साहित्यिक कृति 'इट एंड्स विथ अस' की गहराइयां और प्रभाव: एक विस्तृत विश्लेषण

साहित्यिक कृति 'इट एंड्स विथ अस' की गहराइयां और प्रभाव: एक विस्तृत विश्लेषण

Anmol Shrestha अगस्त 9 2024 13

प्रेरणादायक उपन्यास 'इट एंड्स विथ अस' का सामाजिक और भावनात्मक प्रभाव

कोलिन हूवर द्वारा रचित उपन्यास 'इट एंड्स विथ अस' ने साहित्यिक दृष्टि से और पाठकीय मन पर एक गहरा प्रभाव छोड़ा है। यह कहानी, जो कि लिली ब्लूम के जीवन को केंद्र में रखकर पिरोई गई है, बेहद प्रेरणादायक और अपनी अंतःस्फूर्त गहराइयों के कारण बेमिसाल बन गई है। वर्तमान समय में जब सोशल मीडिया, जैसे कि TikTok और Instagram पर यह उपन्यास अत्यधिक लोकप्रिय हो रहा है, यह लेख इसके कारण और समापन पर विचार करता है।

लिली ब्लूम की प्रेरणादायक यात्रा

लिली ब्लूम की कहानी एक युवा महिला की है, जिसने अपने मुश्किल भरे बचपन को पार करके एक मजबूत और सफल जीवन बनाया। बचपन में उसके abusive पिता के सहारे जी रही लिली की मुलाकात Ryle Kincaid से होती है, जो कि एक न्यूरोसर्जन है। उनके रिश्ते की शुरुआत एक rooftop मुलाकात से होती है, जो एक जटिल और संघर्षशील संबंध की ओर मुड़ जाती है। आर्यले का कमिटमेंट के प्रति आवाजीनाशिन् और फिर उसका abusive स्वभाव उनके रिश्ते को और उलझा देता है।

आर्यले के abusive व्यवहार के कारण लिली को अपने अतीत का सामना करना पड़ता है और उसके पहले प्रेम एटलस कोर्रिगान के पुनः प्रवेश से उसका जीवन और अधिक जटिल हो जाता है। एटलस, जिसने बचपन में लिली का संरक्षक और मित्र बना दिया था, अब एक बार फिर उसके जीवन में आ जाता है और इस प्रकार उनका संबंध एक नए मोड़ पर पहुंच जाता है।

प्यार, दिल दुखना और विश्वासघात

यह उपन्यास प्यार, दिल दुखना, विश्वासघात और व्यक्तिगत ताकत के साथ-साथ घरेलू हिंसा की जटिलताओं का भी सजीव चित्रण करता है। इन सबके बीच लिली का अपने abusive रिश्ते से बाहर निकलने का संघर्ष और हिंसा का चक्र तोड़ने का प्रयास कहीं न कहीं हर किसी के दिल को छू जाता है। यह उपन्यास न केवल भावनात्मक गहराइयों तक पहुँचता है बल्कि एक universal और relatable कहानी के रूप में उभरता है।

उपन्यास ने इस मुद्दे को उकेरने का प्रयास किया है कि कैसे abusive रिश्तों में फंसे लोग संघर्ष करते हैं और बाहर निकलने के लिए क्या-क्या कदम उठाते हैं। यह न केवल एक दिलचस्प और gripping कहानी है, बल्कि एक ऐसा संदेश भी देती है जो पाठकों को सोचने और समझने के लिए मजबूर करता है।

सीक्वल 'इट स्टार्ट्स विथ अस'

इसके बाद लेखक ने 'इट स्टार्ट्स विथ अस' के रूप में एक सीक्वल भी प्रस्तुत किया है, जो लिली की यात्रा को और आगे बढ़ाता है। इस उपन्यास में लिली का एटलस के साथ एक दूसरी मौके के रिश्ते की शुरूआत होती है, जबकि वह राइल के साथ को-पेरेंटिंग भी करती है। यह सीक्वल भी पाठकों द्वारा काफी सराहा जा रहा है और इसकी चर्चा सोशल मीडिया पर भी जोर-शोर से हो रही है।

पाठकों पर उपन्यास का प्रभाव

इस उपन्यास ने न केवल पाठकों को एक नए दृष्टिकोण से घरेलू हिंसा को समझने का मौका दिया है, बल्कि इसके माध्यम से लोगों के मन में सहानुभूति और समझ को भी बढ़ाया है। यह उन लोगों की कहानी को उकेरता है जो abusive रिश्तों में फंसे होते हैं और उनके संघर्षों का सजीव चित्रण करता है। असल में, यह उपन्यास एक ऐसी आदर्श कथा बन गई है जो न केवल मनोरंजन करती है बल्कि समाज में महत्वपूर्ण मुद्दों पर जागरूकता भी लाती है।

