राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू: भारत की नई चेहरा

अगर आप भारत की राजनीति में महिलाओं की बढ़ती भूमिका के बारे में सोचते हैं, तो द्रौपदी मुर्मू का नाम जरूर सामने आता है। 2022 में भारत की 15वीं राष्ट्रपति बनीं, वह ग्रामीण भारत की शिद्दत और प्रशासनिक फुर्ती का बेहतरीन मिश्रण हैं। इस लेख में हम उनके बचपन, शिक्षा, राजनीतिक सफर और राष्ट्रपति पद पर किए गए मुख्य कार्यों को सरल भाषा में समझेंगे।

शुरुआती जीवन और शिक्षा

द्रौपदी का जन्म 20 जून 1958 को उड़ीसा (अब ओडिशा) के एक आदिवासी परिवार में हुआ था। बचपन में खेत‑खेत में काम कर उन्हें मेहनत और आत्मनिर्भरता सीखने का मौका मिला। उन्होंने स्थानीय सरकारी स्कूल से शिक्षा प्राप्त की और बाद में राउरका कॉलेज (अब राउरका विश्वविद्यालय) से स्नातक किया। अपने घर की सीमित सुविधाएँ थीं, पर उनके पिता ने हमेशा पढ़ाई को प्राथमिकता दी। इस कारण द्रौपदी ने अपने शुरुआती वर्षों में दृढ़ता और लक्ष्य‑भेद को अपनाया।

शिक्षा पूरी होने के बाद उन्होंने सरकारी काम में हाथ आज़माया। ओडिशा सरकार ने उन्हें एक क्लेरिकल पद पर नियुक्त किया, जहाँ उन्होंने बेहतरीन काम किया और जल्दी ही कई पदों पर प्रमोशन मिला। इस दौरान उन्होंने जनआधार योजना, महिला अधिकार, और शैक्षिक सुधार जैसे मुद्दों पर काम किया, जिससे उनका सामाजिक जुड़ाव मजबूत हुआ।

राष्ट्रपति पद पर प्रमुख कदम

जब द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाकर नियुक्त किया गया, तो उन्होंने कई पहलें शुरू कीं:

  • शिक्षा और डिजिटल साक्षरता: उन्होंने स्कूलों में डिजिटल उपकरणों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए सरकारी योजना को तेज़ किया, जिससे ग्रामीण बच्चों को भी तकनीक तक पहुँच मिली।
  • जनसंख्या स्वास्थ्य: महामारी के बाद उन्होंने स्वच्छता, टीकाकरण, और मातृ‑शिशु स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया। कई राज्यों ने उनका समर्थन पाकर स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार देखा।
  • आदिवासी अधिकार: अपनी जड़ों को याद रखते हुए, उन्होंने आदिवासी क्षेत्रों में भूमि अधिकार और आत्मनिर्भरता कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया। इससे कई समुदायों को आर्थिक स्थिरता मिली।
  • जातीय समानता: राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने विभिन्न वर्गों में समान अवसर के लिए जागरूकता अभियान चलाए, जैसे महिलाओं की रोजगार और युवा कौशल विकास।

इन कार्यों से जनता में उनकी छवि मजबूत हुई और कई सामाजिक मुद्दों पर सरकार की नीति दिशा स्पष्ट हुई।

राष्ट्रपति पद से बाहर निकलते हुए, द्रौपदी मुर्मू ने कहा है कि उनका लक्ष्य हमेशा देशभर में शिक्षा, स्वास्थ्य और समानता को बढ़ावा देना रहेगा। उनका कहना है, “यदि हम सब मिलकर काम करें तो हर गाँव, हर स्कूल, और हर घर में बदलाव लाया जा सकता है।” यह सोच हमें प्रेरित करती है कि छोटे‑से छोटे कदम भी बड़े परिवर्तन की नींव बन सकते हैं।

आप भी उनके जीवन से सीख लेकर अपने क्षेत्र में छोटे‑छोटे बदलाव शुरू कर सकते हैं। चाहे वह शिक्षा में मदद करना हो, स्वास्थ्य जागरूकता का प्रसार हो, या स्थानीय समस्याओं के समाधान के लिए सरकारी योजनाओं का उपयोग करना हो – द्रौपदी मुर्मू का सफर हमें दिखाता है कि दृढ़ इरादा और कड़ी मेहनत से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

आशा है यह लेख आपको राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के जीवन, उपलब्धियों और उनके कार्यों की एक साफ़ तस्वीर देता है। अगर आप उनके बारे में और पढ़ना चाहते हैं, तो हमारे साइट पर अन्य लेख भी देखें।

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