वायु गुणवत्ता: क्यों ज़रूरी है और कैसे सुधारेँ?

जब आप सुबह बाहर कदम रखते हैं और धुंध या धुएँ की गंध महसूस होते हैं, तो यह वायु गुणवत्ता से जुड़ी समस्या है। सिर्फ स्वास्थ्य ही नहीं, हमारी ऊर्जा खर्च, फसलें और पूरे शहर का माहौल इस पर निर्भर करता है। तो चलिए, इस टैग पेज में वायु गुणवत्ता के बारे में सरल शब्दों में बात करते हैं—क्या मापा जाता है, किसे प्रभावित करता है और आप खुद क्या कर सकते हैं।

वायु गुणवत्ता के मुख्य मापदंड

वायु गुणवत्ता को आमतौर पर AQI (Air Quality Index) से दर्शाया जाता है। AQI 0‑50 तक साफ हवा दर्शाता है, 51‑100 मध्यम प्रदूषण, और 101‑200 से आगे स्वास्थ्य जोखिम बढ़ता है। भारत में पीएम2.5 (2.5 माइक्रोन से छोटे कण) और पीएम10 सबसे ख़तरनाक माने जाते हैं क्योंकि ये फेफड़ों तक पहुँचते हैं। इसके अलावा, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO₂), सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂) और ओज़ोन (O3) भी AQI में योगदान करते हैं। इन सभी को मापने के लिए सरकारी या निजी स्टेशन उपयोग होते हैं, और मोबाइल ऐप्स से आप real‑time डेटा देख सकते हैं।

हवा को साफ रखने के आसान उपाय

वायु गुणवत्ता सुधारने में हर व्यक्ति की छोटी‑छोटी कोशिश बड़ी ज़िम्मेदारी बनती है। घर में धूम्रपान बंद रखें, लकड़ी‑कोयला वाले स्टोव को गैस या इलेक्ट्रिक में बदलें, और कार चलाते समय कार‑पूल या सार्वजनिक परिवहन अपनाएँ। पेड़ लगाना भी एक असरदार उपाय है—एक बड़ा पेड़ साल में लगभग 22 किलो कार्बन डाइऑक्साइड को吸吸 करता है।

अगर आप दिल्ली या बड़े शहर में रहते हैं, तो ट्रैफ़िक में फँसे हुए समय को कम करने के लिए साइकिल या पैदल चलना भी फ़ायदेमंद है। ऑफिस में एयर कंडीशनर की फ़िल्टर को हर तीन महीने में बदलें; गंदा फ़िल्टर अंदर की हवा को और गंदा कर देता है। छोटे शहरों में, धूप के समय घर की खिड़कियों को बंद रखें और एयर प्यूरीफ़ायर का उपयोग करें।

बच्चों और बुजुर्गों को खास ध्यान देना चाहिए। आपके पास अगर एयर क्वालिटी मॉनिटर नहीं है, तो सरकारी वेबसाइट या मोबाइल एप्प से रोज़ का AQI देखना पर्याप्त हो सकता है। अगर AQI 150 से ऊपर जा रहा हो, तो दरवाज़े बंद रखें, बाहर नहीं निकलें, और अगर बाहर जाना ज़रूरी हो, तो N‑95 मास्क पहनें।

भविष्य में स्वच्छ हवा बनाने के लिए सरकार भी कदम उठा रही है—स्मार्ट सिटी, हरित ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन को बढ़ावा दिया जा रहा है। लेकिन बदलाव तब तक नहीं दिखेगा जब तक हम खुद अपनी ज़रूरतों को समझकर सही कदम नहीं उठाते। आप भी अपने मोहल्ले में स्वच्छता अभियान या पेड़ लगाने की पहल में शामिल हो सकते हैं। छोटे‑छोटे कदम, जैसे कि प्लास्टिक बैग की जगह कपड़े की थैली इस्तेमाल करना, भी वायु गुणवत्ता पर असर डालता है क्योंकि प्लास्टिक कचरे से धुएँ में हानिकारक पदार्थ निकलते हैं।

तो अगली बार जब आप बाहर जाने की सोचें, तो एक बार AQI चेक कर लें, सही मास्क पहनें और संभव हो तो कार छोड़ दें। साफ हवा सिर्फ एक विकल्प नहीं, बल्कि स्वस्थ जीवन की बुनियाद है। अब आप जानते हैं वायु गुणवत्ता क्या है और इसे सुधारने के सरल उपाय—इन्हें अपनाएँ और अपने आसपास भी फैलाएँ।

दीवाली के बाद दिल्ली की हवा बनी खतरनाक: अपने क्षेत्र का AQI चेक करें

1.11.2024

दीवाली के अवसर पर दिल्ली की वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुँच गई है, और रात के समय पटाखों की आवाज़ाही के कारण 'खतरनाक' स्तर पर पहुँचने की संभावना है। हालाँकि पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है, लेकिन वायु प्रदूषण का स्तर अत्यधिक बढ़ते जा रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के डेटा के अनुसार, दिल्ली का कुल एअर क्वालिटी इंडेक्स 'बहुत खराब' श्रेणी में है, जबकि कई इलाकों में गंभीर वायु प्रदूषण देखा जा रहा है।