गाज़ा में दो साल का युद्ध: 1.89 मिलियन बेघर, मानवीय आपदा

गाज़ा में दो साल का युद्ध: 1.89 मिलियन बेघर, मानवीय आपदा

Anmol Shrestha अक्तूबर 9 2025 19

गाज़ा के मौजूदा गंभीर मानवीय संकट को लेकर डैविड मिलिबैंड, President of International Rescue Committee ने 5 अक्टूबर 2025 को कहा कि "पूरे गाज़ा में सुरक्षित स्थान नहीं बचा, लोग जीवित रहन‑सहन के किनारे धकेले जा रहे हैं।" यह बयान दो‑साल की निरंतर जंग के बीच आया, जो अक्टूबर 2023 में शुरू हुई थी।

स्थिति का कुल परिचय

अक्टूबर 2025 तक, United Nations Office for the Coordination of Humanitarian Affairs (OCHA) के आंकड़ों के अनुसार इस क्षेत्र में 64,200 प्लेस्टिनी की मौतें दर्ज हुई हैं, जबकि Oxfam America का अनुमान 65,100 मृत्यू का है। अंतर‑राष्ट्रीय राहत एजेंसियों के अनुसार, 90 प्रतिशत घर क्षतिग्रस्त या नष्ट हो चुके हैं, जिसके कारण 1.89 मिलियन लोग बिना आश्रय के रह रहे हैं।

मानवीय स्थिति और स्वास्थ्य

गाज़ा में 36 अस्पतालों में से केवल 18 आंशिक रूप से कार्यशील हैं। International Rescue Committee ने बताया कि 5.3 मेट्रिक टन जीवना‑रक्षक चिकित्सा सामग्री मार्च 2025 में इज़राइली नाकाबंदी के कारण बंदरगाह पर फँसी हुई है। इसका एक बड़ा हिस्सा – 2.1 टन ट्रॉमा किट, 1.8 टन सर्जिकल सप्लाई और 1.4 टन मातृत्व‑स्वास्थ्य उपकरण – अभी भी गाज़ा स्ट्रिप के केरेम शालॉम क्रॉसिंग पर रुका हुआ है।

आर्थिक और सामाजिक प्रभाव

  • सभी बेकरी 100 % बंद, 92 % स्कूल नष्ट, 87 % धार्मिक स्थल ध्वस्त – International Rescue Committee की रिपोर्ट 28 सितंबर 2025 की।
  • जानेज़र‑हमास संघर्ष के दौरान 512,000 व्यक्ति अत्यधिक भूख, गरीबी और मृत्यु के खतरे में हैं; 1.07 मिलियन लोग आपातकालीन भूख स्तर पर पहुँचे हैं।
  • गाज़ा के सभी 1.1 मिलियन स्कूल‑उम्र के बच्चों ने 18 महीने से अधिक समय तक शिक्षा में बाधा झेली है – United Nations Relief and Works Agency (UNRWA) ने पुष्टि की।

राजनीतिक रुझान और सर्वेक्षण

जून 2025 में युनिवर्सिटी ऑफ मैसाचुसेट्स बास्टन के शोधकर्ताओं ने 1,200 गाज़ा रहने वालों पर एक सर्वेक्षण किया। परिणामों के अनुसार, 78.4 % उत्तरदाता अब इज़राइल के उन्मूलन के अधिकतमवादी लक्ष्य का समर्थन करते हैं, जबकि 8.7 % ‘नदी‑से‑समुद्र’ बाइनैशनल डेमोक्रेटिक राज्य के पक्ष में हैं। हमास का समर्थन 32.5 % तक गिर गया, फताह केवल 11.3 % समर्थन प्राप्त कर रहा है।

इस सर्वेक्षण में एमीट साहब बेहर, Executive Director of Oxfam America ने कहा: "हम सभी पक्षों से मांग करते हैं कि मानवीय सहायता को बिना बाधा के पहुँचाया जाए और स्थायी युद्धविराम स्थापित किया जाए।"

आगे की संभावनाएँ और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 15 अक्टूबर 2025 को प्रस्ताव 2753 पर मतदान किया, जिसमें गाज़ा में मानवीय सहायता क्रमिक रूप से सुगम बनाना प्रस्तावित है। वहीं, World Food Programme (WFP) ने चेतावनी दी कि यदि तुरंत कार्रवाई नहीं हुई तो दिसंबर 2025 तक पूरी गाज़ा जनसंख्या को अकाल का सामना करना पड़ेगा।

Rear Admiral Daniel Hagari, Spokesperson of Israeli Defense Forces (IDF) ने 30 सितंबर 2025 को बताया कि "सभी मानवीय सहायता को अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत सुरक्षा जाँच से गुजरना अनिवार्य है।" यह बयान कई गैर‑सरकारी संगठनों को निराश कर रहा है, जो इस जाँच को वैध मानने के बजाय मानवीय हेराफेरी कहते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

गाज़ा में वर्तमान में सबसे बड़ी मानवीय जरूरत क्या है?