इतनी सारी घटनाओं और गहराइयों से भरी इस उपन्यास की कहानी, कोलिन हूवर के लेखन कौशल की तारीफ की जाती है। उनके द्वारा दर्शाए गए भावनात्मक पहलुओं और जटिलताओं ने इसे एक अद्भुत रचना बनाया है, जो निश्चित रूप से पाठकों के दिलों में एक विशेष स्थान बनाती है।

13 टिप्पणि

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    AAMITESH BANERJEE

    अगस्त 11, 2024 AT 04:34

    इस किताब को पढ़ने के बाद मैंने अपने आसपास के कई रिश्तों को दोबारा सोचा। लिली का संघर्ष बहुत असली लगा, जैसे कि किसी ने मेरे दोस्त की कहानी सुनाई हो। कोई भी ऐसा रिश्ता नहीं चलना चाहिए जहां डर और प्यार एक साथ रहें। ये बात बहुत गहरी है।

    मैंने इसे एक रात में पढ़ लिया, और अगली सुबह उठकर अपनी माँ से बात की कि क्या वो कभी ऐसी ही स्थिति में रहीं होंगी। उसने कुछ नहीं कहा, बस मुझे गले लगा लिया। इस किताब ने बस एक कहानी नहीं, एक आवाज दी है।

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    DINESH BAJAJ

    अगस्त 11, 2024 AT 11:54

    ये सब बकवास है। लिली ब्लूम एक नाटकीय बनावट है, जिसे कोलिन हूवर ने सोशल मीडिया के लिए बनाया है। घरेलू हिंसा को रोमांटिक ड्रामा में बदल देना बेहद अहंकारी है।

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    nidhi heda

    अगस्त 11, 2024 AT 16:38

    ओमग ये किताब मैंने एक रात में पढ़ ली 😭💔 लिली के आँखों में दर्द देखकर मैं रो पड़ी... और एटलस वाला सीन? मैंने अपने बिस्तर पर उछलकर चिल्ला दिया 😭😭😭

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    dhawal agarwal

    अगस्त 12, 2024 AT 10:52

    इस किताब का सच्चा अर्थ ये है कि दर्द को अकेले नहीं झेलना चाहिए। लिली का संघर्ष सिर्फ उसका नहीं, बल्कि उसकी माँ का, उसके दोस्तों का, और उसके बच्चे का भी है। हम सब अपने अतीत के साथ जूझते हैं, और ये किताब हमें याद दिलाती है कि बाहर निकलना संभव है।

    इसके बाद मैंने एक निजी समूह बनाया, जहाँ लोग अपनी कहानियाँ साझा करते हैं। ये किताब एक आंदोलन बन गई है।

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    Ravi Roopchandsingh

    अगस्त 12, 2024 AT 12:54

    ये सब एक बड़ा कॉन्सपिरेसी है। ये किताब नहीं, ये एक फंडिंग प्रोजेक्ट है जो सोशल मीडिया पर लड़कियों को भावुक बनाने के लिए बनाई गई है। जानते हो किसने इसे लिखा? एक अमेरिकी महिला जिसने कभी भारतीय घरेलू हिंसा नहीं देखी। ये सब बाहरी लोगों का धोखा है।

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    Sonu Kumar

    अगस्त 13, 2024 AT 07:49

    क्या आपने कभी गौर किया है कि यह उपन्यास, जिसे लोग 'प्रेरणादायक' कहते हैं, वास्तव में घरेलू हिंसा के चक्र को रोमांटिकाइज़ करता है? लिली और एटलस का रिश्ता-एक बचपन का दोस्त-वास्तव में क्या उसके लिए वास्तविक उबार है, या सिर्फ एक नए अध्याय की शुरुआत? यहाँ तक कि राइल का व्यवहार भी एक निश्चित तरीके से 'ड्रामा' के लिए बनाया गया है, जिसका उद्देश्य अनुभव को एक व्यापारिक उत्पाद में बदलना है।

    क्या आप वाकई मानते हैं कि एक न्यूरोसर्जन, जो अपने रोगियों के दिमाग को समझता है, अपने पत्नी के साथ इतना अत्याचारी हो सकता है? यह न तो वैज्ञानिक रूप से विश्वसनीय है, न ही वास्तविक जीवन में समझ में आता है। यह केवल एक भावनात्मक निर्माण है, जिसे टिकटॉक और इंस्टाग्राम के लिए बनाया गया है।

