लक्षण: शरीर का संदेश समझें
हर बार जब हम अस्वस्थ महसूस करते हैं, तो हमारे शरीर में कुछ संकेत आते हैं। इन्हें ही लक्षण कहा जाता है। लक्षण वो संकेत होते हैं जो कहते हैं कि कुछ ठीक नहीं चल रहा। अक्सर लोग इन संकेतों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं, लेकिन अगर सही समय पर पहचान लिया जाए तो कई बीमारियों को आसानी से रोका जा सकता है।
सामान्य लक्षण और उनका मतलब
सबसे आम लक्षणों में बुखार, सिर दर्द, थकान, खाँसी, और शरीर में दर्द शामिल हैं। बुखार का मतलब अक्सर संक्रमण या इन्फ्लेमेशन होता है, जबकि सिर दर्द तनाव, डिहाइड्रेशन या आँखों की समस्याओं की ओर इशारा कर सकता है। अगर खाँसी लगातार दो हफ़्ते से ज्यादा रहती है, तो यह अस्थमा, ब्रॉन्काइटिस या एलर्जी का संकेत हो सकता है। शरीर में दर्द कई बार मसल स्ट्रेन या जोड़ों की सूजन से जुड़ा होता है, लेकिन अगर दर्द लगातार बना रहे तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
एक और महत्वपूर्ण लक्षण है अचानक वजन घटना या बढ़ना। अगर आप बिना किसी डाइट या व्यायाम के वजन में बदलाव देखते हैं, तो यह थायरॉइड की समस्या या गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बीमारी की ओर संकेत कर सकता है। इसी तरह, लगातार पेट में गैस, बदहजमी या उल्टी भी पेट की इन्फेक्शन या एलर्जी की चेतावनी देती है।
लक्षण कब गंभीर हो सकते हैं
सभी लक्षण समान नहीं होते। कुछ मामूली होते हैं और आराम से ठीक हो जाते हैं, पर कुछ संकेत गंभीर बीमारी की ओर ले जा सकते हैं। अगर आपको तेज़ छाती में दर्द, साँस लेने में तकलीफ़, अचानक चेहरा या होंठों का सुन्न होना, या अचानक दृष्टि में बदलाव महसूस हो, तो तुरंत आपातकालीन मदद लेनी चाहिए। ये संकेत हृदय रोग, स्ट्रोक या एनीफ़ाइलैक्सिस की ओर संकेत कर सकते हैं।
डायबेटिक मरीजों के लिए बहुत छोटी-छोटी चीज़ें भी बड़ी समस्या बन सकती हैं। अगर आपका ब्लड शुगर अचानक बढ़ रहा है, लगातार पेशाब आ रहा है, बहुत प्यास लग रही है, या घाव जल्दी नहीं भर रहे, तो ये सभी एलर्ट सॉर्ट के लक्षण हैं। ऐसी स्थिति में डॉक्टर के पास जाना अति आवश्यक है।
लक्षणों को नज़र में रखना आसान नहीं है, खासकर जब रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में व्यस्तता रहती है। इसलिए एक छोटा नोटबुक या मोबाइल ऐप रखें जिसमें आप हर बार जब नया लक्षण महसूस करें, उसकी तारीख, समय और अन्य जुड़े हुए लक्षण लिखें। यह रिकॉर्ड डॉक्टर को सही डायग्नोसिस करने में बहुत मदद करता है।
अंत में, याद रखें कि आपका शरीर हमेशा कुछ न कुछ बताता रहता है। अगर कोई भी लक्षण दो-तीन दिन से ज्यादा रहता है या अचानक बढ़ जाता है, तो देर न करें। अपने डॉक्टर से अपॉइंटमेंट बुक करें, टेस्ट करवा लें और सही उपचार शुरू कर लें। स्वास्थ्य आपके पास सबसे बड़ा ख़ज़ाना है, इसे बचाए रखें।