पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा की भव्य शुरुआत
पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा 2024 का शुभारंभ 7 जुलाई को धूमधाम से हुआ। हर साल की तरह इस साल भी जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के विशाल रथों को खींचने के लिए हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी है। लेकिन इस साल की विशेषता यह है कि यह आयोजन दो दिनों तक चलेगा, जो अपने आप में एक अनोखी और खास घटना है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति
इस साल की रथ यात्रा की एक और खास बात यह भी है कि भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इस भव्य आयोजन में शामिल हो रही हैं। 53 साल के बाद यह पहली बार हो रहा है कि राष्ट्रपति इस आयोजन में शरीक हो रही हैं, जिससे इस त्योहार की महत्ता और भी बढ़ गई है। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरन माझी ने इस अवसर पर दो दिन की सरकारी छुट्टी की घोषणा की है, ताकि लोग इस अनोखे आयोजन का पूरा आनंद ले सकें।
मिलियनों भक्तों का जमावड़ा
रथ यात्रा के दौरान पुरी में लाखों की संख्या में भक्त उमड़ पड़ते हैं। इस साल भी उम्मीद की जा रही है कि करोड़ों की संख्या में लोग इस धार्मिक आयोजन में शामिल होंगे। रथ यात्रा के दौरान कई धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं, जिनमें से इस साल 'नबजौबन दर्शन' और 'नेत्र उत्सव' एक ही दिन आयोजित किए जाएंगे। आमतौर पर ये अनुष्ठान अलग-अलग दिनों में होते थे, लेकिन इस बार ये एक ही दिन होंगे।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
जगन्नाथ रथ यात्रा जैसे विशाल आयोजन के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। भीड़ प्रबंधन के लिए इस बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का उपयोग किया जा रहा है, जिससे किसी भी अप्रिय घटना को टाला जा सके। इसके अलावा, पुलिस और सुरक्षा बलों ने भी विस्तृत योजना बनाई है ताकि त्योहार के दौरान हर कोई सुरक्षित रहे।
मुख्यमंत्रियों की शुभकामनाएं
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने इस अवसर पर अपनी शुभकामनाएं भेजी हैं। उन्होंने इस धार्मिक आयोजन की सफलता और सजीवता के लिए अपनी कामनाएं व्यक्त की हैं। त्रिपुरा ने भी इस अवसर पर एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार की है ताकि त्योहार के दौरान किसी भी घटना से निपटा जा सके।
जगन्नाथ रथ यात्रा पुरी का एक महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व है, जिसमें देशभर से लोग शामिल होते हैं। इस बार की यात्रा विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति और दो दिनों का अनोखा आयोजन इसे और भी विशेष बना रहा है। भक्तों का उत्साह और धार्मिक आस्था इस पर्व को और भी भव्य और मनोरम बना रही है।
आशा है कि इस साल का आयोजन सफलता पूर्वक संपन्न होगा और यह सभी के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव साबित होगा।
Akul Saini
जुलाई 10, 2024 AT 04:15इस साल की रथ यात्रा में AI-आधारित भीड़ प्रबंधन का उपयोग एक गेम-चेंजर है। जब तक हम टेक्नोलॉजी को धार्मिक अनुष्ठानों में एक सहायक के रूप में देखेंगे, तब तक ये सिंबियोटिक रिलेशनशिप ट्रेडिशन और मॉडर्निटी के बीच एक स्थायी समाधान बन सकता है। राष्ट्रपति की उपस्थिति ने इसे सिर्फ एक रिलीजियस इवेंट नहीं, बल्कि एक नेशनल कलेक्टिव एक्सपीरियंस बना दिया है।
Arvind Singh Chauhan
जुलाई 10, 2024 AT 11:57अरे यार, ये सब बकवास है... लोगों को बस रथ खींचने दो, जितना ज्यादा भीड़ होगी, उतना ही भगवान को खुश होगा। अब टेक्नोलॉजी, SOP, AI... सब बेकार है। भक्ति तो दिल से होती है, न कि एल्गोरिदम से।
AAMITESH BANERJEE
जुलाई 11, 2024 AT 04:50मुझे लगता है कि इस बार का आयोजन वाकई बहुत अच्छा है। दो दिन तक चलने का फैसला बहुत समझदारी से लिया गया है - भीड़ को थोड़ा फैलाने में मदद मिलेगी। और राष्ट्रपति की उपस्थिति से लोगों को ये महसूस हो रहा है कि ये त्योहार सिर्फ एक राज्य का नहीं, बल्कि पूरे देश का है। मैंने अपने गाँव के बुजुर्गों से बात की, उन्होंने कहा कि इस तरह का सम्मान बहुत दिनों में नहीं देखा गया। अगर ये ट्रेंड जारी रहा, तो ये आयोजन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रसिद्ध हो सकता है।
Akshat Umrao
जुलाई 12, 2024 AT 03:31वाह 😍 राष्ट्रपति जी की उपस्थिति ने तो इस यात्रा को और भी बहुत कुछ बना दिया... अब तो लगता है जैसे भगवान खुद आए हों 😇🙌
Sonu Kumar
जुलाई 14, 2024 AT 00:28क्या आपने कभी सोचा है - कि ये सारे 'SOPs', 'AI-driven crowd management', 'government holidays'... ये सब तो बस एक नए तरह का सांस्कृतिक कैपिटलिज़म है? एक ऐसा धार्मिक आयोजन जिसे राष्ट्रीय प्रचार के लिए नियंत्रित किया जा रहा है? ये वास्तविक भक्ति नहीं... ये एक नियो-पूजा अभियान है। और आप सब इसे 'भव्य' कह रहे हैं? 😏