इजरायल द्वारा किए गए हवाई हमले के बाद से मध्य पूर्व में स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई है। इजरायल डिफेंस फोर्सेस (आईडीएफ) ने शुक्रवार को यह दावा किया कि हिज़्बुल्लाह के महासचिव हसन नसरल्ला बेरूत, लेबनान में हुए एक हवाई हमले में मारे गए हैं। इस दावे ने क्षेत्र में हलचल मचा दी है और विभिन्न प्रतिक्रियाएं उत्पन्न हो रही हैं।
सबसे पहले, हिज़्बुल्लाह एक सशस्त्र शिया संगठन है, जिसे इजरायल और कई पश्चिमी देशों ने आतंकवादी संगठन के रूप में मान्यता दी है। हसन नसरल्ला 1992 से इस संगठन का नेतृत्व कर रहे थे और उन्होंने कई विवादास्पद माहौल उत्पन्न किए हैं, जिनमें न केवल इजरायल बल्कि क्षेत्र की अनेक अन्य शक्तियां भी शामिल हैं।
आईडीएफ के प्रवक्ता ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि यह हवाई हमला एक विशेष मिशन का हिस्सा था जिसका लक्ष्य हिज़्बुल्लाह के नेतृत्वीय ढांचे को कमजोर करना था। इस हमले के तहत बेरूत के दक्षिणी हिस्से में एक इमारत को निशाना बनाया गया जहां नसरल्ला के ठहरने की खबर थी। प्रवक्ता के अनुसार, खुफिया जानकारी के आधार पर यह हमला किया गया और इसके परिणामस्वरूप नसरल्ला की मौत हो गई।
हालांकि, हिज़्बुल्लाह ने इस दावे पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। संगठन के एक अधिकारी ने अपनी पहचान छुपाने की शर्त पर बताया कि हमले के बाद से संगठन के अंदरूनी हिस्सों में गतिविधियाँ तेज हो गई हैं और वे इस दावे की पुष्टि करने में जुटे हुए हैं।
इस घटना के तुरंत बाद, लेबनान के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन और अस्थिरता देखी गई। हिज़्बुल्लाह के समर्थकों ने इजरायल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और इस हमले की निंदा की। दूसरी तरफ, इजरायली अधिकारियों ने अपनी जनता को सुरक्षित रहने के लिए एहतियाती कदम उठाने को कहा है, क्योंकि उन्हें प्रतिक्रिया के रूप में हमले की आशंका है।
विश्लेषकों का मानना है कि अगर हसन नसरल्ला की मौत की पुष्टि हो जाती है तो यह हिज़्बुल्लाह के लिए बड़ा झटका हो सकता है। नसरल्ला का प्रभाव केवल संगठन के भीतर ही नहीं बल्कि क्षेत्रीय राजनीतिक समीकरणों पर भी महत्वपूर्ण था। उनकी मौत से संगठन के भीतर नेतृत्व संकट उत्पन्न हो सकता है, जिससे क्षेत्र में अस्थिरता और बढ़ सकती है।
हालांकि, यह भी देखा जाएगा कि इस घटना के बाद हिज़्बुल्लाह किस प्रकार से प्रतिक्रिया देगा। संगठन का इतिहास बताता है कि वे किसी भी हमले का बदला लेने में संकोच नहीं करते और उनके समर्थक भी किसी प्रकार का संघर्ष करने को तैयार रहते हैं। इसके परिणामस्वरूप, आने वाले दिनों में इजरायल और हिज़्बुल्लाह के बीच तनाव बढ़ सकता है।
मध्य पूर्व में प्रभावशाली देशों ने इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। ईरान ने इजरायल के दावे की निंदा की और इसे क्षेत्र में अस्थिरता फैलाने का प्रयास बताया। वहीं, अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों ने स्थिति को नाजुक बताते हुए संयम बरतने की अपील की है।
इस पूरे प्रकरण पर नजर रखने वाले जानकारों का कहना है कि यह हवाई हमला और इससे जुड़ा दावा केवल हवाई हमले तक सीमित नहीं है। इसका असर अंतर्राष्ट्रीय राजनीति पर भी पड़ेगा और विभिन्न देशों के बीच रणनीतिक समीकरणों में बदलाव आ सकता है।
फिलहाल, सभी की नजरें हिज़्बुल्लाह की प्रतिक्रिया पर टिकी हुई हैं और इस दावे की पुष्टि का इंतजार हो रहा है। आने वाले दिनों में स्थिति और साफ हो सकती है और यह देखा जाएगा कि इस घटना का मध्य पूर्व के राजनीतिक और सैन्य समीकरणों पर क्या असर पड़ता है।
Jinky Palitang
सितंबर 30, 2024 AT 14:20ये सब बकवास है, इजरायल का हर हमला एक नया नाटक है। नसरल्ला मरा या नहीं, अभी तक कोई साबित नहीं हुआ। लेकिन मीडिया तो बस घूंट भर खून देखकर दुनिया बदल गई ऐसा बयान दे रहा है।