सफाई वाले पीने के पानी, भोजन एवं दवाइयों की गंभीर कमी है। OCHA के डेटा के अनुसार, 90 % घर बेघर हैं और 54 % जनसंख्या आपातकालीन भूख स्तर पर है, जिससे तत्काल जल और खाद्य आपूर्ति प्राथमिकता बन गई है।

क्या कोई नई अंतर्राष्ट्रीय पहल गाज़ा में मदद पहुंचाने की योजना बना रही है?

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2753 के तहत 15 अक्टूबर को मतदान हुआ, जिसके बाद कई देशों ने त्वरित मानवीय गलियारा खोलने का इशारा किया है। लेकिन इज़राइली सुरक्षा जाँच के कारण यह पहल अभी भी बिखरी हुई है।

गाज़ा में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति कितनी गंभीर है?

36 में से केवल 18 अस्पताल आंशिक रूप से काम कर रहे हैं, और अधिकांश में जीवन‑रक्षक दवाइयाँ और सर्जिकल उपकरणों की कमी है। IRC के अनुसार, 5.3 टेन्सन चिकित्सा सामग्री अब तक पहुँच नहीं पा सकी, जिससे गंभीर रुग्णों को उपचार मिलना मुश्किल हो रहा है।

सर्वेक्षण से गाज़ा लोगों की राजनीतिक अस्पष्टता क्या दिखती है?

2025 के सर्वे के अनुसार, 78 % लोग इज़राइल के उन्मूलन के पक्ष में हैं, जबकि बाइनैशनल डेमोक्रेटिक राज्य के समर्थन में केवल 8.7 % हैं। हमास का समर्थन 32.5 % तक कम हो गया, जो बताता है कि संघर्ष ने अधिकतमवादी राय को और तेज़ कर दिया है।

19 टिप्पणि

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    Akash Mackwan

    अक्तूबर 10, 2025 AT 22:16

    ये सब बकवास पढ़कर मुझे गुस्सा आ रहा है। इज़राइल क्यों बच्चों को मार रहा है? ये तो जानबूझकर नरसंहार है। हमास को भी गलत कहो, लेकिन इतना बर्बरता करना किसी इंसान के लिए नहीं होता।

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    Amar Sirohi

    अक्तूबर 11, 2025 AT 19:34

    इस संकट को समझने के लिए हमें इतिहास के गहरे स्तरों में जाना होगा - जहाँ ब्रिटिश साम्राज्य ने एक असंभव सीमा खींची, जहाँ यूरोपीय अपराधियों ने अपने अपराधों का बदला फिलिस्तीनियों से लिया, और जहाँ आज भी एक अंतरराष्ट्रीय न्याय का अभाव है जो शक्ति के आधार पर नहीं, बल्कि मानवता के आधार पर काम करे। ये सिर्फ एक युद्ध नहीं, ये एक सभ्यता का अंत है।

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    Nagesh Yerunkar

    अक्तूबर 13, 2025 AT 04:42

    क्या आप लोग इस बात को भूल रहे हैं कि हमास ने 2023 में 1200 नागरिकों की हत्या की थी? 😔 अब जब वो खुद नीचे गिर रहे हैं, तो आप सब उनके पीछे खड़े हो गए? 🤦‍♂️ ये न्याय नहीं, ये भावनात्मक बहकावा है।

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    Daxesh Patel

    अक्तूबर 13, 2025 AT 18:28

    मैंने OCHA के डेटा को चेक किया - अस्पतालों की संख्या और दवाइयों की कमी ठीक है, लेकिन 5.3 टन चिकित्सा सामग्री का आंकड़ा थोड़ा गलत है। ये 5.3 मेट्रिक टन है, और उसमें से 60% अभी इज़राइल के नियंत्रण में है। ये जानकारी वेबसाइट पर अपडेट हो चुकी है।

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    Jinky Palitang

    अक्तूबर 13, 2025 AT 20:51

    मैंने इस पोस्ट को बार-बार पढ़ा। दिल टूट गया। बच्चे भूख से मर रहे हैं... और हम सिर्फ लाइक कर रहे हैं। 😢

