मार्च 3, 2025 को, कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने दुबई में भारत और न्यूजीलैंड के बीच आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के समूह ए मैच के दौरान टीम के कप्तान रोहित शर्मा के शरीर के बारे में घृणित टिप्पणियाँ कीं, जिससे पूरे देश में भड़क उठा विवाद। उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा: "रोहित शर्मा एक खिलाड़ी के लिए मोटे हैं! वजन कम करना चाहिए! और बेशक, भारत के सबसे अनुपयुक्त कप्तान।" यह टिप्पणी तब आई जब भारत ने वरुण चक्रवर्ती के पांच विकेट और टीम के बेहतरीन प्रदर्शन के साथ न्यूजीलैंड को 44 रनों से हराया था — और अभी तक शर्मा ने टूर्नामेंट में तीन पारियों में केवल 76 रन बनाए थे। लेकिन इसके बावजूद, उनकी नेतृत्व क्षमता को टीम ने अपनी जीत के लिए समर्थन दिया।
कप्तान के बचपन के कोच ने की निंदा
रोहित शर्मा के बचपन के कोच दिनेश लाड ने इंडो-एशियन न्यूज सर्विस (IANS) को दिए इंटरव्यू में कहा: "जो खिलाड़ी देश के लिए इतना अच्छा कर रहा है, जिसके नेतृत्व में टीम बेहतरीन प्रदर्शन कर रही है, उसके खिलाफ ऐसी टिप्पणियाँ बिल्कुल अच्छी नहीं। इससे देश की छवि भी नुकसान पहुँच रही है। यह वाकई शर्मनाक है।" लाड के बयान ने एक ऐसे दृष्टिकोण को उजागर किया जो अक्सर भूल जाया जाता है — कि खेल की भावनाएँ और शारीरिक रूप अलग चीजें हैं। शर्मा की बाहरी छवि को लेकर बहस करना, उनके खेल के अनुभव और टीम के लिए दिए गए योगदान को नज़रअंदाज़ करना है।
बीसीसीआई और राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
बीसीसीआई के सचिव देवजीत सैकिया ने शमा के बयान को "बहुत दुर्भाग्यपूर्ण" बताया और चेतावनी दी कि ऐसी टिप्पणियाँ अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के दौरान खिलाड़ियों के मनोबल को तोड़ सकती हैं। उन्होंने कहा: "सभी खिलाड़ी अपनी अधिकतम क्षमता से खेल रहे हैं। मुझे आशा है कि लोग अपने व्यक्तिगत प्रचार के लिए राष्ट्रीय हित के खिलाफ घृणित बयान नहीं देंगे।"
भारतीय जनता पार्टी के नेता शेहजाद पूनावाला ने तंज कसते हुए कहा: "राहुल गांधी के नेतृत्व में 90 चुनाव हार चुके लोग रोहित शर्मा को अनुपयुक्त कह रहे हैं!" शिव सेना (UBT) की प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा: "रोहित शर्मा, चाहे उनका वजन कितना भी हो, भारत को बड़ी ऊँचाइयों तक ले गए हैं। उनकी प्रतिबद्धता ही मायने रखती है। ट्रॉफी जीतो, चैंपियन!"
