ईरान-इज़राइल तनाव: मिसाइल हमले और परमाणु संकट
13 और 14 जून 2025 की रात, पश्चिमी एशिया में जो हुआ, वह हैरान करने वाला था। ईरान ने इज़राइल की ओर लगभग 100 बैलिस्टिक मिसाइल दागीं—वो भी एक या दो नहीं, बल्कि दो चरणों में। इन मिसाइलों का मुख्य निशाना था इज़राइल के बड़े शहर, जैसे तेल अवीव और यरुशलम, जिन पर आम लोगों की जिंदगी हर पल दांव पर लग गई। ये हमला सीधे तौर पर ईरान के उन परमाणु केंद्रों पर इज़राइल के हमले के जवाब में हुआ, जिसमें नौ वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिकों की मौत हो गई थी। दावा ये भी है कि इनमें से दो वैज्ञानिक ईरानी परमाणु हथियार कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहे थे।
इज़राइल की दमदार Iron Dome मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने ज्यादातर मिसाइलें हवा में ही नष्ट कर दीं, लेकिन कुछ मिसाइलों ने तेल अवीव में तबाही मचाई—आगजनी हुई और दर्जनभर लोग घायल हो गए। इज़रायली रक्षा बल (IDF) के अनुसार, 21 लोग जख्मी हैं और दो की हालत नाजुक बनी हुई है। इन हालातों में इज़राइल के लोग बंकरों में छुपने को मजबूर हो गए।
हमलों का जवाब और चौतरफा तनाव
इससे पहले, इज़राइल ने ईरान के नतान्ज और इस्फहान स्थित परमाणु ठिकानों पर बड़ा हमला किया था। खबर है कि इज़राइली वायुसेना ने तेहरान के पास बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च साइट्स को भी खत्म किया। इज़राइली वायुसेना के मुताबिक, उनके विमान तेहरान की हवाई सीमा में ऑफिसियल मिशन को अंजाम देने में सक्षम हैं, और अब उनके अगले कदम के बारे में ईरान को अंदाजा नहीं है। इज़राइली जनरल्स साफ कह चुके हैं कि ईरानी परमाणु ताकत और मिसाइल क्षमता को कई दिनों, यहां तक कि हफ्तों तक चलने वाले ऑपरेशन से खत्म किया जाएगा।
अमेरिकी सेना ने भी इस संकट में तगड़ा रोल निभाया। अमेरिकी डिफेंस सिस्टम डालकर उन्होंने अपने स्टाफ और संपत्ति की सुरक्षा की, बल्कि कई ईरानी मिसाइलों को उड़ान भरते ही टारगेट कर दिया। इस बीच इराक और सीरिया स्थित अमेरिकी सैनिकों को भी हमले के समय अस्थायी शेल्टर में जाना पड़ा। यूएस डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस की मानें तो यह अभी सिर्फ शुरुआत है, और खतरे फिलहाल खत्म नहीं हुए हैं।
दूसरी ओर, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामैनी ने न केवल बदला लेने का ऐलान किया, बल्कि इज़राइल के खिलाफ 'कड़ी कार्रवाई' की धमकी दी है। ईरानी मीडिया के मुताबिक, इज़राइली हमले में 78 ईरानी नागरिकों की मौत हुई और 300 से ज्यादा घायल हैं। ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियन ने यह भी कहा कि अगर इज़राइल ने अपने हमले नहीं रोके तो जवाब और भी कठोर होगा।
इज़राइल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने आरोप लगाया कि ईरानी हमलों में आम नागरिकों को जानबूझकर निशाना बनाया गया। उन्होंने ईरान को 'बहुत भारी कीमत' चुकाने की चेतावनी दी। सेना की तरफ से बताया गया कि जवाबी ऑपरेशन तय योजना के हिसाब से आगे बढ़ रहा है और जरूरत पड़ी तो और तेज किया जा सकता है।
ये ताजा घटनाएं इस पूरे इलाके के लिए खतरे की घंटी बन गई हैं। पड़ोसी मुल्क चौकन्ने हैं, लोग डरे हुए हैं और दुनिया भर में तनाव बढ़ता जा रहा है। अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि आगे कौन-सा कदम उठाया जाएगा—क्योंकि अब हालात किसी छोटे विवाद से बहुत आगे निकल चुके हैं।