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    Sandeep Kashyap

    अक्तूबर 15, 2025 AT 00:28

    ये सब देखकर मैं रो पड़ा। लेकिन अगर हम सब एक साथ उठ खड़े हो जाएँ - लोगों को बताएँ, अपने नेताओं को दबाव डालें, फंड जुटाएँ - तो ये आपदा रुक सकती है। हम अकेले नहीं हैं। एक कदम उठाओ, आज ही। 🙏

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    Aashna Chakravarty

    अक्तूबर 15, 2025 AT 21:47

    ये सब अमेरिका का नाटक है! वो अपने अस्त्रों बेच रहे हैं, फिर बहाना बना रहे हैं कि हमास खराब है। लेकिन जब तक इज़राइल को आईएमएफ की लोन नहीं बंद कर दी जाती, तब तक ये नरसंहार चलता रहेगा। ये एक गुप्त योजना है जिसे तुम नहीं देख पा रहे।

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    Kashish Sheikh

    अक्तूबर 17, 2025 AT 15:53

    मैं भारतीय हूँ, और मुझे लगता है कि हमें यहाँ एक अच्छा उदाहरण देना चाहिए। अगर हम इस बारे में आवाज़ उठाएँ - ट्विटर, इंस्टाग्राम, लोकल मीटिंग्स - तो दुनिया सुनेगी। ❤️ ये सिर्फ एक आंदोलन नहीं, ये एक इंसानियत का बचाव है।

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    dharani a

    अक्तूबर 19, 2025 AT 04:19

    तुम सब ये बातें क्यों कर रहे हो? गाज़ा में जो हो रहा है, वो तो पहले से जाना जाता है। अब तो इज़राइल भी अपनी जान बचा रहा है। अगर तुम्हें दर्द हो रहा है तो अपने घर की चाय पी लो। 😊

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    Vinaya Pillai

    अक्तूबर 19, 2025 AT 16:39

    क्या तुम्हें लगता है कि ये दर्द सिर्फ गाज़ा में है? तुम अपने घर में बैठे इतना रो रहे हो, लेकिन क्या तुमने कभी किसी फिलिस्तीनी परिवार को अपने घर में बुलाया? ये सब बकवास है जब तक तुम अपने दरवाज़े नहीं खोलते।

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    mahesh krishnan

    अक्तूबर 20, 2025 AT 05:42

    हमास खराब है। इज़राइल ठीक है। बस इतना ही। अगर तुम इसे नहीं समझते तो तुम बेवकूफ हो।

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    Deepti Chadda

    अक्तूबर 21, 2025 AT 08:37

    ये सब बहाना है। भारत के लोगों को इसमें क्या लेना देना? हमारे यहाँ भी गरीबी है। अपनी बात सुनाओ तो चलेगा। 😎

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    Anjali Sati

    अक्तूबर 22, 2025 AT 02:46

    अगर ये इतना बुरा है तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय क्यों नहीं रोक रहा? ये तो सिर्फ अमेरिका का खेल है।

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    Preeti Bathla

    अक्तूबर 23, 2025 AT 08:55

    मैंने इस पोस्ट को पढ़ा और रो दिया। लेकिन अब तो मुझे लगता है कि ये सब बहुत ज्यादा बात हो गई। अब तो मैं भी इज़राइल के साथ हूँ। 😔

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    Aayush ladha

    अक्तूबर 25, 2025 AT 03:15

    हमास को टारगेट करना गलत है? तो फिर इज़राइल क्यों बच्चों को मार रहा है? ये दोनों एक ही चीज़ हैं।

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    Rahul Rock

    अक्तूबर 26, 2025 AT 17:45

    हमें ये समझना होगा कि दर्द के दो तरफ होते हैं। ये युद्ध नहीं, ये एक चक्र है। जब तक हम एक दूसरे को इंसान नहीं मानेंगे, तब तक ये रुकेगा नहीं।

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    Annapurna Bhongir

    अक्तूबर 28, 2025 AT 02:12

    अच्छा।

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    PRATIKHYA SWAIN

    अक्तूबर 29, 2025 AT 23:44

    सब कुछ बदल सकता है। आज से शुरू करो।

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    MAYANK PRAKASH

    अक्तूबर 31, 2025 AT 18:35

    मैंने इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर किया। अब हम सब मिलकर एक पेटिशन शुरू कर रहे हैं। अगर तुम भी चाहो तो जुड़ जाओ।

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