Kesari Chapter 2: रिलीज होते ही जबरदस्त चर्चा, अक्षय कुमार की दमदार अदाकारी ने जीता दिल

Kesari Chapter 2: रिलीज होते ही जबरदस्त चर्चा, अक्षय कुमार की दमदार अदाकारी ने जीता दिल

Anmol Shrestha अप्रैल 19 2025 19

जलियांवाला बाग की अनसुनी कहानी पर Kesari Chapter 2

17 अप्रैल को जैसे ही Kesari Chapter 2 सिनेमाघरों में आई, दर्शकों की भीड़ और चर्चाओं ने साफ बता दिया कि इस फिल्म ने इतिहास से खुद को जोड़ लिया है। अक्षय कुमार ने सर शंकरण नायर का किरदार निभाया है, जो जलियांवाला बाग नरसंहार के बाद ब्रिटिश सत्ता को खुली चुनौती देते हैं। निर्माण की बुनियाद The Case That Shook the Empire नामक किताब पर रखी गई है, जिसे रघु और पुष्पा पलट ने लिखा है।

फिल्म की रिलीज के कुछ घंटों के भीतर ही ट्विटर पर इसकी तारीफों की बाढ़ आ गई। किसी ने इसे 'cinematic triumph' कहा, तो किसी के मुताबिक ये 'must-watch experience' है। खासतौर से सिनेमाघरों में हुए विशेष स्क्रीनिंग के दौरान खड़े होकर ताली बजाने जैसी प्रतिक्रियाएँ सामने आईं, जिसने Kesari Chapter 2 को एक बड़ी ऐतिहासिक फिल्म की जगह दिलाई। कई लोगों ने इसकी तुलना 'Sky Force' जैसी फिल्मों से भी की।

अक्षय कुमार, कहानी और दर्शकों की भावनाएं

अक्षय कुमार की एक्टिंग इस फिल्म की जान है। दर्शकों ने उनके अभिनय को 'दिल दहला देने वाला' और 'भावुक' बताया है। जब सर शंकरण नायर अदालत में ब्रिटिश सरकार को ललकारते हैं, तो माहौल एकदम चटख हो जाता है। फिल्म में उनकी हर नजर, हर संवाद में दर्द और संकल्प झलकता है। साथ ही आर. माधवन और अनन्या पांडे ने भी अपने-अपने किरदारों में खूब जान फूंकी है।

सोशल मीडिया पर लगातार रिव्यू आ रहे हैं, जिसमें फिल्म की ऐतिहासिकता, प्रामाणिकता और निर्देशन की तारीफ की जा रही है। एक ट्विटर यूज़र ने लिखा, "इतिहास के सबसे काले अध्याय को जिस गहराई और विस्तार से दिखाया गया है, वह बेहद उम्दा है। हर दृश्य, खासकर जलियांवाला बाग का मंजर, रोंगटे खड़े कर देता है।" फिल्म, ब्रिटिश हुकूमत के कैरेक्टरों, न्याय प्रणाली और भारतीय जजों की विवशता को भी बखूबी सामने लाती है।

दर्शकों के लिए यह सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि आज़ादी की लड़ाई के उस अनछुए हिस्से की झलक है, जो किताबों में कम ही मिलती है। ऐसे समय में जब इतिहास पर आधारित सिनेमा की कमी महसूस होती है, जलियांवाला बाग की अनसुनी गाथा पर बनी ये फिल्म गंभीरता और संवेदनशीलता का विरल उदाहरण बन गई है।

  • फिल्म की रिलीज के साथ ही सोशल मीडिया पर वायरल रिव्यू
  • अक्षय कुमार को मिला जबरदस्त रिस्पॉन्स
  • जलियांवाला बाग कांड की न्यायिक लड़ाई को दिखाया गया केन्द्र में
  • विशेष स्क्रीनिंग में दर्शकों के भावुक और गर्व से भरे रिएक्शन

ऐसा लग रहा है मानो Kesari Chapter 2 ने न सिर्फ मनोरंजन किया, बल्कि इतिहास की उस पीड़ा और बहादुरी को भी सामने रखा, जिसे लोग अक्सर भूल जाते हैं। दर्शक इसे भारतीय सिनेमा के लिए यादगार मान रहे हैं, जिसमें इतिहास, संवेदना और नायकत्व—तीनों का अद्भुत संगम है।

19 टिप्पणि

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    PRATIKHYA SWAIN

    अप्रैल 20, 2025 AT 17:55
    बहुत अच्छी फिल्म है। देख लो।
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    Aayush ladha

    अप्रैल 21, 2025 AT 23:31
    अक्षय कुमार को तो हर फिल्म में ही नायक बना दिया जाता है... लेकिन ये बार असली लगा। जलियांवाला बाग का जो दर्द दिखाया गया, वो दिल को छू गया।
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    Rahul Rock

    अप्रैल 23, 2025 AT 19:21
    इतिहास को फिल्म में लाना आसान नहीं होता। ये फिल्म ने सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि उसके बाद की आवाज़ को भी सुनाया। अक्षय के अभिनय ने इसे जिंदा कर दिया।
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    Annapurna Bhongir

    अप्रैल 25, 2025 AT 14:57
    फिल्म अच्छी है पर बहुत ज्यादा भावुक बना दिया गया है जिससे इतिहास का वास्तविक पहलू धुंधला हो गया
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    MAYANK PRAKASH

