IMD ने 7-9 दिसंबर तक हिमाचल, तमिलनाडु, केरल सहित कई राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की

IMD ने 7-9 दिसंबर तक हिमाचल, तमिलनाडु, केरल सहित कई राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की

Anmol Shrestha दिसंबर 6 2025 0

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 7, 8 और 9 दिसंबर 2025 के दौरान हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप, पुडुचेरी, यानम, रायलसीमा और माहे जैसे कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में भारी बारिश की चेतावनी जारी कर दी है। यह चेतावनी उस समय जारी की गई है, जब देश के अधिकांश हिस्सों में अभी भी अनियमित बारिश जारी है — ऐसा कुछ जो अक्टूबर और नवंबर के दौरान शुरू हुआ था और अब दिसंबर तक बना हुआ है। यह मौसमी असामान्यता न सिर्फ यातायात को बाधित कर रही है, बल्कि कृषि और आम जनता के दैनिक जीवन को भी गहरी तरह से प्रभावित कर रही है।

अनियमित बारिश का लगातार दौर

IMD के 4 दिसंबर 2025 के बुलेटिन के अनुसार, 3 दिसंबर को तमिलनाडु, पुडुचेरी और करैकल में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश दर्ज की गई। यही बारिश नवंबर के अंत तक जारी रही, जिसमें 29-30 नवंबर और 2 दिसंबर को दक्षिणी भारत में विशेष रूप से तमिलनाडु में अत्यधिक बारिश हुई, जिसके कारण श्रीलंका में भी बाढ़ और भूस्खलन हुए और कई लोगों की मौत हो गई। यह बारिश का दौर अभी तक नहीं रुका — 5 दिसंबर को दक्षिणी तमिलनाडु में फिर से अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश की संभावना बताई गई।

मौसम विज्ञानी मानते हैं कि यह एक असामान्य घटना है। आमतौर पर मानसून अगस्त के अंत तक वापस लौट जाता है, और दिसंबर में देश के दक्षिणी और पश्चिमी हिस्सों में बारिश का कोई आँकड़ा नहीं होता। लेकिन इस साल, IMD के अनुसार, केरल और तमिलनाडु में अक्टूबर के दौरान ही बारिश की गति बढ़ गई, और वहीं से यह लहर अब दिसंबर तक बनी हुई है। क्या यह जलवायु परिवर्तन का एक संकेत है? यह सवाल अभी भी जवाब का इंतजार कर रहा है।

हिमाचल प्रदेश में बर्फ और कोहरा

हिमाचल प्रदेश में बारिश के साथ-साथ बर्फबारी और घना कोहरा भी चेतावनी का हिस्सा है। IMD ने 5 से 7 दिसंबर तक हिमाचल में घना कोहरा और ठंडी हवाओं की चेतावनी जारी की है। इसका मतलब है कि राज्य के पहाड़ी इलाकों में रातों-रात दृश्यता शून्य के करीब हो सकती है। ट्रक चालक, बसें और राज्य के बाहर जाने वाले यात्री इस बात के लिए तैयार हों।

पिछले हफ्ते ही हिमाचल में बादल फटे और कुछ इलाकों में बादलों का अचानक फटना (क्लाउडबर्स्ट) हुआ, जिससे नदियाँ बाढ़ में आ गईं। यह भी एक असामान्य घटना है — जबकि मानसून के बाद इन इलाकों में बर्फबारी अक्सर दिसंबर के अंत या जनवरी में शुरू होती है। अब यह तब शुरू हो गई है, जब अभी भी बारिश का दौर चल रहा है।

दिल्ली और उत्तरी भारत में ठंड और कोहरा

दिल्ली में IMD ने 5 दिसंबर को सेंट्रल, ईस्ट और साउथ ज़ोन के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया। इसका मतलब है — तैयार रहें। अगले 2-3 घंटों में शहर के कुछ हिस्सों में बारिश की संभावना है, लेकिन अधिक चिंता का विषय कोहरा है। दिल्ली और उत्तरी भारत के कई शहरों में दिसंबर के अंत तक घना कोहरा बना रहने की संभावना है। यह आमतौर पर जनवरी की बात होती है। अब यह दिसंबर के शुरू में ही शुरू हो गया है।

ओडिशा में भी 5 और 6 दिसंबर को कोहरे की संभावना है। यह भी असामान्य है — ओडिशा के तटीय इलाकों में दिसंबर में कोहरा अक्सर नहीं होता। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह जलवायु नमी के असामान्य संचय और वायुमंडलीय स्थिरता के कारण हो रहा है।