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शमा के बयान को "सीधे बेकार" कहा, जबकि तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगता रॉय ने अपनी व्यक्तिगत राय देते हुए कहा: "कप्तान को अपनी जगह अर्जित करनी चाहिए। रोहित शर्मा टीम में नहीं होना चाहिए।" यह बयान एक अजीब अनुकूलन था — जहाँ एक खिलाड़ी के शारीरिक रूप की आलोचना करने के बजाय, उनके खेल के परिणामों को नज़रअंदाज़ कर दिया गया।
कांग्रेस का बदला रुख और शमा का अचानक बदलाव
कांग्रेस नेतृत्व ने शमा के बयान से तुरंत दूरी बनाई। पवन खेरा ने पुष्टि की कि उन्हें पोस्ट हटाने का निर्देश दिया गया और भविष्य में अधिक सावधानी बरतने की सलाह दी गई। शमा ने शुरू में दावा किया कि यह "एक खिलाड़ी की फिटनेस के बारे में सामान्य टिप्पणी" थी, लेकिन बाद में उन्होंने अपना रुख बदल दिया।
मार्च 9, 2025 को, जब भारत ने दुबई में न्यूजीलैंड को चार विकेट से हराकर अपना तीसरा चैंपियंस ट्रॉफी खिताब जीता, तो शमा ने अचानक रोहित शर्मा को बड़े तरीके से बधाई दी। उन्होंने एक नई पोस्ट में लिखा: "रोहित शर्मा, आपने अपनी टीम को जीत के लिए ले जाया। आपकी लगन अद्भुत है।" यह बदलाव न सिर्फ अजीब था, बल्कि यह दर्शाता था कि उनकी पहली टिप्पणी ने किस तरह देश के लोगों को नाराज़ किया था — और उनके लिए एक बचाव का रास्ता बन गया था।
दुबई के मैदान और ऑस्ट्रेलियाई आरोप
इस विवाद के साथ-साथ, भारत को दुबई में अपने सभी मैच खेलने के लिए भी आलोचना का सामना करना पड़ा। ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने आरोप लगाया कि बीसीसीआई ने अपने फायदे के लिए टूर्नामेंट की शेड्यूलिंग पर दबाव डाला। ऑस्ट्रेलियाई पत्रिकाओं ने लिखा: "अगर भारत आज दुबई में चैंपियंस ट्रॉफी जीतता है, तो यह जीत एक अस्टरिस्क के साथ आएगी।"
रोहित शर्मा ने सेमीफाइनल से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया: "हर बार, पिच अलग तरह की चुनौतियाँ देती है। यहाँ खेले गए तीन मैचों में, पिच अलग तरह से व्यवहार कर रही थी। यह हमारा घर नहीं है, यह दुबई है। हम यहाँ इतने मैच नहीं खेलते। यह हमारे लिए भी नया है।" उन्होंने बताया कि उन्होंने दुबई में आयोजित इंटरनेशनल लीग टी20 (ILT20) का विश्लेषण किया था, जिससे पता चला कि पिच धीमी हैं और धीमे गेंदबाज़ों के लिए फायदेमंद हैं।
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर स्टीव स्मिथ ने भारत के प्रदर्शन की तारीफ करते हुए कहा: "भारत ने यहाँ वाकई बहुत अच्छा क्रिकेट खेला। पिच उनके स्पिनर्स और सीमर्स के लिए बहुत उपयुक्त थी। उन्होंने अच्छा खेला, हमें हराया और जीत के लायक थे।" यह बयान उस बात को साफ करता है — कि जीत का मान उसके लिए खेले गए मैदान पर निर्भर नहीं होता, बल्कि उसके लिए खेले गए खिलाड़ियों की लगन पर।
एक देश की भावनाएँ और एक खिलाड़ी की शान
रोहित शर्मा के लिए, यह टूर्नामेंट बस रन बनाने का नहीं था। यह एक ऐसा परीक्षण था जिसमें उन्हें अपने शरीर के बारे में आलोचनाओं के साथ-साथ राजनीतिक निशाने और विदेशी संदेहों का भी सामना करना पड़ा। लेकिन उन्होंने कभी अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी। न तो उन्होंने शमा को जवाब दिया, न ही ऑस्ट्रेलियाई आरोपों को लेकर गुस्सा दिखाया। उन्होंने सिर्फ बल्ले से जवाब दिया — एक ऐसा जवाब जो किसी बयान से ज्यादा शक्तिशाली होता है।
यह घटना एक देश की भावनाओं को दर्शाती है — जहाँ एक खिलाड़ी को उसकी जीत और हार से जोड़ा जाता है, और जहाँ राजनीतिक टिप्पणियाँ खेल के विषय को विकृत कर देती हैं। शर्मा की टीम के लिए यह टूर्नामेंट एक ऐसा अवसर बना जहाँ वे न सिर्फ एक ट्रॉफी जीते, बल्कि एक देश की आत्मा को भी बचाया।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
शमा मोहम्मद के बयान के बाद कांग्रेस ने क्या किया?
