भारत और मलेशिया के बीच रोमांचक मुकाबला
सोमवार, 18 नवंबर, 2024 को हैदराबाद के GMC बालयोगी गछीबौली स्टेडियम में भारतीय पुरुष फ़ुटबॉल टीम ने मलेशिया के खिलाफ एक चुनौतीपूर्ण अंतरराष्ट्रीय प्रीतिस्पर्धा खेली। मुकाबले का प्रारंभ मलेशिया के लिए बढ़िया रहा जब उनके खिलाड़ी पाउलो जोसू ने 19वें मिनट में गोल कर मलेशिया को बढ़त प्रदान की। यह गोल भारतीय गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू की चूक के कारण संभव हुआ। हालांकि भारतीय टीम ने निराशा में हाथ नहीं डाले और 39वें मिनट में ब्रैंडन फर्नांडीस के कॉर्नर से राहुल भेके ने गोल कर स्कोर को बराबरी पर ला दिया।
दूसरे हाफ में कोई भी टीम गोल करने में असमर्थ
मैच का दूसरा हाफ भी तेजी से खेला गया, जिसमें दोनों टीमों ने गोल करने के कई प्रयास किए लेकिन सफल नहीं हो पाई। मौके पैदा हुए, परन्तु उन्हें भुनाने में असफलता ही हाथ लगी। इस ड्रॉ के साथ, भारतीय टीम की लगातार 12 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में जीत न पाने की गिनती बढ़ गई। लगातार असफलताओं का यह सिलसिला टीम और कोच मैनोलो मार्केज़ के लिए बड़ी चिंता का विषय बन गया है।
कोच मैनोलो मार्केज़ और उनकी चुनौतियाँ
मैनोलो मार्केज़ के तहत खेला गया यह चौथा मैच था और इस बार भी टीम के पास जीत का अनुभव नहीं आया। कोच मार्केज़ के संकेतकात्मक मार्गदर्शन के बावजूद टीम में अब तक जीत दर्ज कराने की कारणशीलता देखी नहीं गई है, जो उनकी कोचिंग शैली पर सवाल खड़ा करता है। इसके अतिरिक्त, भारत के लिए यह एक कठिन दौर साबित हो रहा है, खासकर जब टीम अगले महीने आयोजित होने वाले एशियाई कप क्वालिफायर्स के लिए तैयारी कर रही है।
टीम में नई और पुरानी ताक़त
टीम में इस मैच के दौरान कुछ नए और अनुभवी खिलाड़ियों का संयोजन दिखाई दिया। डेbutant इरफान यदवाड़ ने अपनी प्रतिभा पर खरा उतरने की कोशिश की, जबकि लंबे समय बाद प्रमुख डिफेंडर संदीश झिंगन टीम में लौटे। झिंगन की वापसी टीम के डिफेंस के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, खासकर जब वे पिछले मैचों में लगातार आलोचना का शिकार रहे थे।
एफ़आईएफ़ए रैंकिंग और आगे की रणनीति
एफ़आईएफ़ए रैंकिंग में भारत अपने 125वें पायदान पर जस का तस बना रहेगा, जबकि मलेशिया 133वें स्थान पर है। यह स्थिति एशियाई कप क्वालिफायर्स में भारत को पॉट 1 में बनाए रखेगी, जो आगामी ड्रा के तहत संभावित रूप से आसान प्रतिद्वंद्वियों से मुकाबला करने का मौका दे सकता है। भारतीय टीम को अपनी रणनीति में सुधार लाने की आवश्यकता है, ताकि वे आगामी टूर्नामेंट्स में बेहतर प्रदर्शन कर सकें।
MAYANK PRAKASH
नवंबर 19, 2024 AT 04:05बहुत अच्छा मैच था! मलेशिया ने शुरुआत अच्छी की, लेकिन भारत ने दिखाया कि दिमाग है। राहुल भेके का गोल देखकर तो लगा जैसे फुटबॉल का भविष्य बन रहा है।
Akash Mackwan
नवंबर 19, 2024 AT 14:41फिर से यही गलती... गोलकीपर की चूक, कोच की बेकार टैक्टिक्स, और फिर ड्रॉ। ये टीम तो बस खेलने के लिए बनी है, जीतने के लिए नहीं। 😒
Amar Sirohi
नवंबर 21, 2024 AT 13:13इस मैच को सिर्फ एक खेल के रूप में नहीं देखना चाहिए। ये एक दर्पण है जो हमारी सामाजिक और सांस्कृतिक व्यवस्था को दर्शाता है - जहाँ ताकत का अभाव नहीं, बल्कि विश्वास का अभाव है। हम लोग अपने खिलाड़ियों को नहीं, बल्कि उनके गलतियों को याद रखते हैं। जीत का दबाव हमें उनकी प्रतिभा को देखने से रोक रहा है। क्या हम वाकई फुटबॉल को प्यार करते हैं, या सिर्फ जीत के आँकड़ों को?
