हृदयाघात क्या है? लक्षण और बचाव के आसान उपाय
हृदयाघात यानी दिल की धड़कन अचानक रुकना या बहुत कम हो जाना। अक्सर यह तब होता है जब रक्त की नसें (कोरोनरी आर्टरी) में ब्लॉकेज हो जाता है। ब्लॉकेज की वजह से दिल को ऑक्सीजन नहीं मिलता, और तुरंत दर्द या बेहोशी हो सकती है। अगर समय पर इलाज नहीं किया गया तो दिल की मांसपेशी नुकसान पा सकती है, और जीवन‑धमकी बन सकती है।
हृदयाघात के मुख्य कारण
1. **उच्च रक्तचाप** – रक्त का दबाव लगातार ज्यादा रहने से धमनियों की दीवारें मोटी हो जाती हैं, जिससे ब्लॉकेज का जोखिम बढ़ता है।
2. **खराब खान‑पान** – तैलीय, नमकीन या बहुत मीठा खाना औह LDL (बुरा) कोलेस्टेरॉल बढ़ाता है, जो धमनियों में जमा हो कर प्लाक बनाता है।
3. **धूम्रपान** – सिगरेट में हानिकारक पदार्थ रक्त को चिपकाने वाले बनाते हैं, जिससे रक्त थक्का जल्दी बन सकता है।
4. **मोटापा** – वजन बढ़ने से दिल पर दबाव और कोलेस्टेरॉल दोनों बढ़ते हैं, और निष्कर्षण (एट्रॉल) की संभावना भी बढ़ती है।
5. **स्ट्रेस और नींद की कमी** – लगातार तनाव हार्ट रेट को बढ़ाता है, जिससे धमनियों में फटाव या ब्लॉकेज की संभावना बढ़ती है।
इन कारणों में से कई एक साथ हो सकते हैं, इसलिए एक ही बार में कई पहलुओं को देखना ज़रूरी है।
तुरंत क्या करें और कैसे बचें
अगर आपको या दूसरों को छाती में दबाव, सांस लेने में दिक्कत, या अचानक उलझन जैसा महसूस हो तो तुरंत 112 या स्थानीय आपातकालीन नंबर पर कॉल करें। खुद से दवाइयाँ नहीं लेनी चाहिए, लेकिन कुछ बेसिक कदम मददगार हो सकते हैं:
- व्यक्ति को बैठाएँ या आराम से लेटाएँ, लेकिन सिर थोड़ा उठाए रखें।
- यदि एंटी‑प्लेटलेट दवाई (अस्पिरिन) पहले से डॉक्टर ने लिखी हो, तो 300 mg हल्के से चबा कर दें।
- शांत रहें, तेज़ी से हिलना‑डुलना नहीं चाहिए, क्योंकि इससे दिल पर और दबाव पड़ता है।
बचाव के लिए रोज़मर्रा की आदतें बदलनी पड़ेंगी:
- भोजन में रोटी, दाल, सब्ज़ी और फल‑फूल को प्राथमिकता दें। तले‑भुने, बहुत मीठे और तले‑मसालेदार चीज़ों को कम करें।
- सप्ताह में कम से कम 150 मिनट तेज़ चलना, साइकिल चलाना या तैराकी जैसे एरोबिक व्यायाम करें।
- धूम्रपान छोड़ें और शराब कम करें।
- रक्तचाप, कोलेस्टेरॉल और ब्लड शुगर को समय‑समय पर जांचें। अगर कोई भी मानदंड हाई रहे तो डॉक्टर से मिलें।
- तनाव मैनेजमेंट के लिए योग, ध्यान या गहरी साँसों की प्रैक्टिस अपनाएँ।
ध्यान रखें, हृदयाघात एक आपातकालीन स्थिति है, परन्तु रोज़ की छोटी‑छोटी बदलावों से जोखिम बहुत घटाया जा सकता है। अगर आपके परिवार में किसी को पहले से हृदय रोग रहा हो, तो डॉक्टर से व्यक्तिगत सलाह लेना सबसे अच्छा रहेगा। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर आप न केवल दिल बल्कि पूरे शरीर को लंबा और बेहतर बना सकते हैं।