कोयंबटूर लोकसभा चुनाव परिणाम 2024 LIVE: शुरुआती रुझानों में अन्नामलाई पीछे
तमिलनाडु की कोयंबटूर लोकसभा सीट पर 2024 के चुनाव में एक बेहद दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार कन्नन अन्नामलाई शुरुआती रुझानों में पीछे चल रहे हैं। दूसरी ओर, डॉ. अन्नामलाई के विपक्ष में मुख्य दावेदारों में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के गणपति पी राजकुमार और ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के सिंगई जी रामचंद्रण शामिल हैं।
अन्नामलाई: पूर्व आईपीएस से नेता बनने की यात्रा
अन्नामलाई, जो एक पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं, ने पुलिस सेवा छोड़कर राजनीतिक क्षेत्र में कदम रखा। उनकी सरकारी सेवा की पृष्ठभूमि उन्हें जनता के बीच लोकप्रिय बनाती है। लेकिन शुरुआती रुझानों में पीछे चलना उनके और बीजेपी के लिए चिंता का विषय बन गया है।
कोयंबटूर: इंडस्ट्रियल सेंटर और राजनीतिक महत्त्व
कोयंबटूर, जिसे दक्षिण भारत का मैनचेस्टर भी कहा जाता है, एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र है। यहां की लोकसभा सीट राजनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। बीजेपी इस सीट को अपने खेमे में करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। दक्षिणी राज्य तमिलनाडु में बीजेपी का प्रभाव बढ़ाना पार्टी के लिए महत्वपूर्ण है। पिछले कुछ दशकों से यह सीट डीएमके और एआईएडीएमके के बीच घूमती रही है, जिससे यहां के राजनीतिक समीकरण लगातार बदलते रहे हैं।
पुराने नतीजों पर एक नजर
पिछले दो दशकों में कोयंबटूर सीट पर वामपंथी पार्टियों ने तीन बार जीत दर्ज की है। हालांकि, 2014 से 2019 तक यह सीट एआईएडीएमके के पास थी। बीजेपी ने भी इस सीट पर दो बार विजय प्राप्त की है, लेकिन दोनों बार एआईएडीएमके के साथ गठबंधन में। यह चुनावी मुकाबला इस बात का संकेत देता है कि कोयंबटूर की जनता किस ओर झुकेंगी।
एग्जिट पोल्स और मुकाबले की तंग स्थिति
एग्जिट पोल्स के मुताबिक, इस बार का चुनाव परिणाम करीब रह सकता है, जहां डीएमके के राजकुमार को थोड़ी बढ़त मिलती दिखाई दे रही है। अगर यह अनुमान सही साबित होता है, तो यह अन्नामलाई और बीजेपी के लिए एक बड़ा झटका होगा।
कोयंबटूर का परिणाम: बीजेपी की मजबूती के लिए महत्वपूर्ण
इस सीट का चुनाव परिणाम अन्नामलाई की राजनीतिक स्थिति और बीजेपी के लिए पश्चिमी तमिलनाडु में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिहाज से महत्वपूर्ण है। अगर बीजेपी इस बार यह सीट जीतने में सफल होती है, तो यह पार्टी की तमिलनाडु में शक्ति बढ़ाने के अभियान में एक बड़ा मील का पत्थर साबित हो सकता है।
कोयंबटूर की जनता के मन में क्या चल रहा है और वे किसे अपनी आवाज के रूप में चुनते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा। तमिलनाडु की राजनीति में कोयंबटूर की यह सीट एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, और यहां के परिणाम राष्ट्रीय स्तर पर भी असर डाल सकते हैं।
Akul Saini
