मनिपुर विधानसभा चुनाव 2022 – पूरा गाइड

जब बात मनिपुर विधानसभा चुनाव 2022, भारी राजनीतिक ध्यान आकर्षित करने वाला चुनाव था, जहाँ राज्य के 60 सीटें दांव पर थीं. इसे अक्सर मनिपुर 2022 क्विक वोट कहा जाता है, क्योंकि इसमें नई मतदान तकनीकें इस्तेमाल हुईं. यह चुनाव राज्य के सामाजिक‑आर्थिक परिदृश्य को समझने का एक ज़रूरी मौका देता है.

इस चुनाव में प्रमुख राजनीतिक पार्टियां, जिन्हें सीटों के लिए प्रतिस्पर्धा करनी होती है जैसे कि भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, और स्थानीय पार्टी नॉर्थ ईस्ट आन्दोलन प्रमुख भूमिका में थीं। प्रत्येक पार्टी ने अपने क्षेत्रीय ताकत और राष्ट्रीय मुद्दों को मिलाकर रणनीति बनाई। पार्टी‑वाइज़ गठबंधन और उम्मीदवार चयन ने इस चुनाव को और रोचक बना दिया।

वोटर जनगणना, यानी वोटर जनगणना, उस डेटा को दर्शाती है जिसमें उम्र, लिंग, शिक्षा और आय के आधार पर मतदाता वर्गीकरण किया जाता है, ने रणनीतिक योजना में अहम क़दम हासिल किया। 2022 में अधिकतम युवाओं को वोट देने के लिए डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर अभियान चलाए गए, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में पारंपरिक मॉबिलाइज़ेशन जारी रहा। इस आँकड़े ने दिखाया कि युवा मतदान में 12% की वृद्धि हुई।

इलेक्शन कमिशन, मनिपुर विधानसभा चुनाव आयोग, वोटिंग प्रक्रिया की निगरानी और निष्पक्षता सुनिश्‍चित करने वाला निकाय, ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) और VVPAT का उपयोग बढ़ाया। सुरक्षा उपायों में वीडियो सर्विलांस और लाइव ट्रैकिंग शामिल थे, जिससे बहस में ‘भोट्स की वैधता’ का सवाल कम हुआ। कैमरे और ऑन‑साइट निरीक्षक ने पारदर्शिता को बढ़ावा दिया।

मुख्य मुद्दे और सामाजिक संदर्भ

मनिपुर में 2022 के चुनाव के दौरान तीन बड़े मुद्दे उभरे: बुनियादी ढांचा विकास, सुरक्षा स्थिति, और शिक्षा‑स्वास्थ्य सुधार। बुनियादी ढाँचे के तहत सड़कों, पुलों और जल आपूर्ति परियोजनाओं की झलकियों पर चर्चा हुई। सुरक्षा के संदर्भ में मौजूदा असंतोष और विदेशी आक्रमण की डरावनी खबरें प्रमुख थीं, जिससे कई वोटर ‘स्थिरता’ को प्राथमिकता दी। शिक्षा तथा स्वास्थ्य में ग्रामीण व शहरी अंतर को पाटने की माँग ने अलग‑अलग पार्टी के प्रोग्राम को आकार दिया।

इन मुद्दों का आपसी संबंध सीधे आर्थिक सुधार, जिसमें रोजगार, निवेश और स्थानीय उद्योगों का विकास शामिल है से जुड़ा था। जब किसी पार्टी ने बुनियादी ढाँचा बेहतर करने का वादा किया, तो वह रोजगार के अवसर भी लाने की उम्मीद रखती थी। इसी तरह, सुरक्षा सुधार से व्यापारिक माहौल में सुधार और निवेशकों का भरोसा बढ़ता है।

स्थानीय मीडिया ने भी इन मुद्दों को लगातार उजागर किया, जिससे मतदाता जागरूकता बढ़ी। सोशल मीडिया पर हॅशटैग #Manipur2022 ने तेज़ी से लोकप्रियता हासिल की और कई युवा मतदाता को सीधे उम्मीदवारों से संपर्क में लाया। यह डिजिटल सहभागिता ने पारम्परिक राजनीति में एक नई गहराई जोड़ दी।

वोटिंग प्रक्रिया के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन, डिजिटल उपकरण जो मतपत्र को स्वचालित रूप से दर्ज करता है ने काफी सुगमता प्रदान की। मतदान केंद्रों पर इंतजार का समय घटा, और कई बार एक ही मशीन पर दो‑तीन घंटे में हजारों वोट दर्ज हो गए। इसके साथ ही, मतदान के बाद VVPAT रीसिप्ट ने मतदाता को अपने वोट का प्रमाण दिया, जिससे विश्वास बढ़ा।

परिणाम आने के बाद विश्लेषकों ने बताया कि विजयी पार्टी ने युवा वोटर को 55% से अधिक हिस्सेदारी दिलाई। दूसरी ओर, बुज़ुर्ग वर्ग में पारंपरिक पार्टी के समर्थन ने मायने रखी। इस मिश्रित समर्थन ने दर्शाया कि मनिपुर का चुनाव अब सिर्फ एक ही वर्ग पर निर्भर नहीं, बल्कि कई सामाजिक-आर्थिक वर्गों के संतुलन पर आधारित है।

भविष्य की दृष्टि से, कई विशेषज्ञ मानते हैं कि 2022 का चुनाव मनिपुर के राजनीति में एक मोड़ होगा। यदि नई सरकार बुनियादी ढाँचे और सुरक्षा को प्राथमिकता देती है, तो अगले पांच साल में निवेश और विकास में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी जा सकती है। परंतु, अगर सामाजिक असंतोष हल नहीं हुआ, तो विरोधी पार्टियों को फिर से मौका मिल सकता है।

यह पेज आपको इन सभी पहलुओं का एक झलक देता है, ताकि आप बेहतर समझ सकें कि मनिपुर विधानसभा चुनाव 2022 ने क्यों इतिहास में अपनी जगह बनाई। आगे आप नीचे इन लेखों में विस्तृत विश्लेषण, परिणाम और भविष्य की संभावनाएँ देखेंगे.

BJP ने 2022 में मनिपुर विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की, 32 सीटें लेकर सत्ता में बनी

27.09.2025

2022 में मनिपुर विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 60 में से 32 सीटें जीत कर दूसरी बार सत्ता में अपना कब्ज़ा कायम किया। कांग्रेस को केवल 5 सीटें मिलीं, जबकि एनपीपी, जैडीयू और एनपीएफ ने क्रमशः अपने दावे बढ़ाए। दो चरणों में हुए मतदान में 88‑90% वोटर टर्नआउट आया, और मुख्य मोर्चे पर मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह का बड़ा जीत मिल गया।