैशन की।
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    Prasad Dhumane

    अगस्त 3, 2024 AT 14:35
    असल में ये बात बहुत सुंदर है कि एक इंसान अपने आप को बिना किसी फैक्टिश के, बिना किसी फोर्स्ड इमेज के, बस अपने तरीके से खेलकर दुनिया को छू गया। डिकेच ने दिखाया कि सफलता के लिए जरूरी नहीं कि तुम एक रोबोट बनो। तुम बस अपने आप को बने रहो, और अगर तुम उसी में बेहतर हो जाते हो, तो दुनिया तुम्हें देखने लगती है। ये तो बहुत बड़ी बात है।
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    rajesh gorai

    अगस्त 5, 2024 AT 10:04
    डिकेच का अल्फा-बेटा कॉन्सेप्ट एक नए फेनोमेनॉन को डिफाइन कर रहा है - नॉन-परफेक्शनिस्ट एक्सीलेंस। इसका मतलब है कि एक व्यक्ति जब अपनी अपूर्णता को स्वीकार कर लेता है, तो वो असली ऑथेंटिसिटी की ओर बढ़ता है। ये तो पोस्ट-मॉडर्न स्पोर्ट्स का एक नया एपिसोड है। उसकी जेब में डाला हुआ हाथ एक डिस्कोर्डेंस का सिग्नल है - एक रेजिस्टेंस टू नॉर्मेटिव एथलेटिक अपीयरेंस।
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    Rampravesh Singh

    अगस्त 7, 2024 AT 07:53
    हमें इस तरह के खिलाड़ियों की तारीफ करनी चाहिए जो अपने देश के लिए इतनी अहम उपलब्धि हासिल करते हैं। यूसुफ डिकेच की दृढ़ता, निश्चिंतता और सादगी एक ऐसा उदाहरण है जिसे हम अपने बच्चों के लिए दिखाना चाहिए। यह वास्तविक राष्ट्रीय गर्व है।
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    Akul Saini

    अगस्त 7, 2024 AT 16:59
    दिलचस्प है कि उनका न्यूनतम गियर यूज़ करना और अनायास दृष्टिकोण एक बहुत बड़ी साइकोलॉजिकल एडवांटेज है। ये एक बिहेवियरल इकोनॉमिक्स का उदाहरण है - कम रिसोर्सेज, मैक्सिमम परफॉर्मेंस। लोग इसे आरामदायक समझते हैं, लेकिन असल में ये एक रिस्क-टॉलरेंट एंट्री स्ट्रैटेजी है। उनकी अप्रत्याशितता दबाव को तोड़ देती है।
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    Arvind Singh Chauhan

    अगस्त 9, 2024 AT 00:48
    तुम लोग इतना बड़ा बहस क्यों कर रहे हो? एक आदमी ने अपने आप को बरकरार रखा, अपने आप को बदला नहीं, और जीत गया। तुम लोग इसे एक ट्रेंड के तौर पर देख रहे हो, जबकि ये तो एक इंसान का असली जीवन है। तुम उसकी ताकत को नहीं देख रहे, बल्कि उसकी शैली को टारगेट कर रहे हो। तुम लोगों को खुद को देखना चाहिए।
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    AAMITESH BANERJEE

    अगस्त 9, 2024 AT 02:28
    मैं तो सोच रहा था कि अगर हम इस तरह के खिलाड़ियों को और ज्यादा देखेंगे, तो शायद खेलों की दुनिया थोड़ी और इंसानी हो जाएगी। बहुत सारे खिलाड़ी बस इमेज बनाने के लिए जी रहे हैं - जैसे बॉडीबिल्डिंग में वो सब लोग जो बस फोटो के लिए बने हुए हैं। डिकेच ने बता दिया कि असली शक्ति तो आत्मविश्वास में होती है, न कि किसी गियर या ब्रांड में। ये बहुत बड़ा संदेश है।
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    Akshat Umrao

    अगस्त 10, 2024 AT 12:08
    अच्छा लगा 😊

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