70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार: ऋषभ शेट्टी को 'कांतारा' के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार, 'आत्तम: द प्ले' सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म घोषित

70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार: ऋषभ शेट्टी को 'कांतारा' के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार, 'आत्तम: द प्ले' सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म घोषित

Anmol Shrestha अगस्त 17 2024 15

70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की घोषणा

भारतीय सिनेमा के प्रतिष्ठित 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की घोषणा हो चुकी है, जिसमें कई प्रतिभाओं को उनके अद्वितीय प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया है। इस साल, कन्नड़ अभिनेता ऋषभ शेट्टी ने फिल्म 'कांतारा' के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार जीता है। उनकी यह फिल्म और उनका अभिनय दोनों ही दर्शकों और समीक्षकों द्वारा बेहद सराहा गया। 'कांतारा' को दर्शकों का इतना प्यार मिला कि इसे सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म का पुरस्कार भी मिला जो संपूर्ण मनोरंजन प्रदान करती है।

मलयालम फिल्म 'आत्तम: द प्ले' को सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म

इस साल की सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का पुरस्कार मलयालम फिल्म 'आत्तम: द प्ले' को दिया गया है। इस फिल्म की कहानी और निर्देशन दोनों ही बेहद प्रभावी और सराहनीय हैं। दर्शकों को इसे देखकर पूरी तरह से भारतीय संस्कृति और कला का अद्वितीय अनुभव मिलता है।

नित्या मेनन और अन्य पुरस्कार विजेता

सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार नित्या मेनन को फिल्म 'थिरुचित्त्राम्बलम' के लिए मिला है। उनकी अदाकारी ने दर्शकों का दिल जीत लिया। गुजराती फिल्म 'कच्छ एक्सप्रेस' में अपने दमदार अभिनय के लिए मानसी पारेख को भी सराहा गया और उन्हें भी सम्मानित किया गया।

संगीत निर्देशन और अन्य श्रेणियों में पुरस्कार

हिंदी फिल्म 'फुर्सत' के लिए विशाल भारद्वाज को सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन का पुरस्कार मिला। उनकी दिलकश धुनें और संगीत दर्शकों को भावुक कर देती हैं। इसके साथ ही मराठी वृत्तचित्र 'मर्मर्स ऑफ द जंगल' में अपने आकर्षक आवाज़ के लिए सुमन शिंदे को सर्वश्रेष्ठ नैरेशन (वॉयसओवर) का पुरस्कार प्राप्त हुआ।

अन्य महत्वपूर्ण चयन

तीन बार के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता, ममूटी, 'रॉर्शाच' और 'ननपकाल नेरथु मयक्कम' में अपनी अद्भुत अभिनय के लिए भी मजबूत दावेदार थे। हालांकि, इस साल ऋषभ शेट्टी ने अपने अभिनय का लोहा मनवाया।

पुरस्कार वितरण समारोह

इन समस्त पुरस्कारों का वितरण समारोह अक्टूबर माह में आयोजित किया जाएगा। यह समारोह विभिन्न प्लेटफार्मों पर लाइव-स्ट्रीम किया जाएगा, जिससे दर्शक इस ऐतिहासिक क्षण को देख सकते हैं और इन सम्मानित कलाकारों के उत्सव का हिस्सा बन सकते हैं।

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की इस यात्रा में कई उभरते और प्रतिष्ठित कलाकारों को उनके प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया है, जो भारतीय सिनेमा की उत्कृष्टता को दर्शाता है। यह साल भी इस प्रतिष्ठित पुरस्कार समारोह के इतिहास में एक नया मील का पत्थर साबित हुआ है, जहां विभिन्न भाषाओं की फिल्मों और कलाकारों को स्वीकृति और सम्मान मिला है।

समापन

समापन

भारतीय सिनेमा का जश्न मनाने वाले इस समारोह में यह बात साफ हो जाती है कि सिनेमा की विविधता और कला का स्तर लगातार ऊंचा हो रहा है। इस साल के पुरस्कारों ने नई सम्भावनाओं और उभरते हुए कलाकारों को भी मंच प्रदान किया है। हम सभी को इस तरह के उत्कृष्टता की उम्मीद है और आने वाले समय में भी भारतीय सिनेमा हमें यादगार फिल्में देता रहे।

15 टिप्पणि

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    Rampravesh Singh

    अगस्त 17, 2024 AT 23:24

    इस वर्ष के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों ने भारतीय सिनेमा की विविधता को वास्तविक रूप से सम्मानित किया है। कांतारा का अभिनय और आत्तम का निर्देशन दोनों ही अद्वितीय हैं। यह एक ऐतिहासिक क्षण है जब दक्षिण भारतीय भाषाओं की फिल्में राष्ट्रीय मंच पर समान रूप से सम्मानित हो रही हैं।

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    Akul Saini

    अगस्त 18, 2024 AT 16:06

    कांतारा की सफलता एक आर्थिक और सांस्कृतिक अभिव्यक्ति है-एक लोकप्रिय फिल्म जिसने ग्रामीण जीवन के सांस्कृतिक वातावरण को एक गहरे दर्शनिक ढंग से प्रस्तुत किया है। ऋषभ शेट्टी का अभिनय एक निर्माणात्मक अभिव्यक्ति है जो व्यक्तिगत अभिनय के साथ सामूहिक संस्कृति के साथ समन्वय स्थापित करता है।