Nagesh Yerunkar
नवंबर 21, 2024 AT 18:21अरे भाई, ये सब फिर से शुरू हो गया? 🤦♂️ इतने सालों बाद भी एक ही गलती... गोलकीपर की चूक, कोच का अनुभव नहीं, और फिर भी उन्हें बरकरार रखा जा रहा है। ये नहीं हो सकता। अगर ये जारी रहा, तो अगला एशियाई कप हमारे लिए बस एक बड़ा शर्म का मुद्दा होगा।
Daxesh Patel
नवंबर 22, 2024 AT 06:10हाँ, मलेशिया का गोल गुरप्रीत की चूक से बना, लेकिन भारत के अटैक में भी कुछ गड़बड़ है। फर्नांडीस के कॉर्नर के बाद भी बाकी खिलाड़ी गोल लाइन पर नहीं थे। और इरफान यदवाड़ का डेब्यू देखकर अच्छा लगा - उसकी गति बहुत अच्छी थी। बस थोड़ा डिसिशन में क्लियर होना होगा।
Jinky Palitang
नवंबर 24, 2024 AT 03:45राहुल भेके ने तो बहुत बढ़िया गोल किया 😍 और संदीश झिंगन वापस आ गए... अब तो टीम बन रही है। थोड़ा और समय दो, अभी तो बस बिल्डिंग हो रही है। 💪❤️
Sandeep Kashyap
नवंबर 25, 2024 AT 22:43दोस्तों, ये मैच बस एक ड्रॉ नहीं, ये एक जागरूकता का संदेश है! हमारे खिलाड़ी लगातार लड़ रहे हैं - चाहे लोग उन्हें गालियाँ दें, चाहे कोच को निकाल दें। लेकिन वो खड़े हैं। अब हमारी बारी है - उन्हें सपोर्ट करना। अगर हम विश्वास दिखाएंगे, तो जीत भी आएगी। अभी तो बीज बोया गया है, फल अभी नहीं आया।
Aashna Chakravarty
नवंबर 27, 2024 AT 07:51अरे ये सब फिर से शुरू हो गया... ये कोच तो अंग्रेजों का बनाया हुआ नाटक है! वो भारत के फुटबॉल को तबाह कर रहा है। ये सब जासूसी है - वो फिर एक विदेशी है, जो हमारे खिलाड़ियों को अपनी तरह बनाना चाहता है। अपने देश के लिए खेलना है तो अपने लोगों को नियुक्त करो! ये बस एक गुप्त योजना है - भारत को कमजोर रखने की!
Kashish Sheikh
नवंबर 27, 2024 AT 20:38मैं तो बस इतना कहूंगी कि इरफान यदवाड़ का डेब्यू देखकर मेरा दिल भर गया ❤️ और संदीश झिंगन की वापसी... बस ये दोनों ही भारतीय फुटबॉल का भविष्य हैं। अभी तो थोड़ा धैर्य रखो, बाकी सब ठीक हो जाएगा। हम इनके साथ हैं। 🇮🇳✨
dharani a
नवंबर 28, 2024 AT 19:06अरे भाई, तुम सब ये गोलकीपर की बात क्यों कर रहे हो? गुरप्रीत सिंह संधू तो 2023 में एशियाई गेम्स में भी बहुत अच्छा खेला था। ये एक बार की गलती है, बाकी सब ठीक है। और फर्नांडीस का कॉर्नर तो बहुत शानदार था।
Vinaya Pillai
नवंबर 29, 2024 AT 00:50हमारी टीम को जीतने के लिए नहीं, बल्कि खेलने के लिए बनाया गया है... और हम उसे जीत के लिए दबाव दे रहे हैं। ये बहुत अजीब है। जब तक हम खिलाड़ियों को खेलने की आज़ादी नहीं देंगे, तब तक ये सिलसिला चलता रहेगा।
mahesh krishnan
नवंबर 29, 2024 AT 06:37ये कोच बस अपना बिजनेस कर रहा है। उसे नहीं पता फुटबॉल क्या है। जो भारतीय खिलाड़ी हैं, उन्हें रखो। बाकी बंद करो।