सेमीकंडक्टर की दुनिया: क्या है नया, क्यों महत्त्वपूर्ण?

सेमीकंडक्टर, यानी वही छोटे‑छोटे चिप जो आपके मोबाइल, लैपटॉप और कारों में दिल धड़काते हैं, अब हर घर की चर्चा बन गया है। भारत सरकार भी इस क्षेत्र में बड़ा निवेश कर रही है, और कई कंपनियों ने यहाँ फैक्ट्री खोल ली हैं। तो चलिए, समझते हैं इस उद्योग के हालिया ट्रेंड, और क्या अवसर आपके लिए खुल रहे हैं।

भारत में सेमीकंडक्टर पहल – फेज‑2 तक बढ़त

पिछले दो साल में दिल्ली ने दो बड़े मोड़ देखे: पहला, प्रोड्यूसर चिप प्लांट्स के लिए डिस्काउंटेड लैंड और टैक्स भत्ते, और दूसरा, "इंटरनेशनल इंटेलिजेंस सेंटर" की स्थापना। इन कदमों के कारण अब कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियां, जैसे टिस्ला और एप्पल, भारत में सप्लाई चेन को स्थानीय बनाने की सोच रहे हैं। परिणामस्वरूप, नई जॉब्स, तकनीकी ट्रेनिंग कोर्स, और स्टार्ट‑अप एन्क्यूबेटर भी खुल रहे हैं।

अगर आप इंजीनियर हैं, तो सर्किट डिज़ाइन या वैरिफिकेशन में ट्रेनिंग लेना अब फायदेमंद रहेगा। कई बड़े इकॉनॉमिक टाइमज़ोन में दो कंधे से सस्टेनेबल रिवेन्यू की संभावना है, खासकर जब भारत 2025 तक 200 बिलियन डॉलर का सेमीकंडक्टर मार्केट टारगेट कर रहा है।

वैश्विक सप्लाई चेन टूटने पर भारत का फायदा

कोविड के बाद और यूक्रेन‑रूस संघर्ष के कारण विश्व की चिप सप्लाई में खलल पड़ा। इससे कई कंपनियों ने "ड्यू अल्ट्रा‑मेइट" (उत्पादन द्विपक्षीय) मॉडल अपनाया। भारत अब अपने फैक्ट्री में बड़े‑स्केल नोड्स (5nm, 7nm) लागू करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। इस बदलाव से न केवल कीमत घटेगी, बल्कि डिलीवरी टाइम भी घटेगा। आपका अगला मोबाइल या टीवी जल्दी हाथ में आ सकता है, और कीमत भी कम होगी।

इसी बीच, छोटे‑छोटे स्टार्ट‑अप AI‑ऑन‑चिप, एज कंप्यूटिंग, और IoT डिवाइस बनाते हुए आगे बढ़ रहे हैं। अगर आप टेक में रूचि रखते हैं, तो इन निचे में फ्रीलांस प्रोजेक्ट्स या पार्ट-टाइम काम आसान से मिल सकता है। कई ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म अब "सेमीकंडक्टर फ्रीलांसिंग" के लिए विशेष सेक्शन बना रहे हैं।

अंत में, यह कहा जा सकता है कि सेमीकंडक्टर सिर्फ तकनीक नहीं, बल्कि रोजगार, शिक्षा और आर्थिक विकास का इंजन है। आप चाहे छात्र हों, पेशेवर, या निवेशक—सेमीकंडक्टर सेक्टर में अभी अवसरों की भरमार है। इसलिए, अगर आप भविष्य के तकनीकी ट्रेंड में कदम रखना चाहते हैं, तो इस उद्योग को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।

ट्रंप का 100% चिप टैरिफ: वॉल स्ट्रीट में गिरावट, नैस्डैक-डॉव दबाव में

23.08.2025

अमेरिका में आयातित चिप्स पर 100% टैरिफ के प्रस्ताव से शेयर बाजार लुढ़के, नैस्डैक और डॉव दबाव में बंद हुए। नीति 22 अगस्त 2025 को घोषित हुई और अमेरिकी उत्पादन करने या प्रतिबद्ध कंपनियों को छूट मिली। Apple ने 600 अरब डॉलर के निवेश के साथ घरेलू निर्माण योजना तेज की, जबकि TSMC ने एरिजोना में बने चिप्स की कीमत 30% बढ़ाने का ऐलान किया। एशियाई छोटी कंपनियां बड़े झटके से चिंतित हैं।