गुरु प्रसाद का फिल्मी सफर और एक दुखद अंत
सैंडलवुड के प्रसिद्ध निर्देशक और अभिनेता गुरु प्रसाद का निधन उनके बेंगलुरु स्थित अपार्टमेंट में हुआ, और आशंका जताई जा रही है कि उनकी मौत का कारण उनकी आर्थिक समस्याएँ थीं। 52 वर्षीय गुरु प्रसाद को उनके अपार्टमेंट में मृत अवस्था में पाया गया, और यह घटना उनके करीबी और प्रशंसकों के लिए बेहद दुखदाई है।
प्रारंभिक जांच के अनुसार, उनके अपार्टमेंट से आने वाली दुर्गंध को पड़ोसियों ने महसूस किया था। जब उनके अपार्टमेंट का दरवाजा जोर-जबरदस्ती से खोला गया तो पाया गया कि वे छत के पंखे के हुक से लटके हुए थे, और शरीर पहले से ही विघटित अवस्था में था। अपराध स्थल अधिकारियों की टीम ने वहाँ पहुँचकर सबूत इकट्ठा करना शुरू कर दिया है।
पुलिस ने पूरे अपार्टमेंट की तलाशी शुरू कर दी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या कहीं कोई अंतिम पत्र छोड़ा गया है। उनके नज़दीकियों की मानें तो वे पिछले कुछ समय से आर्थिक संकट का सामना कर रहे थे और उन्होंने कई लोगों से पैसे उधार लिए थे। पुलिस उनके मोबाइल फोन की भी गहन जांच कर रही है ताकि कोई सुराग मिल सके।
अचानक से खबर का पता चलना
रविवार सुबह करीब 11 बजे जब अपार्टमेंट सुरक्षा स्टाफ ने एक व्हाट्सएप समूह में संदेश साझा किया कि टॉवर नंबर 27 के पीछे से दुर्गंध आ रही है, तो यह खबर फैली। निवासियों ने पहले सोचा कि यह गंध कचरे के कारण है, लेकिन गंध असहनीय होती जा रही थी। जब उन्होंने सीढ़ी की मदद से गुरु प्रसाद के फ्लैट की खिड़की से देखा, तो उन्हें लटका हुआ पाया।
अपार्टमेंट में रहने वाले निवासी जयराम ने मीडिया को बताया कि उन्होंने अंतिम बार प्रसाद को चार दिन पहले देखा था। सुरक्षा गार्ड ने दुर्गंध की सूचना दी थी, जिससे पुलिस को सूचित किया गया। प्रसाद पिछले एक साल से उस अपार्टमेंट में अकेले रह रहे थे।
गुरु प्रसाद ने सिनेमा में अपना सफर 2006 में 'माता' फिल्म के निर्देशन से शुरू किया। इस फिल्म में सीनियर अभिनेता जग्गेश ने मुख्य भूमिका निभाई थी और प्रसाद को कर्नाटक राज्य फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला था। उनका नाम जाना-पहचाना था क्योंकि वे रियलिटी शो के सीजन 2 में एक प्रतिभागी बन चुके थे और कॉमेडी तथा डांस शो में जज की भूमिका भी निभा चुके थे। उन्होंने 'माता', 'एडेळु मंजुनाथा', 'डायरेक्टर स्पेशल', और 'रंगनायक' जैसे कुछ फिल्मों का निर्देशन किया, जिनमें से कुछ में उन्होंने अभिनय भी किया। इसके अलावा, वे दस से ज्यादा फिल्मों में संवाद लेखक के रूप में काम कर चुके थे।
फिल्मी जगत को एक बड़ी क्षति
गुरु प्रसाद का अचानक निधन कन्नड़ फिल्मी जगत के लिए एक बड़ी स्तब्धकारी घटना है। उनके द्वारा निर्देशित और अभिनीत फिल्में हमेशा से उनकी गहरी समझ और रचनात्मकता का परिचायक रही हैं। उन्होंने फिल्म निर्माण में एक अलग और अद्वितीय दृष्टिकोण प्रस्तुत किया और उनके काम को दर्शकों ने पसंद भी किया। उनकी मौत ने उनके प्रशंसकों और सह-कलाकारों को क्षतिग्रस्त कर दिया है, और इस खबर ने यह संदेश दिया है कि फिल्म जगत ने एक बहुमूल्य कलाकार को खो दिया है। उनकी फिल्मों और काम का महत्व काफ़ी समय तक दर्शकों के बीच जीवित रहेगा।