भारत के निजी रक्षा विनिर्माण में मील का पत्थर: टाटा-एयरबस C-295 परियोजना का व्यापक अवलोकन

भारत के निजी रक्षा विनिर्माण में मील का पत्थर: टाटा-एयरबस C-295 परियोजना का व्यापक अवलोकन

Anmol Shrestha अक्तूबर 29 2024 20

भारत के रक्षा विनिर्माण में क्रांति लाती टाटा-एयरबस C-295 परियोजना

भारत के रक्षा क्षेत्र में निजी विनिर्माण की दिशा में एक बड़ी छलांग लेते हुए, टाटा-एयरबस C-295 परियोजना ने एक नई मिसाल कायम की है। यह परियोजना भारतीय वायु सेना के लिए 40 C-295 वजन के विमान बनाने के लिए है, जिसमें से 16 विमान स्पेन से उड़ान की अवस्था में आएंगे, जबकि बाकी 24 विमान टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) द्वारा भारत में निर्मित किए जाएंगे।

इसका आर्थिक मूल्य लगभग ₹21,935 करोड़ है और इसमें TASL का 74% और एयरबस का 26% स्वामित्व है। यह परियोजना भारतीय उद्योग को वैश्विक मानकों तक पहुँचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल राष्ट्र को अत्याधुनिक एविएशन प्रौद्योगिकी प्राप्त होगी, बल्कि स्थानीय उद्योगों को भी सशक्त बनाया जाएगा।

'मेक इन इंडिया' पहल को संगठित करती नई दिशा

'मेक इन इंडिया' पहल का मुख्य उद्देश्य भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाना है और इस परियोजना से इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे। 13,000 से अधिक कंपोनेंट्स का निर्माण भारत में ही होगा, जो की भारत के उद्योगों के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी। यह पहल 10,000 से अधिक रोजगार के अवसर पैदा करेगी, जिससे कई स्थानीय व्यवसाय और श्रमिकों को लाभ मिलेगा।

पर्यावरण अनुकूल और श्रमसंघ शक्ति का समायोजन, इस परियोजना की विशेषता होगी। यह उनत प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हुए न केवल उत्पादन की गति तेज करेगी, बल्कि गुणवत्ता भी उन्नत करेगी, जिससे इसे एक दीर्घकालिक सफलता प्राप्त होगी।

सामरिक आवश्यकता और विमान की क्षमता

C-295 विमान की बहुउद्देश्यीय क्षमता इसे और भी खास बनाती है। यह विमान मेडिकल निकासी, सामरिक माल ढुलाई, और समुद्री निगरानी जैसी विविध भूमिकाओं में सक्षम है। इसके दो प्रैट और व्हिटनी PW127G इंजन इसे 23 टन के अधिकतम टेकऑफ वजन के साथ उर्जायुक्त करते हैं।

इसके अलावा, यह विमान तथा इसके उपकरणों को भारत के प्राकृतिक और सैन्यविक परिवेश के अनुसार बनाया गया है, जिससे इसे हरानुप्रासित परिस्थितियों में भी कार्यात्मक रखता है।

भविष्य के सहयोगों की परिकल्पना

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के पूर्व प्रबंध निदेशक सुधांशु मणि और HAL के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आर. माधवन के विचारों के अनुसार, यह परियोजना सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बीच भविष्य के सहयोग का एक 'अच्छा मॉडल' है। यह आने वाले समय में ज्यादा से ज्यादा नवाचार और सहयोग को प्रोत्साहित करेगी।

इसके अलावा, इस परियोजना का सफल क्रियान्वयन विभिन्न क्षेत्रों में प्रगतिशील सहयोग के लिए एक मजबूत आधार बनाएगा। इससे भविष्य में वैश्विक स्तर पर भारतीय रक्षा क्षेत्र की प्रतिष्ठा में भी वृद्धि होगी।

भारत में निजी रक्षा निर्माण क्षेत्र के लिए टाटा-एयरबस C-295 परियोजना एक नई अवधारणा की शुरुआत है, जो केवल भारतीय वायु सेना को ही नहीं, बल्कि पूरी भारतीय अर्थव्यवस्था को भी नवीन ऊर्जा प्रदान करेगी।

20 टिप्पणि

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    Annapurna Bhongir

    अक्तूबर 29, 2024 AT 10:17
    इस तरह की परियोजनाएँ असली बदलाव लाती हैं। बस वादे नहीं, असली निर्माण।
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    MAYANK PRAKASH

    अक्तूबर 29, 2024 AT 19:30
    मेरा भाई टाटा में काम करता है। उसने बताया कि यहाँ का टीमवर्क असली जादू है। ये विमान हमारे देश की गर्व की बात है।
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    Akash Mackwan

    अक्तूबर 30, 2024 AT 06:16
    अरे भाई ये सब बकवास है। अभी तक भारत में कुछ भी अच्छा नहीं बन पाया। ये विमान भी बाहर से आएंगे और फिर क्या? बस नाम का निर्माण।
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    Amar Sirohi