कांग्रेस नेतृत्व ने शमा मोहम्मद के बयान से तुरंत दूरी बनाई। पवन खेरा ने पुष्टि की कि उन्हें सोशल मीडिया पोस्ट हटाने का निर्देश दिया गया और भविष्य में ऐसी टिप्पणियों से बचने की सलाह दी गई। यह एक व्यक्तिगत टिप्पणी के रूप में नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय खिलाड़ी के खिलाफ एक विषयगत हमले के रूप में देखा गया।
रोहित शर्मा के खिलाफ शारीरिक आलोचना क्यों गलत है?
क्रिकेट में शारीरिक रूप की जगह खेल की कुशलता, नेतृत्व और टीम के लिए योगदान मायने रखता है। रोहित शर्मा ने 14 सालों में 11,000+ रन बनाए हैं, जिसमें 30 शतक शामिल हैं। उनका शरीर उनके खेल के तरीके के अनुकूल है — जिसमें धीमी पिचों पर लंबे समय तक बल्लेबाजी करने की क्षमता शामिल है। शारीरिक आलोचना खेल की वास्तविकता को भूल जाती है।
दुबई में भारत के मैचों के लिए आरोप क्या थे?
ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने आरोप लगाया कि बीसीसीआई ने भारत को दुबई में सभी मैच खेलने की सुविधा देने के लिए टूर्नामेंट शेड्यूल पर दबाव डाला। लेकिन भारत ने बताया कि उन्होंने ILT20 टूर्नामेंट के आधार पर पिच के व्यवहार का विश्लेषण किया था, जिससे स्पिनर्स के लिए फायदा हो सके। इस तरह के आरोप अक्सर अपनी हार के बाद बनाए जाते हैं।
रोहित शर्मा की उम्र के बावजूद वे अभी भी टीम के कप्तान क्यों हैं?
उम्र का कोई मायने नहीं है जब आप अपने काम में अद्वितीय हों। रोहित शर्मा 37 साल के हैं, लेकिन उन्होंने टूर्नामेंट में 76 रन बनाए और टीम को नेतृत्व दिया। उनके बाद टीम का अनुभव और उनकी अंतरराष्ट्रीय जीतों की सूची कोई युवा खिलाड़ी नहीं दे सकता। खेल में अनुभव और बुद्धि का महत्व शारीरिक ऊर्जा से ज्यादा होता है।
शमा मोहम्मद का बदला रुख क्यों अजीब लगा?
शमा ने पहले रोहित को अनुपयुक्त कहा, फिर उनकी जीत के बाद उन्हें बधाई दी। यह बदलाव अक्सर उन लोगों के लिए होता है जो विवाद उठाकर ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं। जब एक खिलाड़ी जीत जाता है, तो उसकी तारीफ करना एक बचाव का तरीका बन जाता है — न कि एक ईमानदार भावना।
इस घटना से भारतीय समाज को क्या सबक मिला?
यह घटना दर्शाती है कि जब राजनीति खेल के विषय को छूती है, तो वह खिलाड़ियों को नुकसान पहुँचाती है। भारतीय समाज ने एक साथ खड़े होकर दिखाया कि एक खिलाड़ी की शान उसके बल्ले और नेतृत्व से मापी जाती है, न कि उसके वजन से। यह एक बड़ा सामाजिक संदेश था — शारीरिक आलोचना को अपनी बात बनाने का तरीका नहीं बनाया जा सकता।