तेलंगाना स्थापना दिवस का भव्य समारोह
तेलंगाना गठन दिवस के मौके पर पूरे राज्य में उत्सव का माहौल था। बीआरएस पार्टी ने इस अवसर पर तेलंगाना भवन में भव्य समारोह आयोजित किया। इस विशेष अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के प्रमुख नेता के चंद्रशेखर राव (केसीआर) उपस्थित थे। उन्होंने इस विशेष अवसर पर तेलंगाना आंदोलन की संघर्षमय यात्रा को याद किया और अपने अनुभव साझा किए।
कांग्रेस सरकार पर कड़े प्रहार
श्री केसीआर ने इस कार्यक्रम में कांग्रेस सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने कभी भी तेलंगाना आंदोलन का समर्थन नहीं किया। उन्होंने कहा कि जिन 11 सांसदों ने चुनाव में जीत हासिल की थी, उन्हें भी तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अनदेखा कर दिया था। उन्होंने कहा कि उस समय की सरकार ने तेलंगाना की जायज मांगों को नहीं माना और हमारे संघर्ष को दबाने की कोशिश की। केसीआर ने दुख जताया कि उस समय उनसे मुख्यमंत्री पद तक छीन लिया गया था और उनके उत्तराधिकारियों ने भी तेलंगाना की मांगों का समर्थन नहीं किया।
प्रोफेसर जयशंकर का योगदान
केसीआर ने प्रोफेसर जयशंकर के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रोफेसर जयशंकर ने तेलंगाना के लिए निस्वार्थ भाव से संघर्ष किया और हमें भी प्रेरित किया। केसीआर ने यह भी बताया कि प्रोफेसर जयशंकर की हिम्मत ने उन्हें भी संघर्ष के लिए प्रेरित किया और कठिन समय में भी उनका आत्मविश्वास नहीं टूटा। उन्होंने कहा कि जयशंकर ने दिखा दिया कि कैसे एक दृढ़ निश्चयी व्यक्ति अपने संघर्षों से सामाजिक परिवर्तन ला सकता है।
बीआरएस पार्टी का योगदान
केसीआर ने बीआरएस पार्टी की 20 वर्षों की यात्रा और इसके योगदान की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोग बीआरएस पार्टी के संघर्ष और त्याग को कभी नहीं भूलेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने तेलंगाना को एक स्वतंत्र राज्य बनाने के लिए कई संघर्ष किये और अंतत: सफलता हासिल की। उन्होंने कांग्रेस और टीडीपी नेताओं पर भी निशाना साधते हुए कहा कि ये नेता हमेशा अपने निजी स्वार्थों के लिए काम करते रहे और तेलंगाना की जनता के हितों की कभी परवाह नहीं की।
रिवांथ रेड्डी पर अप्रत्यक्ष प्रहार
अपने संबोधन में केसीआर ने रिवांथ रेड्डी पर अप्रत्यक्ष प्रहार करते हुए कहा कि वे खुद को कितना भी ताकतवर समझें, लेकिन बीआरएस पार्टी की ताकत की बराबरी नहीं कर सकते। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि तेलंगाना की स्वतंत्रता और समृद्धि बीआरएस पार्टी के योगदान और संघर्षों का परिणाम है।
आगे की राह
तेलंगाना की जनता ने इस आंदोलन में जो संघर्ष किए, उसकी कहानियां आज उनकी प्रेरणा बन गई हैं। केसीआर ने इस बात पर जोर दिया कि हमें तेलंगाना की समृद्धि और विकास के लिए लगातार काम करना होगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह हम एकजुट होकर इस राज्य की स्थापना के लिए लड़े, उसी तरह हमें उसके विकास के लिए भी एकजुट होकर काम करना होगा। उन्होंने खेतों, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार पर जोर देने की आवश्यकता पर बल दिया और राज्य के लोगों से समर्थन की अपील की।
तेलंगाना स्थापना दिवस का यह कार्यक्रम न केवल इतिहास की यादों को ताजा करता है, बल्कि भविष्य के लिए भी एक नई दिशा निर्धारित करने का अवसर था। केसीआर के संबोधन ने राज्य के लोगों में नई उम्मीद और आत्मविश्वास का संचार किया, जैसा कि उन्होंने तेलंगाना आंदोलन के दौरान किया था।
dhawal agarwal
जून 3, 2024 AT 16:20तेलंगाना का जो आंदोलन था, वो केवल राजनीति का नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक जागृति था। हमारी भाषा, हमारी आदतें, हमारी परंपराएं - सब कुछ एक अलग पहचान बन गया। केसीआर ने जो बोला, वो सच है। इतिहास को भूलना आसान है, लेकिन उसके बलिदान को नहीं।
Shalini Dabhade
जून 5, 2024 AT 15:34कांग्रेस के खिलाफ ये sab bolne wale log khud bhi 2004 tak kuch nahi kiya tha... ab jab power mil gaya toh sab kuch bhool gaye. jayashankar ka naam leke bhi kya bana? kuch nahi. bas propaganda.
