बकरीद 2025: तिथि, रिवाज और ताज़ा ख़बरें

क्या आप जानना चाहते हैं कि इस साल बकरीद कब है और इसे कैसे मनाया जाता है? बकरीद, जिसे ईद‑उल‑अजहा भी कहा जाता है, इस साल 10 जुलाई को है। इस दिन मुसलमान बड़े जो़र‑शोर से इबादत करते हैं, नग़वा करते हैं और घर‑घर में मेहमाननवाज़ी का दौर शुरू होता है। यदि आप पहली बार बकरीद मनाने वाले हैं या फिर इस त्यौहार को और गहराई से समझना चाहते हैं, तो यहाँ सब कुछ सरल भाषा में बताया गया है।

बकरीद के मुख्य रीति‑रिवाज़

बकरीद की पहचान सबसे पहले इत्रा (जली हुई जानवर) से होती है। इस समय कई लोग अपने घर की या अपने समुदाय की बकरियों, बैलों या भेड़ों को कुरबानी करते हैं। यह परम्परा इस बात को याद दिलाती है कि पैगंबर इब्राहिम (अलीहिस्सलाम) ने अपने बेटे के बलिदान की इच्छा को कबूल किया था। कुरबानी के बाद माँस को दो हिस्सों में बाँटा जाता है – एक हिस्सा घर में रख लिया जाता है और दूसरा भाग ज़रूरतमंदों को दिया जाता है।

कुरबानी के अलावा नमाज़ पढ़ना, दवा (ज़कात) देना और भाई‑बहनों व रिश्तेदारों से मिलना भी बकरीद के अहम हिस्से हैं। बहुत से लोग इस दिन अपने सनतक्‍त दोस्तों और पड़ोसियों को भी आमंत्रित करते हैं, जिससे सामाजिक बंधन मजबूत होते हैं।

भारत में बकरीद के खास कार्यक्रम

भारत में बकरीद को बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है, खासकर उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और दिल्ली में। कानपुर में भी इस दिन कई मस्जिदों में विशेष इफ़्तार और नमाज़ का प्रबंध किया जाता है। स्थानीय प्रशासन अक्सर ट्रैफ़िक को सुगम रखने के लिए विशेष व्यवस्था करता है, ताकि लोग सुरक्षित रूप से मंदिर‑मस्जिद तक पहुँच सकें।

कई शहरों में बकरीद के अवसर पर सामुदायिक भोजन (भोजन शाला) की व्यवस्था की जाती है, जहाँ ज़रूरतमंदों को मुफ़्त में खाना मिलता है। इस साल कानपुर में "बकरीद सामाजिक भोज" कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें 5000 से अधिक लोगों को भोजन परोसा गया। यह पहल स्थानीय NGOs और सरकारी विभागों के सहयोग से सफल रही।

अगर आप कानपुर में बकरीद के कार्यक्रमों को देखना चाहते हैं, तो आप नजीबुद्दीन मस्जिद या जॉनवस रफ़ीबी हॉल में आयोजित सामुदायिक इवेंट को फॉलो कर सकते हैं। इन जगहों पर अक्सर सांस्कृतिक कार्यक्रम, नृत्य और संगीत का भी आयोजन किया जाता है, जिससे त्यौहार में रंगीन माहौल बनता है।

बकरीद के मौके पर कई सामाजिक मुद्दे भी सामने आते हैं — जैसे जानवरों की कल्याण, पर्यावरणीय प्रभाव और सुरक्षित कुरबानी के उपाय। कई NGOs ने इस साल "हेल्दी इडॉल" पहल के तहत सफ़ाई, वैक्सीनेशन और पशु स्वास्थ्य पर ध्यान दिया। ऐसे प्रयासों से बकरीद का त्यौहार न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक दायित्व का भी प्रतीक बन गया है।

इस टैग पेज पर आपको बकरीद से जुड़े कई रोचक लेख भी मिलेंगे, जैसे बकरीद पर स्थानीय बाजार की कीमतें, बकरीद की बोर्डा आउटलेट्स की उपलब्धता, और बकरीद के दौरान सुरक्षित यात्रा के टिप्स। आप यहाँ से सबसे ताज़ा अपडेट ले सकते हैं और अपने परिवार के साथ इस पवित्र दिन को और भी ख़ास बना सकते हैं।

तो तैयार हो जाइए, अपने परिवार, दोस्तों और पड़ोसियों के साथ बकरीद को खुशियों भरा बनाइए। शुभ बकरीद!

बकरीद 2024: तारीख, इतिहास, उत्सव और महत्त्व

16.06.2024

ईद उल अजहा, जिसे बकरीद के नाम से भी जाना जाता है, मुस्लिम समुदाय द्वारा मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है। इसे इस्लामी चंद्र कैलेंडर के बारहवें महीने ज़िलहिज्जा में मनाया जाता है। 2024 में, बकरीद 17 जून को मनाई जाएगी। यह त्योहार पैगंबर इब्राहिम की अल्लाह के प्रति समर्पण की भावना को याद करता है।