फिल्म 'वेट्टैयान' में सितारों का जमावड़ा
सुपरस्टार रजनीकांत की हाल ही में रिलीज़ हुई फिल्म 'वेट्टैयान' 10 अक्टूबर 2024 को सिनेमाघरों में आ चुकी है और इसने तमिल सिनेमा के दर्शकों में उत्सुकता की नई लहर पैदा कर दी है। टीजे ग्नानवेल द्वारा निर्देशित इस फिल्म में रजनीकांत के साथ अमिताभ बच्चन, फहाद फासिल, राणा दग्गुबाती, मन्जू वारियर, अभिरामी, दुशारा विजयन और ऋतिका सिंह जैसे मशहूर कलाकार शामिल हैं। इस सितारों से भरी कास्ट ने दर्शकों की उम्मीदों को आसमान तक पहुंचा दिया है।
फिल्म का केंद्र बिंदु न केवल इसकी दमदार अभिनय क्षमता है, बल्कि यह भी कि यह सामाजिक मुद्दों को बहुत ही प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत करती है। यह कहानी न्याय व्यवस्था में हो रही अनियमितताओं और नैतिक द्वंद्वों पर प्रकाश डालती है। टीजे ग्नानवेल की पिछली फिल्म 'जय भीम' ने जिस तरह पुलिस की बर्बरता और जातीय अन्याय के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया था, उसी तरह 'वेट्टैयान' विधि से बाहर का न्याय (एक्सट्राज्यूडिशियल किलिंग्स) और इसकी नैतिकता पर सवाल उठाती है।
हाई प्रोफाइल सितारों की उपस्थिति इस फिल्म को आकर्षक बनाती है, लेकिन इसमें उनकी महत्वपूर्ण भूमिकाएँ होने की वजह से, इन पात्रों का सही रूप में प्रदर्शित होना आवश्यक है। टीजे ग्नानवेल ने स्वयं कहा है कि 'वेट्टैयान' की कहानी में कंटेंट प्राथमिकता में है और उन्होंने कलाकारों के लिए ठोस किरदार तैयार किए हैं।
क्या सितारों का जमावड़ा बना देगा फिल्म को और रोमांचक?
इस फिल्म में इतने सारे कलाकारों की उपस्थिति फिल्म को एक अलग ऊँचाई देती है, लेकिन साथ ही, अगर इन भूमिकाओं का विकास सही से नहीं किया गया, तो यह फिल्म के लिए कठिनाई खड़ी कर सकता है। फिल्म 'वेट्टैयान' को सही मायनों में एक निर्देशक के सम्पन्न प्रयास के रूप में देखा जा रहा है, जहाँ कहानी और पात्र दोनों को अत्यधिक महत्व दिया गया है।
फिल्म के ट्रेलर ने दर्शकों को यह उम्मीद दी है कि 'वेट्टैयान', नेलसन दिलीपकुमार की 'जेलर' से भिन्न होगी, जहाँ अन्य फिल्म उद्योगों के सितारे मात्र कैमियो भूमिकाओं में नहीं होंगे, बल्कि फिल्म में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
प्रथम दिन जैसा पहला कदम
'वेट्टैयान' के लिए अग्रिम बुकिंग की बातें सकारात्मक रही हैं, और ऐसा माना जा रहा है कि फिल्म पहले दिन ही बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन करेगी। हालांकि, सबसे बड़ी चुनौती है कि यह फिल्म इस स्टार दमखम के साथ न्याय कर पाए, खासतौर पर जब उम्मीदें आसमान छू रही हों।
इस तरह, 'वेट्टैयान' एक ऐसा सिनेमाई अनुभव बनने की तरफ अग्रसर है, जो न केवल दर्शकों का ध्यान खींचती है बल्कि उन्हें सोचने पर मजबूर भी करती है। यह फिल्म एक प्रकार से दिखाती है कि कैसे तारे अपनी रोशनी से पर्दे को और भी रोशन बना सकते हैं, लेकिन यह तभी मुमकिन है जब वे पात्रों में ढल कर उनके साथ एकात्म हो जाएं।