Akul Saini
जून 7, 2024 AT 05:52इस भाषण में एक सामाजिक-ऐतिहासिक निर्माण की प्रक्रिया स्पष्ट दिखती है। राजनीतिक नाराजगी को सांस्कृतिक अधिकार के रूप में री-फ्रेम करना, एक विशिष्ट राष्ट्रवादी रणनीति है। केसीआर के वक्तव्य में एक विरासत के निर्माण का प्रयास दिखता है - जो वर्तमान शक्ति संरचना को स्थायी बनाने के लिए आवश्यक है।
Arvind Singh Chauhan
जून 8, 2024 AT 05:55मुझे लगता है कि ये सब बातें तब तक बहुत अच्छी लगती हैं जब तक कोई नया विकास नहीं दिखाता। जब तक गाँवों में पानी नहीं आया, जब तक बच्चों के लिए स्कूल नहीं बने, तब तक ये सब बस एक भाषण है। जब लोग अपने बच्चों को भूखे सोते देखते हैं, तो इतिहास की बातें उनके लिए बेकार हो जाती हैं।
AAMITESH BANERJEE
जून 8, 2024 AT 10:15मैं तो सोचता हूँ कि तेलंगाना की स्थापना एक बड़ी बात है, लेकिन अब जो हो रहा है वो अलग है। एक तरफ विकास की बात हो रही है, दूसरी तरफ लोग अभी भी अपने बच्चों के लिए डॉक्टर ढूंढ रहे हैं। शायद हमें अब बातें बंद करके काम करना चाहिए। केसीआर का जो भाषण था, वो तो अच्छा था, लेकिन अब उसके बाद क्या हुआ? वो बताओ।
Sonu Kumar
जून 9, 2024 AT 08:15केसीआर... ओह, वही व्यक्ति जिसने तेलंगाना को एक राज्य बनाया - लेकिन क्या आपने कभी देखा कि उनकी बेटी का नाम क्या है? और क्या उनके परिवार के सदस्यों के पास राज्य के सभी बड़े ठेके हैं? ये सब बातें बस एक धोखा है। जब तक आप यह नहीं देखेंगे कि कौन असली लाभ उठा रहा है, तब तक आप निर्दोष बने रहेंगे।
sunil kumar
जून 9, 2024 AT 23:52प्रोफेसर जयशंकर के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। वे एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने अपनी शिक्षा के माध्यम से लोगों को जागृत किया। उनके पुस्तकों को अभी भी तेलंगाना के विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाता है। उनकी याद को बरकरार रखना जरूरी है - न कि बस राजनीतिक लाभ के लिए।
Mahesh Goud
जून 10, 2024 AT 18:56सुनो... क्या आपको पता है कि केसीआर ने अपने लिए एक गुप्त खजाना बनाया है? उन्होंने तेलंगाना के जमीन के रिकॉर्ड को बदल दिया है - और अब उनके दोस्तों के नाम पर सारी जमीन चली गई है। ये सब बातें बस धोखा है। असली आंदोलन तो वो था जब लोग गाँवों में आग लगाते थे - अब तो सिर्फ टीवी पर बोल रहे हैं। कांग्रेस ने नहीं किया? तो केसीआर ने क्या किया? उन्होंने अपने बेटे को एक बड़ा निवेश दिया।
Ravi Roopchandsingh
जून 11, 2024 AT 20:10तेलंगाना का आंदोलन तो एक जंग थी 🥹🔥... जिसमें लाखों ने खून बहाया... और आज कोई नेता बस टीवी पर बोल रहा है... केसीआर जी का दिल बहुत बड़ा है ❤️🫡 लेकिन जिन्होंने आंदोलन का समर्थन नहीं किया... उनके बेटे अब अमीर हैं 😡
Jothi Rajasekar
जून 11, 2024 AT 23:21अगर हम एकजुट हो जाएं तो तेलंगाना का भविष्य बहुत अच्छा होगा। बस एक बार देखो - हमारे बच्चे अब अंग्रेजी में बात कर रहे हैं, लेकिन हमारी भाषा अभी भी जिंदा है। ये बहुत बड़ी बात है। चलो अब सिर्फ नेताओं की बातें नहीं, बल्कि अपने घरों से शुरू करते हैं।
