यूरो 2024 के फाइनल में अद्वितीय रोमांचक मुकाबले के साथ, इंग्लैंड के हैरी केन और स्पेन के डानी ओल्मो ने गोल्डन बूट की दौड़ को छूने का गौरव हासिल किया। इंग्लैंड की टीम ने फाइनल में स्पेन से 2-1 की हार का स्वाद चखा, लेकिन केन ने अपने प्रदर्शन से प्रशंसकों का दिल जीत लिया।
इंग्लैंड के इस प्रमुख स्ट्राइकर ने तीन गोल करके खुद को शीर्ष स्कोरर की सूची में स्थान दिलाया। केन के अलावा, स्पेन के मिडफील्डर डानी ओल्मो, जर्मनी के मिडफील्डर जमाल मुसियाला, नीदरलैंड्स के फॉरवर्ड कोडी गक्पो, स्लोवाकिया के विंगर इवान श्रांज़ और जॉर्जिया के स्ट्राइकर जॉर्ज मिकाउताद्ज़े ने भी तीन-तीन गोल करके अपना नाम इस सूची में दर्ज कराया।
हैरी केन ने इस टूर्नामेंट में अपने उतकृष्ट प्रदर्शन के बावजूद एक बार फिर से बड़ा खिताब जीतने में नाकामयाबी महसूस की। केन ने कहा कि फाइनल तक पहुंचने में जिस सहनशीलता और चरित्र की जरूरत होती है, वह उनकी टीम में बखूबी नजर आई। यह उनका तीसरा बड़ा टूर्नामेंट था और उन्होंने अपनी टीम के साथियों की मदद से फाइनल तक का सफर तय किया।
डानी ओल्मो के खेल का एक महत्वपूर्ण पहलू उनका रक्षा योगदान भी था। उन्होंने फाइनल में एक निर्णायक समय पर एक हेडर को लाइन से हटा कर स्पेन की बढ़त को बनाए रखा। यह केवल उनकी गोल स्कोरिंग क्षमता ही नहीं थी, बल्कि उनकी रक्षात्मक परिपक्वता भी थी जिसने उन्हें इस टूर्नामेंट में प्रमुख बनाया।
यूईएफए ने इस बार एक नियम बदलाव किया, जिसमें उन्होंने एक समान गोल स्कोर करने वाले सभी खिलाड़ियों को शीर्ष स्कोरर पुरस्कार देने की अनुमति दी। पिछले टूर्नामेंटों में, अधिक असिस्ट करने वाला खिलाड़ी गोल्डन बूट जीतता था। अगर यह पुराना नियम लागू होता, तो ओल्मो दो असिस्ट के कारण इस पुरस्कार को अकेले अपने नाम कर लेते।
स्पेन के मिडफील्डर रोड्री को इस टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किया गया, वहीं 17 वर्षीय स्पेनिश फॉरवर्ड लमिने यामाल को टूर्नामेंट का युवा खिलाड़ी नामित किया गया।
केन का फिर से विफलता के बाद आत्म-संवेदन
यूरो 2024 के फाइनल में हार के बाद, हैरी केन ने फिर से अपनी टीम के बड़े खिताब ना जीत पाने की विफलता पर आत्म-संवेदन किया। उन्होंने कहा कि हार का दर्द हमेशा के लिए रहेगा, लेकिन फाइनल तक का सफर और उसकी यादें हमेशा उनकी टीम के लिए प्रेरणास्त्रोत बनी रहेंगी।
केन ने अपनी बयान में कहा कि टीम ने अपनी पूरी कोशिश की और वह अपने साथी खिलाड़ियों की मेहनत से गर्व महसूस करते हैं। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि फाइनल में पहुँचना किसी भी टीम के लिए एक बड़ी उपलब्धि होती है, लेकिन खिताब जीतना उससे भी ज्यादा संतोषजनक होता है।
डनी ओल्मो का महत्वपूर्ण भूमिका
स्पेन के डानी ओल्मो ने फाइनल तक पहुंचने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी गोल स्कोरिंग क्षमता तो पहले से ही साबित हो चुकी थी, लेकिन फाइनल में उनके रक्षात्मक खेल ने भी टीम को जीत तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
जब इंग्लैंड की टीम एक हमला कर रही थी, तो ओल्मो ने अपने सामर्थ्य का परिचय दिया और एक महत्वपूर्ण हेडर को लाइन से बाहर कर सफलतापूर्वक अपने गोलपोस को बचाया। यह रक्षा का उत्कृष्ट प्रदर्शन था, जिसने स्पेन को फाइनल में बढ़त बनाए रखने में मदद की।
नया यूईएफए नियम
यूरो 2024 में यूईएफए ने एक नया नियम पेश किया, जिसमें उन्होंने समान गोल स्कोर करने वाले सभी खिलाड़ियों को गोल्डन बूट पुरस्कार देने की अनुमति दी। यह नया नियम पुरानी पद्धति से अलग था, जिसमें सबसे अधिक असिस्ट करने वाला खिलाड़ी गोल्डन बूट जीतता था।
इस बदलाव का परिणाम यह हुआ कि छह खिलाड़ियों ने इस बार गोल्डन बूट साझा किया। यदि पुराना नियम लागू होता, तो डनी ओल्मो के दो असिस्ट उन्हें अकेले इस पुरस्कार का हकदार बना सकते थे।
स्पेन की खामियों के बावजूद शीर्ष स्थान
यह टूर्नामेंट स्पेन के लिए भी चुनौतीपूर्ण था। खिलाड़ी टीम की खामियां स्पष्ट थीं, लेकिन टीम ने हर मुश्किल को पार करते हुए फाइनल तक का सफर तय किया।
डनी ओल्मो और रोड्री के नेतृत्व में, और लमिने यामाल की युवा जोश से प्रेरित होकर, स्पेनिश टीम ने अपने खेल को लगातार ऊंचा उठाया और आखिरकार यूरो 2024 के चैंपियन बने। यह उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि रही और इस जीत ने साबित कर दिया कि दृढ़ संकल्प और अनुशासन के साथ कुछ भी हासिल किया जा सकता है।