गुवाहाटी में आपातकालीन Ambulance सेवाएं बारिश और जलभराव से पस्त

गुवाहाटी में आपातकालीन Ambulance सेवाएं बारिश और जलभराव से पस्त

Anmol Shrestha अगस्त 16 2025 12

गुवाहाटी की सड़कों पर जलभराव और लोगों की परेशानी

गुवाहाटी में बीते कुछ दिनों से लगातार बारिश ने आम जनजीवन को बेहाल कर रखा है। सबसे बुरा हाल अम्बुलेंस सेवाओं का हुआ है। गुवाहाटी के अमिंगांव जैसे इलाकों में जलभराव और खराब सड़कों की वजह से लोगों को अस्पताल पहुंचने तक के लाले पड़ गए हैं। कई स्थानों पर सड़क पर गहरे गड्ढे और पानी का जमाव मरीजों के लिए काल साबित हो रहे हैं।

सोचिए, अगर किसी बीमार व्यक्ति को तुरंत इलाज की जरूरत पड़े और बारिश के कारण एम्बुलेंस ही उसके घर न पहुंच पाए तो उसकी हालत का क्या होगा। हाल ही में एक घटना सामने आई जिसमें भारी बारिश में एक एम्बुलेंस बीच रास्ते में ही खराब हो गई। मरीज को समय से हॉस्पिटल ले जाना मुश्किल हो गया, जिससे उसके परिजन बेहद परेशान हो गए। इसी तरह, कई बार जलभराव में गाड़ी फंस जाने से एम्बुलेंस का एक-एक मिनट रुकना मरीजों के लिए भारी पड़ रहा है।

प्रशासन की कोशिशें और वास्तविकता

इस बिगड़ती स्थिति के बाद प्रशासन को हरकत में आना पड़ा। जिला प्रशासन ने सड़कों को जल्द दुरुस्त करने और एम्बुलेंस रूट्स को साफ रखने का निर्देश दिया है। मगर अमल में यह इतना आसान नहीं है। अमिंगांव की गलियों में जलभराव इतना ज्यादा है कि वहां बड़ी गाड़ियों का निकलना भी चुनौती हो गया है। कई बार नगर निगम की टीम को रात में भी सड़कों से पानी निकालना पड़ता है, लेकिन हालात में ज्यादा सुधार नजर नहीं आ रहा।

स्थानीय लोग बता रहे हैं कि उनकी कॉलोनियों में छोटी गाड़ियां और एम्बुलेंस अक्सर फंस जाती हैं, और मरीजों को स्ट्रेचर में ही गली से बाहर तक लाना पड़ता है। यह सिर्फ एक मोहल्ले की कहानी नहीं, बल्कि गुवाहाटी के कई इलाकों में यही हाल है।

ऐसी स्थिति में ये सवाल उठना लाजमी है – क्या अब भी शहर की प्राथमिकताओं में स्वास्थ्य सेवाओं की सुगमता शामिल है? प्रशासन के तेजी से किए फैसलों का असर सच में कब तक दिखेगा, ये देखने वाली बात होगी।

12 टिप्पणि

  • Image placeholder

    Kashish Sheikh

    अगस्त 18, 2025 AT 12:52
    ये सब देखकर दिल टूट जाता है 😢 बारिश में अम्बुलेंस फंस जाए तो जान जा सकती है... हमारे शहर की बुनियादी व्यवस्था तो अभी भी 1990 के दशक में फंसी हुई है।
  • Image placeholder

    dharani a

    अगस्त 18, 2025 AT 20:39
    अमिंगांव की सड़कें तो बस एक बड़ा तालाब हैं। मैंने खुद एक बार देखा था जब एक बूढ़े आदमी को स्ट्रेचर पर लेकर 40 मिनट चलकर अस्पताल पहुंचाया गया। ये नहीं होना चाहिए।
  • Image placeholder

    Vinaya Pillai

    अगस्त 19, 2025 AT 07:34
    प्रशासन ने निर्देश दिए... बहुत बढ़िया! 🙄 अब तो बस एक औपचारिकता के लिए एक प्रेस रिलीज जारी कर दें। रात में पानी निकालने की टीम तो बस ड्रामा बना रही है। असली समाधान कहाँ हैं?
  • Image placeholder

    mahesh krishnan

    अगस्त 19, 2025 AT 09:49
    ये सब बुरा है पर लोगों को भी समझना चाहिए। जल्दी से बिल बनाओ, निकासी नहीं करते, फिर अम्बुलेंस को दोष देते हो।
  • Image placeholder

    Deepti Chadda

    अगस्त 20, 2025 AT 04:50
    भारत में ये सब होता है क्योंकि हमारे लीडर्स बेकार हैं 😤 अगर चीन होता तो ये सड़कें 3 दिन में ठीक हो जातीं। हमारी संस्कृति ही इतनी ढीली है।
  • Image placeholder

    Anjali Sati

    अगस्त 20, 2025 AT 06:55
    कोई नहीं सुनता। जब बारिश होती है तो सब भूल जाते हैं। फिर एक दिन बाद न्यूज़ पर चल जाता है। फिर फिर से भूल जाते हैं।
  • Image placeholder

    Preeti Bathla

    अगस्त 21, 2025 AT 23:23
    इतना बुरा हाल है और आप यहीं बैठे हैं? ये लोग तो मर रहे हैं और तुम बस कमेंट कर रहे हो? तुम्हारा दिल कहाँ है? 😔
  • Image placeholder

    Aayush ladha

    अगस्त 22, 2025 AT 19:19
    अगर ये सब इतना बुरा है तो फिर ये शहर ही छोड़ दो। क्यों यहाँ रहो? बारिश होती है तो दुनिया भर में होती है। ये भारत की बात नहीं ये तो आपकी लापरवाही है।
  • Image placeholder

    Rahul Rock

    अगस्त 22, 2025 AT 23:41
    हम सब एक दूसरे को दोष देते हैं। प्रशासन, नगर निगम, लोग, बारिश... लेकिन क्या हमने कभी सोचा कि हम खुद क्या कर सकते हैं? छोटे-छोटे कदम उठाए जाएं तो बदलाव आएगा।
  • Image placeholder

    Annapurna Bhongir

    अगस्त 24, 2025 AT 03:03
    ये तो हमारी आदत है। जब तक किसी की जान नहीं जाती तब तक कोई कुछ नहीं करता।
  • Image placeholder

    PRATIKHYA SWAIN

    अगस्त 25, 2025 AT 13:43
    हम सब मिलकर इसे ठीक कर सकते हैं। एक छोटा सा आंदोलन शुरू करो।
  • Image placeholder

    MAYANK PRAKASH

    अगस्त 26, 2025 AT 04:34
    मैंने अमिंगांव में एक ग्रुप बनाया है जहाँ हम रोज़ एक टीम बनाकर जलभराव वाली जगहों पर पानी निकालते हैं। कोई चाहे तो शामिल हो सकता है। एक छोटा सा कदम बड़ा बदलाव ला सकता है।

एक टिप्पणी लिखें