कंगना रनौत की विवादित टिप्पणी
हाल ही में कंगना रनौत, जो कि बीजेपी की लोकसभा सांसद हैं, ने किसान आंदोलन को लेकर कुछ विवादित टिप्पणियाँ की थीं। उन्होंने किसान आंदोलन की तुलना बांग्लादेश जैसे अराजकता से की थी और दावा किया था कि आंदोलन के दौरान 'लाशें लटकी हुई थीं और बलात्कार हो रहे थे'। ये बयान उन्होंने 2020-21 के किसान आंदोलन के समय की परिस्थितियों को लेकर दिए थे, जब किसान अब रद्द किए जा चुके तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध कर रहे थे।
बीजेपी का रुख
कंगना रनौत की इन टिप्पणियों के बाद, बीजेपी ने तुरंत एक बयान जारी किया जिसमें यह स्पष्ट किया कि रनौत की ये बातें पार्टी के आधिकारिक दृष्टिकोण को नहीं दर्शाती हैं। पार्टी ने उन्हें भविष्य में बिना अनुमति के किसी भी प्रकार के बयान न देने का निर्देश दिया है। यह कदम हरियाणा विधानसभा चुनावों के ठीक पहले उठाया गया है, जहां बीजेपी किसानों के बीच विश्वास की कमी को दूर करना चाहती है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
पंजाब बीजेपी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने पार्टी के इस फैसले का स्वागत किया और कहा कि किसानों के साथ संबंधों को सुधारने की आवश्यकता है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के नेताओं ने इस मुद्दे पर बीजेपी की आलोचना की। कांग्रेस की सोशल मीडिया प्रमुख सुप्रिया श्रीनेट ने रनौत और बीजेपी दोनों से माफी की मांग की है।
किसान संगठनों की नाराजगी
पंजाब में किसानों के संगठनों, विशेषकर संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने कंगना रनौत की टिप्पणियों की निंदा की है। उन्होंने रणौत से बिना शर्त माफी की मांग की है और चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने माफी नहीं मांगी, तो उनके खिलाफ सार्वजनिक बहिष्कार का आह्वान किया जाएगा।
किसान मुद्दों की संवेदनशीलता
इस पूरी घटना ने भारतीय राजनीति में किसान मुद्दों की संवेदनशीलता को उजागर किया है, खासकर चुनावी समय में। किसान मतदाता आधार महत्वपूर्ण होते हैं, और हाल के समय में बीजेपी को किसानों की नाराजगी के चलते चुनावी झटके भी झेलने पड़े हैं।