पास प्रतिशत: क्या है और कैसे बढ़ाएँ?
जब भी किसी परीक्षा का परिणाम आता है, लोग सबसे पहले देखना चाहते हैं – मेरा पास प्रतिशत कितना है? पास प्रतिशत बस इस बात का सरल प्रतिशत है कि कुल कितने छात्रों ने पास किया। यह नंबर दिखाता है कि कुल छात्रों में से कितने प्रतिशत लोग सफल रहे। कई बार यह आंकड़ा स्कूल, कॉलेज या बोर्ड की समग्र परफॉर्मेंस को समझने में मदद करता है।
पास प्रतिशत की गणना कैसे करें?
गणना बिल्कुल आसान है। अगर आपके स्कूल में 200 छात्र हैं और उनमें से 150 ने पास किया, तो पास प्रतिशत होगा (150/200) × 100 = 75 %। यानी 75 % छात्रों ने पास किया। अक्सर बोर्ड या विश्वविद्यालय सीधे यह आंकड़ा प्रकाशित कर देते हैं, पर अगर आपको खुद निकालना पड़े, तो बस पास हुए छात्रों की संख्या को कुल छात्रों से भाग दें और 100 से गुणा कर दें।
ध्यान रखें – पास या फेल की सीमा संस्थान के अनुसार बदल सकती है। कुछ जगह 33 % को पास मानते हैं, तो कुछ में 40 % या 50 %। इसलिए जब आप पास प्रतिशत देख रहे हों तो यह भी देख लें कि पासिंग मार्क्स क्या है।
उच्च पास प्रतिशत के लिए आसान रणनीति
अब बात आती है कि कैसे पास प्रतिशत बढ़ाया जाए। सबसे पहले तो पढ़ाई की योजना बनाना ज़रूरी है। दिन में कम से कम दो‑तीन घंटे व्यवस्थित टाइम‑टेबल के साथ पढ़ें, और समय‑बद्ध ब्रेक रखें।
दूसरी बात, पुराने प्रश्नपत्र और मॉडल पेपर ज़रूर हल करें। इससे पेपर पैटर्न समझ में आता है और टाइम मैनेजमेंट बेहतर होता है। अगर आप किसी टॉपिक में फँसे हैं, तो यूट्यूब या ऑनलाइन ट्यूशन से फ्री वीडियो देख सकते हैं – अब ज्ञान के लिए जन‑सुरुपी भी नहीं रहना पड़ता।
तीसरा सूत्र – नोट्स बनाना। पढ़ते समय छोटे‑छोटे बुलेट पॉइंट में मुख्य बातों को लिखें। रीविजन के समय ये नोट्स पढ़ना बहुत फायदेमंद रहता है, क्योंकि सारे बड़े कॉन्सेप्ट जल्दी से रिफ्रेश हो जाते हैं।
परीक्षा के दिन शांत रहें। नींद ठीक से लें, हल्का नाश्ता करें और समय पर एग्जाम हॉल में पहुंचें। अक्सर तनाव के कारण छात्र अपने ज्ञान को सही तरीके से नहीं दिखा पाते।
इन उपायों को अपनाकर न सिर्फ आपका खुद का पास प्रतिशत बढ़ेगा, बल्कि स्कूल या कॉलेज की कुल पास प्रतिशत भी सुधर सकती है। याद रखें, निरंतर मेहनत और सही तकनीक से कोई भी लक्ष्य आसान हो जाता है।