जून 6, 2024 AT 03:01अन्नामलाई की पृष्ठभूमि तो बहुत मजबूत है - आईपीएस से राजनीति में आना एक अलग ही क्रेडिबिलिटी देता है। लेकिन तमिलनाडु में लोकल इश्यूज़ और डीएमके-एआईएडीएमके की राजनीतिक मशीनरी का असर अभी भी बहुत ज्यादा है। बीजेपी को अगर यहां जीतना है, तो सिर्फ नेशनल नैरेटिव से काम नहीं चलेगा। लोकल एजेंडा, रोजगार, और इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट को एंगेज करना पड़ेगा।
Arvind Singh Chauhan
जून 6, 2024 AT 06:10ये सब बातें तो बहुत अच्छी हैं, लेकिन असली सवाल ये है कि क्या जनता अब भी एक एक्स-आईपीएस ऑफिसर को वोट देने को तैयार है, जबकि उसके आसपास के इलाकों में बेकारी बढ़ रही है, स्कूल बंद हो रहे हैं, और फैक्ट्रियां बंद हो रही हैं? नेता का रिज्यूमे तो बहुत अच्छा है, लेकिन उसकी नीतियों का असर क्या है? ये सवाल किसी के मन में नहीं आता।
AAMITESH BANERJEE
जून 7, 2024 AT 01:28मैं तो इस चुनाव को एक टेस्ट केस के तौर पर देख रहा हूं - क्या बीजेपी के नेशनल नैरेटिव को दक्षिणी राज्यों में लोकल रियलिटी के साथ एक्स्पेंड किया जा सकता है? कोयंबटूर एक बहुत ही इंटरेस्टिंग टेस्ट बेड है। यहां लोग न केवल राजनीति से जुड़े हैं, बल्कि इंडस्ट्री और एजुकेशन के लिए भी बहुत एक्टिव हैं। अगर बीजेपी यहां अपनी पॉलिसीज़ को इन चीजों से लिंक कर दे, तो ये चुनाव बस एक सीट नहीं, बल्कि एक नए मॉडल की शुरुआत हो सकती है।
Rohit Raina
जून 8, 2024 AT 04:54अन्नामलाई पीछे? अच्छा, तो अब डीएमके के बारे में क्या? वो भी तो अपने अंदर बहुत सारे कांटे लिए हुए हैं। क्या आपने कभी सोचा कि जो लोग अन्नामलाई को नहीं चाहते, वो राजकुमार को भी नहीं चाहते - बस किसी भी बीजेपी के खिलाफ वोट देना चाहते हैं? ये सब बस एक नेगेटिव वोटिंग का खेल है।
Prasad Dhumane
जून 8, 2024 AT 06:54बस एक बात कहूं - जब तक तमिलनाडु के लोग ये नहीं समझेंगे कि राजनीति में बोलने के लिए नाम नहीं, बल्कि नीति चाहिए, तब तक ये चक्र चलता रहेगा। अन्नामलाई का नाम अच्छा है, राजकुमार का नाम भी अच्छा है, लेकिन क्या उनके पास कोई रोडमैप है जिससे ये शहर के बच्चे बिना बेकारी के बड़े हो सकें? नहीं। तो फिर ये सब बस नाम की रेस है।
rajesh gorai
जून 10, 2024 AT 02:55लोकसभा चुनाव अब एक फिलॉसफिकल एक्सपेरिमेंट बन गया है - क्या एक इंसान की अहंकार की राह उसकी नीति के बराबर हो सकती है? अन्नामलाई की आत्मा तो एक आईपीएस ऑफिसर की है, लेकिन उसकी जीत की आशा एक राजनीतिक नेता की है। ये डिसोनेंस तो आज के भारत की नींव है। वोट देने से पहले खुद से पूछो: क्या मैं एक इंसान को वोट दे रहा हूं, या एक सिंबल को?
Rampravesh Singh
जून 11, 2024 AT 03:40परिणाम अभी घोषित नहीं हुए हैं, इसलिए कोई निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी। लेकिन यह तथ्य स्पष्ट है कि कोयंबटूर का चुनाव दक्षिण भारत के राजनीतिक भविष्य के लिए एक निर्णायक मोड़ हो सकता है। हमें यहां तकनीकी विश्लेषण, जनता की भावनाओं की गहराई, और राष्ट्रीय राजनीति के संदर्भ में इसकी प्रासंगिकता को समझना होगा। वोटिंग एक नागरिक दायित्व है, और इसे जिम्मेदारी से किया जाना चाहिए।