चोटी दिवाली 2025: नोएडा‑अयोध्या में नारक चतुर्दशी के विशेष संदेश
20.10.2025चोटी दिवाली 2025 (नरक चतुर्दशी) 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी। नोएडा‑अयोध्या में विशेष शुभकामनाएँ, डिजिटल संदेश और सामाजिक प्रभाव की पूरी जानकारी।
जब नारक चतुर्दशी, हिंदू पंचांग में अंधकार को दूर करके प्रकाश लाने वाला प्रमुख त्यौहार है. Also known as छोटी दिवाली, it marks the night before दीपावली when families perform पवन दहन to cleanse the home. इस रात को लोग बुरे विचारों और नकारात्मक ऊर्जा को जलाकर नई आशा की शुरुआत करते हैं। यहाँ हम इस त्यौहार की मुख्य विशेषताओं, साहित्यों और आज के समय में उसके बदलते रूपों को समझेंगे।
त्योंहार की सबसे पहचानने वाली रिवाज़ पवन दहन, घर‑घर में आग जलाकर बुरी आत्माओं और नकारात्मक वायुमंडल को साफ़ करने की प्रक्रिया है। लोग कुश, बेलपत्र, चावल और इत्र के साथ दाने को जलाते हैं, जबकि मन में अपने सच्चे इरादे होते हैं। पवन दहन न केवल शारीरिक सफ़ाई, बल्कि मन की भी सफ़ाई करता है। बहुत से परिवार इस दिन दान‑पुण्य करने, गरीबों को भोजन देने और परोपकार के कार्यों में जुटते हैं, जिससे सामाजिक एकता बढ़ती है। इस प्रक्रिया में दीपावली के अगले दिन की रौशनी का स्वागत भी तैयार हो जाता है।
नारक चतुर्दशी दीपावली, रौशनी का त्यौहार, जहाँ अद्वितीय दिवे और फटाके सभी घरों को सजाते हैं के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़ी हुई है। माना जाता है कि पवन दहन के बाद घर में जले हुए आलोक से बुराई दूर होती है और अगली रात को लक्ष्मी जी का स्वागत किया जा सकता है। इस कारण से नरक चतुर्दशी को अक्सर “दीपावली की तैयारी” कहा जाता है। दोनों त्यौहार मिलकर अंधकार से प्रकाश, अज्ञान से ज्ञान की जीत का प्रतीक बनते हैं। यही कारण है कि लोग इस दिन विशेष रूप से अपने घरों को साफ‑सुथरा कर, नई रौशनी के लिए तैयार होते हैं।
संकटमोचन की कथा भी नारक चतुर्दशी से गहराई से जुड़ी है। संकटमोचन, भगवान कृष्ण द्वारा नरकासुर के वध से बुराई के अंत की कथा के अनुसार, भगवान कृष्ण ने नरकासुर को मारकर दुनिया को बुराई से मुक्त किया। इस घटनाक्रम को याद करते हुए लोग अपने जीवन में अड़चनों को दूर करने की प्रेरणा लेते हैं। इसलिए यह त्यौहार केवल बाहरी सफ़ाई नहीं, बल्कि आत्म‑सुधार का समय भी माना जाता है। आजकल, लोग सोशल मीडिया पर इस त्यौहार की कहानियों को शेयर करके एक दूसरे को प्रेरित करते हैं और इस अवसर को सामाजिक जागरूकता के लिए भी उपयोग करते हैं।
आधुनिक समय में नारक चतुर्दशी के उत्सव में मिठाई, फटाके और परिवार के साथ मिलकर खाने-पीने का आनंद भी शामिल है। चाहे आप छोटे शहर में हो या बड़े मेट्रो में, इस रात की रौनक सभी जगह एक जैसी दिखती है। हमारे पास इस टैग में विभिन्न लेख हैं – राजनीति से खेल, संस्कृति से विज्ञान तक – जो दिखाते हैं कि कैसे एक ही दिवस के आसपास कई प्रकार की खबरें और विचार उभरते हैं। अब आप नीचे स्क्रॉल करके उन सभी लेखों को देख सकते हैं जो इस ख़ास रात के विभिन्न पहलुओं को कवर करते हैं, चाहे वह खेल का अपडेट हो या सामाजिक चर्चा। आइए, इस सामूहिक ज्ञान की यात्रा शुरू करें।
चोटी दिवाली 2025 (नरक चतुर्दशी) 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी। नोएडा‑अयोध्या में विशेष शुभकामनाएँ, डिजिटल संदेश और सामाजिक प्रभाव की पूरी जानकारी।