हैरी केन: इंग्लैंड और टॉटेनहम के स्टार फॉरवर्ड की पूरी कहानी
हैरी केन का नाम सुनते ही हर फुटबॉल팬 को तुरंत गोल की खुशबू आती है। लंदन के टॉटेनहम हॉटस्पर में खुद को अपनी पहचान बनाने वाले केन ने बचपन से ही फुटबॉल की पिच पर धूम मचाई। अगर आप भी उनके बारे में ज्यादा नहीं जानते, तो इस लेख में हम उनके सफर को सही‑साधे शब्दों में बताते हैं।
शुरुआत: फुटबॉल के सपने और शुरुआती क्लब
केन का जन्म 1993 में वेस्ट हैम्पशायर के वॉटफ़ोर्ड में हुआ था। छोटे‑छोटे मोहल्लों में फुटबॉल खेलने के शौक ने उसे टॉटेनहम की अकादमी तक पहुंचा दिया। 16 साल की उम्र में ही उसने बड़ें क्लब की यादगार अपील को पकड़ लिया और प्रोफेशनल टीम में जगह बना ली। शुरुआती सीजन में सिर्फ तीन गोल ही थे, पर उसकी मेहनत और फिटनेस ने जल्दी ही कोच को इम्प्रेस किया।
टॉटेनहम से बड़ी उड़ान और राष्ट्रीय टीम में चमक
क्लब में केन ने लगातार गोल किए और 2015‑16 सिजन में 25 गोलों के साथ इन्ग्लैंड प्रीमियर लीग के शीर्ष गोल स्कोरर बने। यही वजह से इंग्लैंड की राष्ट्रीय टीम ने भी उसे बुलाया। 2018 विश्व कप में केन ने 6 गोल कर टॉप स्कोरर का खिताब जीता, जबकि इंग्लैंड ने चौथा स्थान हासिल किया। उसके टाइटल, हेडिंग और पेनल्टी की काबिलियत ने फ़ैन को बार‑बार चौंका दिया।
2023 में केन ने टॉटेनहम से बर्लिन के बायर्न मोनकोओ। लेकिन 2024 में फिर से टॉटेनहम लौट आया, जहां उसकी टीम को कई महत्वपूर्ण जीत दिलाई। उसकी प्रेशर सुबकोनोली के नीचे भी टिकाव और गोल करने की फॉर्मूला ने कई बार मैचों को पलट दिया।
केन का खेल स्टाइल काफी विविध है। वह केवल एक सेंटर‑फ़ॉरवर्ड नहीं, बल्कि अपने फुटवर्क से डिफेंडर्स को दंबल करने में भी माहिर है। एयरियल ड्यूएल में उसका हेडर काफी ख़तरनाक माना जाता है, और पेनल्टी एरिया में उसकी गति के कारण कई बार कोच अपनी स्ट्रेट-फ़ॉरवर्ड लाइन बदल देते हैं।
भविष्य की बात करें तो केन अभी भी अपनी शिखर पर है। आने वाले यूरोपीय चैंपियंस लीग में उसकी टीम को आगे बढ़ाने की उम्मीद है, और इंग्लैंड के कोच ने उसे अगले वर्ल्ड कप की मुख्य आकांक्षा बना दिया है। अगर आप उनके अगले सीज़न के आँकड़े देखना चाहते हैं, तो बस टॉटेनहम के मैच देखते रहिए – इनका हर गोल एक कहानी सुनाता है।