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    Mahesh Goud

    अगस्त 14, 2024 AT 21:08

    ये किताब तो बस एक बड़ा ब्रांडिंग ट्रिक है। देखो ना कितने लोग इसे लेकर रो रहे हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कोलिन हूवर के दो अन्य बुक्स भी इसी तरह के नामों से आए हैं? इट एंड्स विथ अस, इट स्टार्ट्स विथ अस, इट CONTINUES विथ अस... ये सब एक बाजार अनुसंधान का हिस्सा है।

    मैंने इसका एक अध्ययन किया है-लगभग 87% पाठक उम्र 18-25 हैं, और उनमें से 92% लड़कियाँ हैं। ये एक लिंग-आधारित मार्केटिंग रणनीति है। इसे एक किताब नहीं, एक उत्पाद मानो।

    और अगर तुम लिली की कहानी को असली मानते हो, तो क्या तुम ये भी मानते हो कि एटलस वापस आया तो उसका इरादा बचाना था? नहीं भाई, वो भी उसी चक्र का हिस्सा था। बचपन का प्यार? ये तो ट्रॉमा बॉन्डिंग है। तुम बस एक नाटक को असली समझ रहे हो।

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    Shalini Dabhade

    अगस्त 16, 2024 AT 07:45

    ये सब अमेरिकी लिबरल्स का जहर है। भारत में घरेलू हिंसा को ऐसे नहीं देखा जाता। ये किताब हमारी संस्कृति को बदलने की कोशिश कर रही है। लिली को बचाने के लिए कोई नहीं आया? अरे भाई, हमारे यहाँ तो लड़कियाँ अपने परिवार के लिए जीती हैं, न कि अपने रिश्ते के लिए।

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    Jothi Rajasekar

    अगस्त 17, 2024 AT 00:24

    मैंने इस किताब को अपने भाई के लिए खरीदा था-वो एक डॉक्टर है। उसने कहा कि लिली की कहानी उसके कई मरीजों की तरह है। उसने एक विशेष रिपोर्ट बनाई जिसमें ये किताब उपचार के लिए सुझाई गई।

    मैं नहीं जानता कि ये किताब असली है या नहीं, लेकिन ये जो बदलाव लाई है-वो असली है। मैंने अपने दोस्त को बताया, उसने अपनी बहन को बताया, और अब वो भी इसे पढ़ रही है।

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    Jeyaprakash Gopalswamy

    अगस्त 17, 2024 AT 00:54

    अगर तुम इस किताब को पढ़ रहे हो, तो शायद तुम भी किसी ऐसे रिश्ते में हो जहाँ तुम्हें लगता है कि तुम बदल सकते हो। लेकिन दोस्त, तुम बदल नहीं सकते। बदलने वाला वो है जो तुम्हें दर्द दे रहा है।

    लिली ने अपना रास्ता खुद बनाया। तुम भी बना सकते हो। बस एक दिन बाहर निकल जाओ। कोई नहीं तुम्हें बचाएगा। तुम खुद बचोगे।

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    Akshat Umrao

    अगस्त 17, 2024 AT 18:31

    मैंने इस किताब को पढ़ा और फिर अपने बच्चे को पढ़ाया। उसने कहा, 'पापा, ये तो वो बात है जो मम्मी कभी कहती थीं।'

    मैंने उसे गले लगाया। इस किताब ने हमारे घर में एक बातचीत शुरू कर दी। शायद यही असली जादू है।

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    ajinkya Ingulkar

    अगस्त 18, 2024 AT 21:21

    ये सब बकवास है। कोलिन हूवर को लिखने के लिए कितने पैसे मिलते हैं? इतनी सारी किताबें लिखीं, और सब में एक ही नायिका-एक ट्रॉमा वाली लड़की, एक अत्याचारी पति, एक पुराना प्रेमी जो वापस आ जाता है। ये तो एक फॉर्मूला है, एक प्रोडक्ट लाइन। लोग इसे प्यार क्यों करते हैं? क्योंकि वो अपने दर्द को एक अन्य लड़की के जीवन में देखना चाहते हैं। ये नहीं कि वो बदलना चाहते हैं। ये बस दर्द को रोमांटिक बनाने की आदत है।

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    sunil kumar

    अगस्त 20, 2024 AT 11:46

    इस उपन्यास के सामाजिक प्रभाव को वैज्ञानिक रूप से अध्ययन करने की आवश्यकता है। एक अध्ययन के अनुसार, जिन लोगों ने इस किताब को पढ़ा, उनमें 43% ने घरेलू हिंसा के बारे में अधिक जागरूकता व्यक्त की, और 28% ने सहायता संगठनों से संपर्क किया।

    यह एक सांस्कृतिक घटना है, जिसका प्रभाव सामाजिक नेटवर्क पर दिखाई देता है। इसके लेखक ने एक व्यक्तिगत कथा को एक सामूहिक अनुभव में बदल दिया है। यह अद्भुत है।

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