कुल मिलाकर, 'वेट्टैयान' भारतीय फिल्म उद्योग में एक महत्वपूर्ण पड़ाव के रूप में उभर रही है, जिसका प्रभाव लंबे समय तक बना रह सकता है। सितारों की उपस्थिति न सिर्फ फिल्म को ग्लैमरस बनाती है बल्कि इससे जुड़ी कहानियों के गहरे अर्थ और जिम्मेदारियों को भी उजागर करती है। फिल्म की सफलता में यह बात अत्यंत महत्वपूर्ण होगी कि वह कहानी की जटिलताओं और सामाजिक मुद्दों को सही तौर से पकड़ पाए।
Aashna Chakravarty
अक्तूबर 12, 2024 AT 07:54ये सब सितारे लेकर आए हैं क्या? अमिताभ बच्चन का कैमियो तो बस एक ट्रेलर ट्रिक है, वो तो सिर्फ अपने नाम की बात कर रहे हैं। ये फिल्म तो अमेरिका के कुछ लोगों ने बनाने को कहा है, जो भारतीय सिनेमे को बदनाम करना चाहते हैं। रजनीकांत के चेहरे पर जो लाइटिंग है, वो एक एल्गोरिदम द्वारा डिज़ाइन की गई है-ये सब AI द्वारा नियंत्रित है। ये फिल्म किसी गुप्त संगठन का प्रचार है जो भारत के न्याय प्रणाली को तोड़ना चाहता है। तुम लोग सोचते हो कि ये बस एक फिल्म है? नहीं भाई, ये तो एक बड़ा नेटवर्क है।
Kashish Sheikh
अक्तूबर 13, 2024 AT 12:03वाह यार 😍 इतने बड़े तारे एक साथ आ गए हैं! रजनीकांत का अंदाज़ तो हमेशा से अलग ही रहा है, अमिताभ का आवाज़ तो बस एक शायरी लग रहा है 🎭 और फहाद फासिल का एक्शन देखकर तो लगा जैसे एक नया जादू शुरू हो रहा है! 🙌 ये फिल्म सिर्फ एक फिल्म नहीं, ये तो तमिल सिनेमा की एक नई पीढ़ी का उदय है। मैं तो पहले दिन ही बुक कर लूंगी, बस इंतज़ार है! 💖
dharani a
अक्तूबर 15, 2024 AT 01:25अरे यार, तुम सब बस फिल्म के बारे में बात कर रहे हो, पर किसने सोचा कि ये फिल्म किस बुक से बनी है? टीजे ग्नानवेल ने अपनी पिछली फिल्म 'जय भीम' के बाद एक नए फॉर्मेट को डिफाइन किया है-एक ऐसा फॉर्मेट जहाँ डॉक्यूमेंट्री स्टाइल और फिक्शन मिल रहा है। इसमें अभिरामी का किरदार तो बिल्कुल एक नए तरीके से लिखा गया है, जैसे अमेरिकी फिल्मों में होता है, पर भारतीय रूप में। और ऋतिका सिंह का एक्टिंग तो बिल्कुल बेस्ट है-उसने बिना बोले ही इतना कह दिया कि तुम रो पड़ोगे। इस फिल्म का डायलॉग डायरेक्टर अभिषेक भार्गव है, जिसने 'मिस्टर एंड मिसेज इंडिया' में भी काम किया था।
Vinaya Pillai
अक्तूबर 15, 2024 AT 19:49अरे यार, तुम लोग इतना बड़ा ड्रामा क्यों बना रहे हो? 😏 एक फिल्म है, बस देख लो। अगर तुम्हें लगता है कि रजनीकांत के बिना फिल्म अधूरी है, तो तुम्हारी नज़र बदलनी पड़ेगी। ये फिल्म तो उन सबकी कहानी है जो अपने आप को बड़ा समझते हैं। अमिताभ का रोल तो बस एक ट्रेलर ट्रिक है, असली कहानी तो दुशारा विजयन के चरित्र में छिपी है-वो जो बिना कुछ बोले फिल्म का दिल है। तुम लोग इतने बड़े तारों के नाम सुनकर भावुक हो जाते हो, पर असली कहानी तो उन छोटे अभिनेताओं में है जिनका कोई नाम नहीं लेता।
mahesh krishnan
अक्तूबर 16, 2024 AT 00:14