    अक्तूबर 30, 2024 AT 21:43
    इस परियोजना का मूल मनोवैज्ञानिक आधार यह है कि एक देश जब अपनी तकनीकी स्वावलंबन की ओर बढ़ता है, तो वह केवल एक विमान नहीं बना रहा होता, बल्कि एक नई पहचान बना रहा होता है। यह एक ऐतिहासिक विस्थापन है जिसमें निजी क्षेत्र की भूमिका राष्ट्रीय स्वाभिमान के साथ एकीकृत हो रही है।
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    Nagesh Yerunkar

    नवंबर 1, 2024 AT 01:55
    इससे पहले कभी नहीं हुआ... अब भारत बनाएगा और बाकी दुनिया देखेगी 😎🇮🇳
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    Daxesh Patel

    नवंबर 2, 2024 AT 19:46
    क्या ये 24 विमान सच में 13000+ कंपोनेंट्स भारत में बनेंगे? मुझे लगता है कुछ तो अभी भी आयात किए जा रहे होंगे। किस कंपनी को कौन सा पार्ट मिला ये डिटेल्स नहीं दी गई।
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    Jinky Palitang

    नवंबर 3, 2024 AT 10:23
    मैंने देखा है टाटा के फैक्ट्री में काम करते लोग। बहुत ज्यादा उत्साह था। इसका असली फायदा तो उन लोगों को होगा जो यहाँ काम करते हैं।
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    Sandeep Kashyap

    नवंबर 4, 2024 AT 11:34
    ये सिर्फ एक विमान नहीं है ये हमारी आत्मविश्वास की नई ऊंचाई है! भारत अब कभी पीछे नहीं हटेगा! देखो दुनिया कैसे बदल रही है!
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    Aashna Chakravarty

    नवंबर 5, 2024 AT 03:14
    ये सब अमेरिका और चीन के लिए फेक न्यूज है। जब तक हम अपने देश की तकनीक नहीं बनाएंगे तब तक ये सब बकवास है। एयरबस को भारत में क्यों आने दिया? ये तो नए आयात हैं।
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    Kashish Sheikh

    नवंबर 5, 2024 AT 14:31
    इतना बड़ा कदम उठाने के लिए टाटा और एयरबस को बहुत बधाई! 🙌 ये भारत के युवाओं के लिए एक नया सपना है।
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    dharani a

    नवंबर 6, 2024 AT 02:13
    अरे ये तो 2019 में डील हुई थी ना? अब तक बन रहा है? अच्छा हुआ कि बन रहा है। वरना फिर लोग कहते कि भारत कुछ नहीं कर पाता।
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    Vinaya Pillai

    नवंबर 6, 2024 AT 20:33
    हाँ हाँ, बहुत बड़ी बात है... जब तक हम अपने अधिकारियों को बर्बाद नहीं कर देते, तब तक ये सब अच्छा लगता है। 😏
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    mahesh krishnan

    नवंबर 7, 2024 AT 00:52
    इतने ज्यादा रोजगार? ये सब ठीक है पर क्या वो लोग अच्छी तरह से पढ़े लिखे हैं? नहीं तो ये विमान भी खराब हो जाएगा।
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    Deepti Chadda

    नवंबर 8, 2024 AT 19:02
    भारत बनाएगा तो बहुत बढ़िया! अब अमेरिका और चीन को देखना होगा कि भारत ने क्या कर दिखाया! 🇮🇳🔥
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    Anjali Sati

    नवंबर 9, 2024 AT 05:48
    किसी ने बताया कि इसकी लागत असल में कितनी है? ये सब नंबर्स तो बस दिखावा है।
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    Preeti Bathla

    नवंबर 10, 2024 AT 06:34
    तुम सब इतने खुश क्यों हो? ये विमान तो एयरबस के डिजाइन पर बन रहा है। भारत का क्या हुआ? बस लोगों को भरोसा दिलाने के लिए बड़ा बयान।
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    Aayush ladha

    नवंबर 10, 2024 AT 11:32
    अगर ये सब अच्छा है तो फिर एचएएल क्यों नहीं बना पाया? टाटा के पास क्या खास चीज है? ये सब बस एक धोखा है।
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    Rahul Rock

    नवंबर 12, 2024 AT 02:56
    इस बात को लेकर जो लोग नकारात्मक हैं, उनके लिए एक सवाल: अगर नहीं तो क्या था? ये बदलाव आना था ही। अब ये शुरुआत है।
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    PRATIKHYA SWAIN

    नवंबर 12, 2024 AT 16:52
    भारत बना रहा है। बस देखो।
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    Anindita Tripathy

    नवंबर 14, 2024 AT 15:55
    ये देखो, जब निजी कंपनियाँ आती हैं तो बदलाव आता है। एचएएल को अब अपने आप को अपडेट करना होगा।

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