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    Arvind Singh Chauhan

    अगस्त 18, 2024 AT 20:12

    क्या आपने कभी सोचा है कि जब एक फिल्म जैसे कांतारा को इतना सम्मान मिलता है, तो यह दर्शाता है कि हमारी संस्कृति अभी भी जीवित है? लेकिन फिर भी, कितने सालों तक हमने इस तरह की फिल्मों को नज़रअंदाज़ किया? यह सम्मान एक विलंबित न्याय है।

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    AAMITESH BANERJEE

    अगस्त 19, 2024 AT 18:43

    मुझे लगता है कि ये पुरस्कार अब बस एक फॉर्मलिटी नहीं रह गए हैं-ये असली बदलाव का संकेत हैं। कांतारा और आत्तम जैसी फिल्में दर्शकों को न केवल मनोरंजन देती हैं, बल्कि उन्हें अपनी जड़ों से जोड़ती हैं। मैंने कांतारा को थिएटर में देखा था, और वह अनुभव जीवन बदल गया।

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    Akshat Umrao

    अगस्त 21, 2024 AT 02:39

    बहुत बढ़िया! 🙌 कांतारा ने तो मुझे रो दिया, और आत्तम ने सोचने पर मजबूर कर दिया। भारतीय सिनेमा अब अपने आप को दर्शाने के लिए बहुत बड़ा हो गया है।

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    Sonu Kumar

    अगस्त 21, 2024 AT 14:58

    हाँ, बहुत बढ़िया... लेकिन क्या यह सच में सर्वश्रेष्ठ है? या बस एक राजनीतिक निर्णय? जब तक हम बॉलीवुड की फिल्मों को अपनी तरह से नहीं देखते, तब तक ये पुरस्कार बस एक लोकप्रिय फेक नॉमिनेशन होंगे।

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    sunil kumar

    अगस्त 21, 2024 AT 22:50

    मैंने आत्तम देखा है-इसका संवाद और संरचना वास्तव में शानदार है। लेकिन क्या यह वास्तव में कांतारा से बेहतर है? यह एक राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए एक बहुत ही विवादास्पद चयन है।

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    Shalini Dabhade

    अगस्त 23, 2024 AT 08:48

    कांतारा? ओह भाई! बस एक गांव की फिल्म है जिसमें कुछ लोग नाच रहे हैं! बॉलीवुड की फिल्मों को इग्नोर करना बेहद अनुचित है। ये सब राष्ट्रीय पुरस्कार अब बस एक ट्रेंड हैं।

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    Jothi Rajasekar

    अगस्त 24, 2024 AT 00:14

    वाह! कांतारा के लिए बधाई! 😊 ऋषभ शेट्टी तो असली टैलेंट हैं। मैंने उन्हें एक छोटे से थिएटर में देखा था-अब राष्ट्रीय पुरस्कार! भारतीय सिनेमा की ये जीत हम सबकी जीत है।

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    Irigi Arun kumar

    अगस्त 24, 2024 AT 14:46

    मुझे लगता है कि अगर हम अपनी भाषाओं की फिल्मों को सम्मान नहीं देंगे, तो हम अपनी पहचान खो देंगे। कांतारा ने न केवल एक कहानी सुनाई, बल्कि एक संस्कृति को जीवित रखा। यह एक आध्यात्मिक अनुभव था। अगर आपने इसे नहीं देखा, तो आपने भारत का एक हिस्सा नहीं देखा।

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    Jeyaprakash Gopalswamy

    अगस्त 26, 2024 AT 11:16

    भाई, कांतारा तो बस एक फिल्म नहीं, एक अनुभव है। मैंने इसे देखा और लगा जैसे कोई मेरे गांव की कहानी सुन रहा हो। ऋषभ शेट्टी ने बस अभिनय नहीं किया-वो जी गए। बधाई हो भाई!

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    ajinkya Ingulkar

    अगस्त 26, 2024 AT 23:27

    यह सब बकवास है। जब तक हम बॉलीवुड को राष्ट्रीय सिनेमा का प्रतिनिधित्व नहीं करेंगे, तब तक ये पुरस्कार बस एक राजनीतिक निर्णय हैं। कांतारा बस एक फॉल्कलोर ड्रामा है-कोई गहराई नहीं। आत्तम? बस एक लंबी बातचीत जिसमें कुछ नहीं हुआ।

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    nidhi heda

    अगस्त 27, 2024 AT 12:47

    ओह माय गॉड!!! कांतारा का अंत देखकर मैं रो पड़ी!!! 😭😭😭 और फिर आत्तम ने मेरे दिल को चुभा दिया!!! ये दोनों फिल्में मेरी जिंदगी बदल गईं!!!

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    DINESH BAJAJ

    अगस्त 28, 2024 AT 04:53

    मुझे नहीं लगता कि ये पुरस्कार वास्तविक उत्कृष्टता को सम्मानित कर रहे हैं। बॉलीवुड की फिल्मों को नज़रअंदाज़ करना एक दुर्भावना है। कांतारा अच्छी है, लेकिन यह राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ नहीं हो सकती।

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    Rohit Raina

    अगस्त 29, 2024 AT 23:37

    कांतारा और आत्तम दोनों ही फिल्में भारतीय सिनेमा की गहराई को दर्शाती हैं। ये पुरस्कार एक नए युग की शुरुआत हैं-जहां भाषाओं की सीमाएं नहीं, बल्कि कला की गुणवत्ता तय करेगी।

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