कारगिल विजय दिवस – क्यों है इस दिन का विशेष महत्व?
हर साल 26 जुलाई को भारत में कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। यह दिन 1999 के कारगिल युद्ध में भारतीय सेना द्वारा हासिल की गई जीत को याद करता है। जब पाकिस्तान ने कश्मीर के इलाकों में हड़ताल की थी, तो हमारी सेना ने बहादुरी से उन पर काबू पाया। इस जीत में कई जवान शहीद हुए, और उनकी शहादत अब भी हमें प्रेरित करती है।
क्या आप जानते हैं कि इस युद्ध में सबसे कठिन पहाड़ों पर भी सेना ने एवीसी (हवा में चलने वाले हेलिकॉप्टर) की मदद से सप्लाई की थी? यही नहीं, सैनिकों ने शत्रु की पोज़िशन को एक-एक फोटो लेकर तोड़ दिया। इसलिए इस दिन को शहीदों को याद करने और उनके बलिदान को स्वीकार करने का अवसर माना जाता है।
कारगिल युद्ध की मुख्य बातें
कारगिल युद्ध सिर्फ सीमा पर एक संग्राम नहीं था, बल्कि यह भारत-विश्वास का परिक्षा था। इस संघर्ष में 20,000 से अधिक सैनिक भाग लिये, और लगभग 500 शहीद हुए। प्रमुख कारण था पाकिस्तान की ‘ऑपरेशन बायो-फॉर्म’ के तहत भारतीय क्षेत्र में डाकू बहुतायत। भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन बायो-फॉर्म’ को रोकने के लिए कई मोर्चों पर लड़ाई लड़ी।
मुख्य सैन्य कमांडर जनरल सुनील वाकपट्टी (GOC) ने रणनीतिक योजना बनायीं, जिससे भारत को अंत में जीत मिली। शत्रु के प्रमुख बिंदु जैसे टोल वॉर, बपतिस्मा, और बड़ी पहाड़ी पर कब्ज़ा करके, भारतीय सेना ने धीरे-धीरे उन्हें पीछे धकेला। इस जीत में सेना, वायु सेना और नौसेना का सहयोग शामिल था।
विजय दिवस कैसे मनाते हैं?
कारगिल विजय दिवस पर देश के सभी स्कूल, कॉलेज और कार्यालय में लघु समारोह आयोजित होते हैं। प्रमुख शहरों में शहीदों की स्मृति में परेड निकाली जाती है और राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। कई स्थानों पर ‘शहीद स्मारक’ पर पुष्पांजलि अर्पित की जाती है।
अगर आप घर से ही मनाना चाहते हैं तो आप कर सकते हैं:
- कारगिल युद्ध के बारे में एक छोटा डॉक्युमेंट्री देखें या लेख पढ़ें।
- शहीदों के नाम और उनके कलरव को याद करें।
- परिवार के साथ ध्वज फहराने का छोटा समारोह रखें।
- सैन्य स्कूलों या स्थानीय सामुदायिक केन्द्रों में सहयोगी गतिविधियों में भाग लें।
यह दिन हमें याद दिलाता है कि जब ताकत और साहस मिलते हैं तो सबसे कठिन चुनौतियां भी जीत में बदल सकती हैं। अगली बार जब आप इस दिन को देखेंगे, तो शहीदों को श्रद्धा अर्पित करना न भूलें और देशभक्ति की भावना को अपने दिल में जगाए रखें।