Nagesh Yerunkar
अक्तूबर 1, 2024 AT 12:49इस तरह के आतंकवादियों की मौत एक बड़ी जीत है। 🙏 जिन्होंने हजारों निर्दोषों को मारा, उनका अंत यही होना चाहिए। अमेरिका और यूरोप अब तक चुप क्यों हैं? 😔
Amar Sirohi
अक्तूबर 2, 2024 AT 17:45इतिहास में हर एक ऐसे नेता की मौत के बाद एक नया युग शुरू होता है, लेकिन यह नया युग शांति का नहीं, बल्कि अंधेरे का होता है। नसरल्ला एक व्यक्ति थे, लेकिन उनका विचार एक आंदोलन बन चुका है। उनकी मौत से इस आंदोलन का अंत नहीं होगा, बल्कि यह और अधिक विस्फोटक हो सकता है। जब एक व्यक्ति को नष्ट किया जाता है, तो उसका संदेश अक्सर अधिक शक्तिशाली हो जाता है। यही तो अंतर्राष्ट्रीय राजनीति का सबसे बड़ा बदशगुन है - हम लोग नेताओं को मारकर समस्या का हल निकालने की कोशिश करते हैं, जबकि समस्या तो उनके विचारों में है। और विचारों को मारा नहीं जा सकता।
Sandeep Kashyap
अक्तूबर 4, 2024 AT 17:18अगर ये सच है तो ये एक बहुत बड़ा मोड़ है। 🌍 लेकिन इसके बाद जो होगा, वो बहुत खतरनाक हो सकता है। हिज़्बुल्लाह के लोग अभी तक चुप हैं, लेकिन जब वो बोलेंगे, तो दुनिया सुनेगी। हमें शांति की ओर बढ़ना चाहिए, न कि और लड़ाई की ओर। इस तरह के हमले से कोई भी शांति नहीं मिलती।
Aashna Chakravarty
अक्तूबर 4, 2024 AT 19:11इजरायल के पीछे अमेरिका है और अमेरिका के पीछे जूडियो लॉबी है। ये सब एक बड़ा साजिश है। नसरल्ला जिंदा है, बस उन्हें छिपा दिया गया है। ये एक धोखा है जिससे लेबनान को अंदर से तोड़ने की कोशिश हो रही है। अगर तुम इसे सच मानोगे तो तुम भी उनके गुलाम बन जाओगे। 🤫💣
Kashish Sheikh
अक्तूबर 5, 2024 AT 20:06इस वक्त हमें एक दूसरे के साथ जुड़ना चाहिए। ❤️ न कि लड़ना। अगर ये सच है तो दुख होता है, लेकिन अगर झूठ है तो और भी दुख होता है। हम भारतीय हैं, हम शांति के प्रतिकूल नहीं हैं। इस तरह की खबरों से दिल टूट जाता है।
dharani a
अक्तूबर 7, 2024 AT 07:19नसरल्ला के बारे में कुछ नहीं पता? वो तो 1992 से चल रहे हैं। इजरायल ने पहले भी कई बार ऐसा किया है, लेकिन हमेशा वो लौट आए। अब भी वो जिंदा हो सकते हैं। ये तो सिर्फ एक न्यूज बुलेटिन है।
Vinaya Pillai
अक्तूबर 7, 2024 AT 11:55ओह तो अब इजरायल के हमले बहुत अच्छे हो गए? 😏 जब तुम बच्चों को मारते हो और फिर नेता मार दिया तो तुम नायक बन जाते हो? बहुत बढ़िया।
mahesh krishnan
अक्तूबर 8, 2024 AT 08:15हिज़्बुल्लाह बुरा है। इजरायल अच्छा है। नसरल्ला मर गया। अब शांति होगी। बस।
Deepti Chadda
अक्तूबर 10, 2024 AT 00:38इजरायल ने किया तो ठीक है। हिज़्बुल्लाह ने किया तो आतंकवाद। दोहरा मापदंड। भारत भी ऐसा ही करे। ये सब बकवास छोड़ो। 🇮🇳🔥
Anjali Sati
अक्तूबर 10, 2024 AT 18:33अगर नसरल्ला मर गया तो ये बड़ी बात है, लेकिन अगर नहीं मरा तो ये सब बस एक बड़ा झूठ है। और झूठ बोलने वाले को हमेशा बर्बाद होना पड़ता है।
Preeti Bathla
अक्तूबर 12, 2024 AT 04:42तुम सब बहुत बुद्धिमान लग रहे हो। लेकिन क्या तुमने कभी सोचा कि ये हमला तब तक नहीं होता जब तक इजरायल के पास अमेरिकी ड्रोन नहीं होते? और अमेरिका के पास जो ड्रोन हैं, वो तो भारत के लिए भी बेचे जाते हैं। तो अब तुम भी इजरायल के साथ हो गए? 😏
Aayush ladha
अक्तूबर 13, 2024 AT 00:48नसरल्ला के बारे में कुछ नहीं पता, लेकिन इजरायल को बर्बर कहना बंद करो। उनके पास अपनी सुरक्षा है। और जो लोग उनके खिलाफ हैं, वो सब आतंकवादी हैं। बस।
Daxesh Patel
अक्तूबर 14, 2024 AT 13:32सिर्फ एक चेक करना चाहता हूँ - आईडीएफ ने इस बार अपनी खुफिया जानकारी के आधार पर बताया है, लेकिन पिछले बार भी ऐसा ही दावा किया था और बाद में पता चला कि वो गलत था। तो अब तक कोई फोटो, कोई डीएनए रिपोर्ट, कोई फोन कॉल रिकॉर्डिंग नहीं आई है। ये सब बस एक ट्वीट है। अगर ये सच है, तो एक विश्वसनीय स्रोत से पुष्टि होनी चाहिए।