एम. नाइट श्यामलन की 'ट्रैप': आतंक और द्वैध जीवन की कहानी

एम. नाइट श्यामलन की 'ट्रैप': आतंक और द्वैध जीवन की कहानी

सौरभ शर्मा अगस्त 3 2024 0

एम. नाइट श्यामलन की 'ट्रैप': एक संक्षिप्त झलक

मशहूर फिल्म निर्माता एम. नाइट श्यामलन अपनी नई थ्रिलर फिल्म 'ट्रैप' के साथ एक बार फिर दर्शकों को चौंकाने वाले हैं। फिल्म 2 अगस्त 2024 को रिलीज होने जा रही है और इसमें जोश हार्टनेट और एरियल डोनोगह्यू ने मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं। यह फिल्म घरेलू जीवन के भयावह पहलुओं की पड़ताल करती है और एक अग्निशामक की कहानी बताती है जिसका जीवन दोहरे रहस्यों से भरा हुआ है।

कहानी की बुनावट

फिल्म की कहानी एक फायरफाइटर कूपर एडम्स के इर्द-गिर्द घूमती है, जो फिलाडेलफिया के उपनगर में रहता है। वह अपनी बेटी रिले को एक कंसर्ट में ले जाता है। लेकिन रिले को इस बात की भनक नहीं होती कि कूपर ने अपने बेसमेंट में एक युवक को कैद करके रखा है। कूपर की दोहरी जिंदगी इस बात पर निर्भर करती है कि वह एक सामान्य पिता होने का दिखावा करते हुए इस रहस्य को कब तक छुपा सकता है।

द्वैध जीवन की थीम

फिल्म 'ट्रैप' द्वैध जीवन की थीम को प्रमुखता से उठाती है, जो अक्सर सीरियल किलर की कहानियों में देखने को मिलती है। कूपर एडम्स की कहानी में हमें अल्फ्रेड हिचकॉक की फिल्म 'साइको' की झलक भी मिलती है, जहां सीरियल किलर की मां के साथ जटिल रिश्ता उसकी हरकतों को प्रभावित करता है। इस फिल्म में भी कूपर को एक वृद्ध महिला के भ्रम होते हैं, जो उसकी मानसिक स्थिति को और उलझा देती है।

नायिका और प्रोफाइलर

फिल्म में एफबीआई प्रोफाइलर जोसफिन ग्रांट की भूमिका भी अहम है, जो कूपर को पकड़ने के लिए टीम का नेतृत्व करती है। ग्रांट कूपर के कर्मों पर गहन नजर रखती है और उसका प्रोफाइल बनाती है, जिसे 'द बुचर' के नाम से जाना जाता है। फिल्म की सस्पेंस और थ्रिलर बनाने में ग्रांट की उपस्थिति महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

अवलोकन और चरित्र जीवन

श्यामलन इस फिल्म में अवलोकन की क्रिया पर विशेष ध्यान देते हैं। फिल्म में मंच को एक केंद्रीय पात्र के रूप में दर्शाया गया है, जिसका अपना एक जीवन है। हालांकि, कहानी की फोकस तात्कालिक साजिश के परिणामों पर अधिक है, जिसकी वजह से व्यापक अवलोकन और गहरे चरित्र विचारों की कमी महसूस होती है।

विवरण और सस्पेंस

फिल्म के जीवंत विवरण और सस्पेंस से भरे पल इसके कसावट भरे प्लॉट को और भी समृद्ध बनाते हैं। युवाओं से लेकर वयस्कों तक, हर उम्र के दर्शक इस फिल्म से जुड़े रहेंगे। फिल्म ने उन अनकहे डरावने पलों को उभारा है जो हमारे दैनिक जीवन में अप्रत्यक्ष तरीके से मौजूद हैं।

अंततः 'ट्रैप' एक ऐसी फिल्म है जो दर्शकों को अंत तक बांधे रखती है। कहानी का विकास और उसके मोड़ दर्शकों को सोचने पर मजबूर करेंगे और यह श्यामलन की बेहतरीन रचनात्मकता का उदाहरण प्रस्तुत करती है। अगर आप सस्पेंस और थ्रिलर फिल्मों के प्रेमी हैं, तो 'ट्रैप' आपके लिए एक आदर्श फिल्म साबित होगी।