Sarva Pitru Amavasya पर पूरी जानकारी – कब, क्यों और कैसे मनाएँ

क्या आपने कभी सोचा है कि पितरों को याद करने का सही तरीका क्या है? हिन्दू धर्म में Sarua Pitru Amavasya वह विशेष अंवेष्टा है जब हम अपने पूर्वजों को स्मरण करते हैं और उनकी आत्मा की शांति की कामना करते हैं। इस दिन के बारे में अक्सर सवाल आते हैं – ये कब आता है, क्यों जरूरी है, और घर में क्या करना चाहिए? चलिए, इन सवालों के जवाब एक‑एक करके देखते हैं।

Sarva Pitru Amavasya कब होता है?

Sarva Pitru Amavasya हर साल हिन्दू पंचांग के अनुसार भादरवीं महीने की अंवेष्टा (अमावस) को आता है। आम तौर पर यह सितंबर‑अक्टूबर के बीच पड़ता है। 2025 में यह 29 सितंबर को है। अगर आप कैलेंडर देख रहे हैं तो अंवेष्टा को “अंधी रात” भी कहा जाता है, और यही वह रात है जब पितरों को याद किया जाता है।

क्यों मनाते हैं Pit Pitru Amavasya?

इस दिन को मनाने का प्रमुख मकसद हमारे पूर्वजों की आत्मा को शांति देना है। माना जाता है कि अगर हम उनके लिये अन्न, पानी और दान करेंगे तो हमारी ज़िन्दगी में सुख‑शांति आएगी। साथ ही यह हमारे परिवार के कनेक्शन को मजबूत करता है, क्योंकि हम अपनी जड़ों को याद करके अपने रिश्तों को नई ताकत देते हैं।

पूरा दिन यह नहीं, बल्कि अंवेष्टा की रात में करने वाले कुछ आसान रिवाज़ कई सालों से चले आ रहे हैं। ये रिवाज़ न सिर्फ धार्मिक होते हैं बल्कि सामाजिक और मनोवैज्ञानिक फायदेमंद भी होते हैं।

घर में Pitru Amavasya कैसे मनाएँ – आसान कदम

1. साफ‑सफाई – मुख्य स्थान (आमतौर पर घर का चौथा कोना या मंदिर) को साफ करें। कपड़े, धूप की रोशनी और गंध कम करने वाले लेप लगाएँ।

2. पत्थर या धूप – अगर आपके पास धूप नहीं है तो कोई भी साफ़ पत्थर रख सकते हैं, क्योंकि पितरियों को धूप बहुत पसंद है।

3. अन्न और जल – एक छोटे बर्तन में सफ़ेद चावल, गुड़, कुटी हुई जौ, और पानी रखें। इसे अंवेष्टा की रात को बाहर या घर के पवित्र कोने में रखें।

4. भोजन दान – अपने घर में बने अन्न (जैसे दाल, चावल) को जरूरतमंदों में बांटें। यह दान पितरों के लिये भी माना जाता है।

5. जाप और मंत्र – “ॐ पितृ नमः” या “त्र्यंबक मंत्र” का 108 बार जप करें। आप चाहें तो अपने परिवार के बुजुर्ग को भी इस जमह के दौरान सुनाएँ।

6. परिवार की यादें साझा करें – इस रात को अपने दादा‑दादी या वृद्ध लोगों के साथ बैठें और उनके जीवन की कहानियों को सुनें। इससे भावनात्मक जुड़ाव बढ़ता है।

7. देवताओं को अर्पण – यदि आपके पास कोई मंदिर या घर में छोटा विखंड है तो पितरों को अर्पण के साथ एक छोटी मूर्ति या पिचकारी रखें।

इन सब कदमों को अपनाकर आप न सिर्फ धर्मिक कर्तव्य निभाएँगे, बल्कि अपने परिवार में प्यार और सम्मान भी बढ़ाएँगे।

ध्यान रखने योग्य बातें

• अंवेष्टा के समय सूरज नहीं निकलता, इसलिए लाइट या दिपकों से जगह रोशन रखें।

• अगर आप शाकाहारी हैं तो दाने के बजाय फल, नारियल या मिठाइयाँ भी रख सकते हैं।

• यह रिवाज़ बिना किसी दबाव के किया जाना चाहिए, इसलिए यदि आप नहीं मानते तो इसे छोटा सा करके भी कर सकते हैं।

और हाँ, इस विशेष रात को अपने मोबाइल या टीवी को बंद रखें, ताकि ध्यान पूरी तरह से पितरों की याद में लगा रहे। इस तरह आप एक सरल, शुद्ध और सच्ची पूजा कर पाएँगे।

अब जब आप सभी जानकारी जान चुके हैं, तो इस Sarva Pitru Amavasya को अपने घर में यादगार बनाइए। आप देखेंगे कि सब कुछ आसान और असरदार है।

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