    अप्रैल 27, 2025 AT 14:29
    मैंने अभी देखी है। अदालत का दृश्य तो जबरदस्त था। जब शंकरण नायर ने ब्रिटिश जज को देखा और बोला 'आप न्याय के लिए नहीं, बल्कि डर के लिए बैठे हैं' - मैं खड़ा हो गया।
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    Akash Mackwan

    अप्रैल 29, 2025 AT 02:57
    फिल्म बहुत ज्यादा धमाकेदार है। बस एक बार देख लो और अपनी जिंदगी बदल दो। अक्षय कुमार अब भारत के इतिहास के देवता बन गए हैं। 😒
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    Amar Sirohi

    अप्रैल 29, 2025 AT 15:45
    इस फिल्म के माध्यम से हम एक ऐसे इतिहास को देख रहे हैं जो हमारी शिक्षा प्रणाली ने जानबूझकर छिपाया है। ब्रिटिश साम्राज्य के न्याय की बुनियाद में अन्याय था, और इस फिल्म ने उस अन्याय को एक आवाज़ दी है - एक ऐसी आवाज़ जो आज भी गूंज रही है, बस हम उसे सुनने के लिए तैयार नहीं हैं।
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    Nagesh Yerunkar

    अप्रैल 30, 2025 AT 07:22
    मुझे लगता है कि ये फिल्म बहुत ज्यादा राष्ट्रवादी है... और इसके बारे में सोचने की जरूरत है। 🤔 #NotAllBritishWereEvil #HistoryIsComplex
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    Daxesh Patel

    मई 1, 2025 AT 09:47
    किताब का नाम The Case That Shook the Empire है ना? लेकिन फिल्म में जो दृश्य दिखाया गया उसमें काफी चीजें जोड़ दी गई हैं। जैसे अक्षय के किरदार का एक निजी दर्द - वो किताब में नहीं है। ये फिल्म ने इतिहास को नहीं, बल्कि एक भावना को दर्शाया है।
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    Jinky Palitang

    मई 1, 2025 AT 22:40
    मैंने देखी और रो पड़ी। अक्षय की आंखों में जो दर्द था... वो असली था। बस एक बार देख लो।
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    Sandeep Kashyap

    मई 3, 2025 AT 14:40
    ये फिल्म सिर्फ एक फिल्म नहीं है। ये एक चेतावनी है। इतिहास को भूलना तो बहुत बड़ी गलती है। आज भी जो लोग अपनी आवाज़ उठाते हैं, वो शंकरण नायर के बेटे हैं। बस अपनी आवाज़ बढ़ाओ।
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    Aashna Chakravarty

    मई 4, 2025 AT 10:04
    क्या तुम्हें लगता है ये सब सच है? मैंने पढ़ा है कि जलियांवाला बाग में शांति से बैठे लोग थे और ब्रिटिश ने उन्हें गोली मारी। लेकिन फिल्म में तो लग रहा है जैसे सब कुछ ब्रिटिशों का षड्यंत्र था। क्या तुम्हें लगता है कि हमारे अपने लोग भी बर्बर नहीं थे? क्या ये फिल्म सिर्फ एक भावनात्मक भारतीय नारे की तरह है?
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    Kashish Sheikh

    मई 4, 2025 AT 16:40
    मैंने अपने दादा को इस फिल्म के बारे में बताया। उन्होंने कहा - 'बेटी, ये वो दिन हैं जब हमने डर के आगे नहीं, आवाज़ के आगे खड़े होना सीखा।' आज भी ऐसे लोग हैं। ❤️
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    dharani a

    मई 6, 2025 AT 09:36
    अक्षय कुमार की फिल्में हमेशा इतिहास पर आधारित होती हैं। लेकिन ये बार तो असली था। जलियांवाला बाग के बारे में मैंने अभी तक कभी नहीं सोचा था। अब समझ आया कि हमारी आज़ादी किसके खून से मिली।
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    Vinaya Pillai

    मई 7, 2025 AT 20:40
    ओह तो ये फिल्म अच्छी है? मैंने तो सोचा था कि अक्षय कुमार फिर से एक बार नायक बन गए। बस यही बात है ना? 😏
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    mahesh krishnan

    मई 9, 2025 AT 06:41
    फिल्म अच्छी है। अक्षय ने अच्छा किया। बाकी सब बकवास है।
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    Deepti Chadda

    मई 9, 2025 AT 20:34
    जलियांवाला बाग के बाद जो लोग बचे थे, उन्हें भारतीय सरकार ने भी भूल दिया। ये फिल्म उनकी आवाज़ नहीं उठा रही। अक्षय कुमार ने जो किया, वो बस एक नायक की तरह नहीं, बल्कि एक अमिर की तरह किया।
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    Anjali Sati

    मई 11, 2025 AT 12:54
    इस फिल्म को देखने के बाद मैंने अपने बच्चों को बताया कि इतिहास क्या है। उन्होंने पूछा - क्या हम आज भी ऐसे ही खड़े हो सकते हैं? मैंने सिर्फ सिर हिलाया।
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    Preeti Bathla

    मई 12, 2025 AT 03:31
    अक्षय कुमार की फिल्मों को देखकर लगता है जैसे हर भारतीय नायक उनका ही बेटा है। ये फिल्म भी उसी तरह की है। बस एक बार फिर भावनाओं का दौर।

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