निर्जला एकादशी 2024: महत्व, तिथि और शुभ मुहूर्त

निर्जला एकादशी 2024: महत्व, तिथि और शुभ मुहूर्त

सौरभ शर्मा जून 17 2024 0

निर्जला एकादशी 2024: महत्व और तिथि

निर्जला एकादशी हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण और पवित्र पर्व है, जिसे भीमसेनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की 11वीं तिथि को मनाया जाता है। वर्ष 2024 में, यह शुभ तिथि 17 जून को पड़ रही है। इस पर्व का महत्व इसलिए भी अधिक है क्योंकि इसे करने से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष प्राप्ति की यहाँ विशेष मान्यता है।

निर्जला एकादशी का महत्व

निर्जला एकादशी का हिन्दू धर्म में बड़ा महत्वपूर्ण स्थान है। इस एकादशी का पालन करने से भक्तों को सभी पाप कृत्यों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन उपवास करने और भगवान विष्णु की आराधना करने से आत्मा की शुद्धता होती है और आत्मिक शांति प्राप्त होती है। यह भी माना जाता है कि इस दिन किए गए उपवास का फल सभी एकादशियों के उपवास के बराबर होता है।

निर्जला एकादशी की कथा

निर्जला एकादशी की कथा महाभारत के पात्र भीमसेन से जुड़ी हुई है। भगवान कृष्ण के कहने पर जब पांडवों ने एकादशी का व्रत शुरू किया, तो भीमसेन को भूख से संघर्ष करना पड़ा। वह एकादशी का व्रत करने में असमर्थ रहे। तब महर्षि वेदव्यास ने उन्हें सुझाव दिया कि वे निर्जला एकादशी का व्रत करें, जो उन्हें सभी एकादशियों का फल प्रदान करेगा। इस प्रकार, भीमसेन ने निर्जला एकादशी का व्रत रखा और इसे भीमसेनी एकादशी के रूप में भी जाना जाने लगा।

निर्जला एकादशी का पालन

इस दिन लोग प्रातः काल जल्दी उठकर स्नान करते हैं और स्वच्छ वस्त्र धारण करते हैं। इसके बाद, भगवान विष्णु की पूजा करते हैं, जिसमें फूल, फल और धूप दीप आदि चढ़ाए जाते हैं। इस दिन उपवास करने का विशेष महत्व है। भक्तगण सूखे अनाज और जल का त्याग करते हैं और दिनभर भगवान विष्णु की आराधना में लगे रहते हैं।

शुभ मुहूर्त

2024 में, निर्जला एकादशी का शुभ मुहूर्त 17 जून को प्रातः 5:37 बजे से प्रारंभ होकर 18 जून को 3:43 बजे तक रहेगा। इस अवधि के दौरान उपवास और पूजा का विशेष महत्व होगा।

निर्जला एकादशी का व्रत अगले दिन सूर्योदय के बाद पारण (उपवास खोलने) के साथ समाप्त होता है। इस दिन का उपवास भक्तों के लिए न केवल शारीरिक बल्कि आत्मिक शुद्धि का भी साधन होता है।

निर्जला एकादशी के लाभ

निर्जला एकादशी का पालन करने से भक्तों को आध्यात्मिक लाभ मिलते हैं। इसे करते समय व्यक्ति अपने सभी पापों से मुक्ति पाता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अतिरिक्त, यह व्रत भक्तों के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाता है।

अतः, निर्जला एकादशी का व्रत सच्ची श्रद्धा और विश्वास के साथ किया जाता है तो यह निश्चित रूप से भक्तों के जीवन को सफल बनाता है। इसलिए, 2024 में 17 जून को निर्जला एकादशी का व्रत और पूजा अवश्य करें और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करें।