Irigi Arun kumar
जून 12, 2024 AT 08:55मैंने अपने बाप को याद किया जो 1990 में तेलंगाना के लिए जाने के लिए घर छोड़ दिया था। उन्होंने कभी नहीं कहा कि वो नहीं लड़ेंगे। आज जब मैं उनकी फोटो देखता हूँ, तो मुझे लगता है कि वो आज भी यही कहते - लड़ो, लेकिन सच के साथ। बीआरएस के लोग तो बस अपनी ताकत बढ़ा रहे हैं - लेकिन हमारी आत्मा को तो याद रखो।
Jeyaprakash Gopalswamy
जून 14, 2024 AT 05:07दोस्तों, मैं तो सोचता हूँ कि अगर हम इस तरह लड़ते रहे, तो हमारे बच्चे भी लड़ेंगे। लेकिन अगर हम एक दूसरे को बर्बाद करने लगे, तो क्या होगा? केसीआर के भाषण में एक बात सच है - एकजुट होना ही असली ताकत है। चलो अब बातें बंद करके एक स्कूल बनाते हैं।
ajinkya Ingulkar
जून 14, 2024 AT 08:27कांग्रेस के खिलाफ ये सब बातें बस एक भाषण है। असली समस्या ये है कि तेलंगाना के गाँवों में अभी भी बच्चे बीमार हो रहे हैं। जब तक दवाइयाँ नहीं मिलेंगी, तब तक कोई भी आंदोलन बेकार है। और केसीआर? वो तो अपने घर के बाहर गाड़ी लगाकर बैठे हैं - जबकि एक गाँव में एक माँ अपने बच्चे को बर्फ वाले पानी से बचा रही है।
nidhi heda
जून 15, 2024 AT 14:25अरे यार, क्या आपने सुना? केसीआर ने रिवांथ को निशाना बनाया 😱 और रिवांथ तो बस चुपचाप बैठे रहे 😭 मैं तो रो पड़ी... ये तो एक नाटक है! जब तक ये लोग एक-दूसरे को नहीं छोड़ेंगे, तब तक तेलंगाना कभी नहीं बढ़ेगा 🥲💔
DINESH BAJAJ
जून 15, 2024 AT 15:04ये सब बातें बस नेताओं के लिए हैं। जब तक हम अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे, तब तक ये आंदोलन बेकार है। तेलंगाना का नाम तो आज भी बहुत बड़ा है, लेकिन अगर बच्चे लिख नहीं पाएंगे, तो क्या फायदा?
Rohit Raina
जून 17, 2024 AT 04:32केसीआर ने कांग्रेस को निशाना बनाया, लेकिन उन्होंने खुद की गलतियों का जिक्र क्यों नहीं किया? तेलंगाना के लोगों ने अपना खून बहाया - लेकिन अब उनके बच्चे नौकरी के लिए बैंगलोर जा रहे हैं। ये क्या विकास है?
Prasad Dhumane
जून 18, 2024 AT 19:48तेलंगाना का आंदोलन एक रंग-बिरंगी फूलों की बाग़ थी - जिसमें हर एक जनता का एक फूल था। आज जब ये फूल खिल रहे हैं, तो हमें उन्हें पानी देना होगा। न कि एक दूसरे को तोड़ना। केसीआर के भाषण में एक बात सच है - एकजुटता ही ताकत है। चलो अब उसी को जीते हैं।
rajesh gorai
जून 19, 2024 AT 17:45मैं तो यही कहूंगा - ये सब एक डिस्कोर्डियंट सामाजिक निर्माण का उदाहरण है। जब एक सामूहिक अनुभव को राजनीतिक नारे में रूपांतरित किया जाता है, तो वह अपनी मूल शक्ति खो देता है। केसीआर का भाषण एक नैरेटिव टेक्नोलॉजी है - जिसका उद्देश्य अतीत को अधिकृत करना है। लेकिन वास्तविकता? वो तो अभी भी गरीबी के नीचे दबी है।
dhawal agarwal
जून 21, 2024 AT 08:19मैंने देखा है कि जब कोई नेता अपने आंदोलन की याद दिलाता है, तो वो अपने भविष्य के लिए एक बुनियाद बना रहा होता है। लेकिन अगर वो बुनियाद भी टूट जाए, तो क्या होगा? तेलंगाना का आंदोलन तो लोगों का था - न कि एक नेता का। अगर हम उन लोगों को भूल गए, तो ये आंदोलन बस एक नाम बन जाएगा।