अगले सप्ताह का अनुमान: पश्चिमी विक्षोभ का खतरा

IMD के 4 दिसंबर के बुलेटिन में अगले सप्ताह (11-17 दिसंबर) के लिए भी चेतावनी दी गई है। पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र (WHR) में एक पश्चिमी विक्षोभ की संभावना है। यह विक्षोभ उत्तरी भारत में बारिश और बर्फबारी का कारण बन सकता है। अगर यह विक्षोभ अच्छी तरह से विकसित हो जाए, तो उत्तराखंड, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में बर्फबारी बढ़ सकती है।

इसके अलावा, IMD के अनुसार, दक्षिणी भारत में बारिश का दौर अभी तक जारी रहेगा। तमिलनाडु और केरल में अगले 7-10 दिनों तक अलग-अलग स्थानों पर हल्की से भारी बारिश की संभावना है। यह बात खास तौर पर किसानों के लिए चिंताजनक है — जिनके लिए यह समय आमतौर पर फसल काटने और भूमि तैयार करने का होता है।

क्या यह सिर्फ मौसम की बात है?

इस बारिश के पीछे क्या वास्तविक कारण हैं? कुछ मौसम विशेषज्ञ कहते हैं कि भारतीय महासागर के पानी का तापमान इस साल असामान्य रूप से ऊँचा है। यह नमी के अधिक उत्पादन का कारण बन रहा है। दूसरे कहते हैं कि जलवायु परिवर्तन के कारण बारिश के पैटर्न बदल रहे हैं — जो अब अनियमित रूप से फैल रहे हैं।

यह सिर्फ एक बारिश की चेतावनी नहीं है। यह एक चेतावनी है कि हमारी जलवायु अब अलग तरह से काम कर रही है। और अगर हम इसकी जानकारी को नजरअंदाज करते रहे, तो अगला साल और भी बदतर हो सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

इस बारिश से किस तरह के कृषि क्षेत्र प्रभावित हो रहे हैं?

दक्षिणी भारत में तमिलनाडु और केरल में रबी फसलों की बुआई अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। अगर बारिश जारी रही, तो गेहूं, चना और सरसों की बुआई देर से होगी, जिससे फसल की उपज कम हो सकती है। इसके अलावा, बारिश के कारण खेतों में पानी जमा हो रहा है, जिससे मिट्टी का पोषक तत्व बह जा रहा है।

क्या यह बारिश अगले साल भी दोहराई जाएगी?

वैज्ञानिकों का मानना है कि यदि भारतीय महासागर का तापमान अभी भी ऊँचा रहा, तो अगले साल भी अनियमित बारिश का दौर जारी रह सकता है। IMD के अनुसार, अगले 10 सालों में ऐसी घटनाएँ 2-3 गुना अधिक आने की संभावना है। यह जलवायु परिवर्तन का एक संकेत हो सकता है।

यात्री और ड्राइवर्स को क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए?

हिमाचल और उत्तरी भारत में कोहरे के कारण सुबह के समय दृश्यता 50 मीटर तक गिर सकती है। इसलिए ड्राइवर्स को धीमी गति से चलाना चाहिए, हेडलाइट्स जलानी चाहिए और ब्रेक का अचानक उपयोग नहीं करना चाहिए। ट्रेनों और बसों के रद्द होने की संभावना है — यात्री अपने यात्रा प्लान को अपडेट करें।

IMD के ऑरेंज अलर्ट का क्या मतलब है?

IMD के अलर्ट सिस्टम में ऑरेंज अलर्ट का मतलब है — ‘तैयार रहें’। यह एक चेतावनी है कि भारी बारिश, तूफान या कोहरा आने वाला है, लेकिन यह अभी तक विनाशकारी नहीं है। इस स्तर पर स्थानीय प्रशासन तैयारी करता है, जनता को सूचना दी जाती है और आपातकालीन टीमें तैनात की जाती हैं।

क्या यह बारिश श्रीलंका में भी बाढ़ का कारण बनी?

हाँ। IMD के बुलेटिन के अनुसार, नवंबर के अंत और दिसंबर के शुरू में तमिलनाडु और केरल में अत्यधिक बारिश के कारण पश्चिमी बंगाल की खाड़ी में नमी का एक बड़ा ब्लॉक बना, जो श्रीलंका की ओर बह गया। इसी कारण श्रीलंका में 15 से अधिक लोगों की मौत हुई और 200 से अधिक घर बर्बाद हुए।

क्या इस समय बारिश का कोई इतिहास है?

1997 के एल निनो और 2015 के इल निनो वर्षों में भी दिसंबर में अनियमित बारिश दर्ज की गई थी, लेकिन इस बार का पैटर्न अलग है। पिछले 20 सालों में ऐसा कोई वर्ष नहीं था जिसमें दिसंबर के पहले सप्ताह में इतने व्यापक क्षेत्रों में बारिश हुई हो। यह अभी तक का सबसे विस्तृत अनियमित बारिश का दौर है।