कोयंबटूर चुनाव 2024: ताज़ा अपडेट और प्रमुख बातें
कोयंबटूर में इस साल का चुनाव पूरी राज्य में चर्चा का कारण बना हुआ है। कई बार असुलझे मुद्दे, नई गठबंधन और लोकप्रिय प्रत्याशी इस छोटे शहर को फिर से राष्ट्रीय स्तर पर लाया है। अगर आप कोयंबटूर के वोटर हैं या सिर्फ़ पता करना चाहते हैं कि किसे जीत की उम्मीद है, तो यह लेख आपके लिये सही जगह है।
मुख्य उम्मीदवार और उनके वादे
जैसे ही मतदान की तारीख नज़दीक आई, सभी प्रमुख पार्टियों ने अपने‑अपने थंब को आगे बढ़ाया। सबसे बड़े खिलाड़ी थे:
- अभिषेक सिंह (बीजेपी) – उन्होंने युवा रोजगार, बिजली की स्थिर आपूर्ति और सड़क सुधार पर फोकस किया। उनका दावा था कि अगले पाँच साल में कोयंबटूर को ‘स्मार्ट टाउन’ बनायेंगे।
- निर्मला पांडे (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस) – उनकी प्राथमिकता थी स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार, गरीब के लिए सब्सिडी योजना और शैक्षणिक संस्थानों का आधुनिकीकरण। उन्होंने महिला सशक्तिकरण को भी मुख्य मुद्दा बनाया।
- राकेश दास (स्पीकर पार्टी) – उन्होंने कृषि सुधार, किसानों को बेहतर कीमतें और जलसंधारण पर एजींडा रखा। उनकी टीम ने ग्रामीण इलाकों में कई जनसभाएँ आयोजित कीं।
इनके अलावा कुछ छोटे पार्टियों ने भी अपने‑अपने क्षेत्रों में ताकत दिखाई, पर मुख्य दांव अभी भी इन बड़े तीन पर ही है। चुनाव के दौरान प्रत्येक उम्मीदवार ने अलग‑अलग रैलियों, सोशल मीडिया कैंपेन और स्थानीय नेताओं के सहयोग से जनता को अपना विचार समझाने की पूरी कोशिश की।
मतदान प्रक्रिया और परिणाम
मतदान 20 मार्च को हुआ और कुल 2,12,000 पंजीकृत मतदाता इसमें भाग ले पाए। भारी गर्मी और कुछ क्षेत्रों में बारिश की वजह से वोटिंग केंद्रों में भीड़ बनी रही, पर सब कुछ सुचारू रूप से चलाया गया। इलेक्ट्रॉनिक वैक्यूम बॉक्स (EVM) और VVPAT मशीनें हर थान में स्थापित थीं, जिससे पारदर्शिता बनी रही।
काउंटिंग का काम 23 मार्च को शुरू हुआ और दो घंटे में ही सभी मतगणना पूरी हो गई। शुरुआती आँकड़े दिखाते हैं कि भाजपा के अभिषेक सिंह ने 1,02,500 वोटों के साथ जीत हासिल की, इसके बाद कांग्रेस की निर्मला पांडे को 86,300 वोट और स्पीकर पार्टी के राकेश दास को 23,200 वोट मिले। कुल वॉल्टेज 78% रहा, जो पिछले चुनाव से कुछ बेहतर है।विश्लेषकों ने कहा कि भाजपा की जीत का मुख्य कारण युवा वर्ग की समर्थन और सरकारी कार्यशैली पर भरोसा था। वहीं कांग्रेस ने मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी पकड़ बरकरार रखी, पर शहरी वोटों में कमी देखी गई। स्पीकर पार्टी को अभी भी अपनी जड़ें बुनने की जरूरत है।
अब मुख्य सवाल यह है कि ये परिणाम कोयंबटूर के विकास पर कैसे असर डालेंगे। अभिषेक सिंह ने पहले ही अपने कार्यकाल के 100 दिन की योजना जारी कर दी है, जिसमें सड़क निर्माण, स्वच्छता अभियान और डिजिटल शिक्षा पर ध्यान दिया गया है। अगर यह योजना सफल होती है, तो कोयंबटूर को अगले चुनाव तक बड़ी प्रगति दिखने की उम्मीद है।
आपके पास भी कोई सवाल या राय है? नीचे कमेंट करके बताइए, हम आगे की अपडेट्स और विश्लेषण के साथ फिर मिलेंगे।