प्रदूषण के कारण, प्रभाव और सरल समाधान

प्रदूषण शब्द सुनते ही हमारे मन में आवाज़ें तेज़, हवा गंदी और पानी कलंकित की छवियाँ आ जाती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रोज़मर्रा की छोटी‑छोटी आदतें भी बड़ी समस्या बना सकती हैं? यहाँ हम बात करेंगे कि कौन‑कौन से प्रदूषण हैं, उनका हमारे स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ता है और आप घर से शुरू करने वाले आसान उपायों से कैसे बचाव कर सकते हैं।

वायु प्रदूषण: क्या है और कैसे रोकें?

वायु प्रदूषण का मुख्य culprit धुआँ, दहन गैसें और यांत्रिक निकासी है। कार, दोपहिया, छोटे बिडी‑बैंग, किचन के पकाने वाले गैस स्टोव और खुले में जलते कोयले से निकले कण हमारे फेफड़े को नुकसान पहुँचाते हैं। अगर आप सुबह उठते‑ही सांस में भारीपन महसूस करते हैं, तो यह एक चेतावनी है।

सरल उपाय:

  • कार या दोपहिया को कम उपयोग करें, और बस या साइकिल को प्राथमिकता दें।
  • घर के अंदर गैस स्टोव की जगह इलेक्ट्रिक या इनडेक्स गैस सिलिंडर चुनें; धुएँ को बाहर निकालने के लिये एग्जॉस्ट फ़ैन का सही रख‑रखाव ज़रूरी है।
  • बाहर की हवा में कचरा नहीं जलाएँ, विशेषकर प्लास्टिक और रबर।
  • हर कमरे में पौधे रखें – मनी प्लांट, बरशाइड या एलो वेरा जैसे पत्ते हवा को साफ़ करने में मदद करते हैं।

इन छोटे‑छोटे बदलावों से हवा की गुणवत्ता में बड़ा फर्क आ सकता है, और लंबी अवधि में अस्थमा, ब्रोंकाइटिस जैसे रोगों से बचाव होगा।

जल प्रदूषण: घर से शुरू करने वाले कदम

काँपुर में कई नदियों, जलाशयों में कचरा, रासायनिक रसायन और बोर‑वेस्ट मिलते हैं। जब पानी गंदा होता है, तो पीने‑पीने के लिए उसे साफ़ करना महंगा पड़ता है और रोग‑जनक जीवों का खतरा बढ़ जाता है।

आपके घर में जल प्रदूषण कम करने के लिये:

  • बर्तन धोने का पानी दो‑बार नहीं फेंके, उसे पौधों में इस्तेमाल करें।
  • किचन के तेल को प्लास्टिक की बोतल में जमा कर रखें, फिर नगरपालिका के तेल रीसाइक्लिंग ढांचे में डालें।
  • छोटे‑छोटे गंदे कचरे को नाली में नहीं फेंके, बल्कि कूड़ेदान में रखें और निर्धारित समय पर निकालें।
  • यदि आपके पास रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम है, तो उसे फ़िल्टर करके टॉयलेट या बागवानी में इस्तेमाल करें।

इन साधनों से न केवल पानी की सफ़ाई में मदद मिलती है, बल्कि जल को दोबारा उपयोग करने की चेतना भी बढ़ती है।

प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार के नियमों का पालन भी जरूरी है। यदि आप देख रहे हैं कि कोई नाली बंद है या कोई औद्योगिक इकाई अनधिकार कचरा निकाल रही है, तो स्थानीय प्रशासन को तुरंत रिपोर्ट करें। छोटी‑छोटी रिपोर्टें मिलकर बड़े बदलाव लाती हैं।

समय अभी है, और कदम आपके हाथ में हैं। रोज़ाना की छोटी‑छोटी आदतों को बदलकर हम अपने और आने वाली पीढ़ियों के लिए साफ़ हवा, साफ़ पानी और स्वस्थ जीवन बना सकते हैं। आज से ही एक या दो उपाय अपनाकर देखें—परिणाम खुद ही दिखेगा।

दीवाली के बाद दिल्ली की हवा बनी खतरनाक: अपने क्षेत्र का AQI चेक करें

1.11.2024

दीवाली के अवसर पर दिल्ली की वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुँच गई है, और रात के समय पटाखों की आवाज़ाही के कारण 'खतरनाक' स्तर पर पहुँचने की संभावना है। हालाँकि पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है, लेकिन वायु प्रदूषण का स्तर अत्यधिक बढ़ते जा रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के डेटा के अनुसार, दिल्ली का कुल एअर क्वालिटी इंडेक्स 'बहुत खराब' श्रेणी में है, जबकि कई इलाकों में गंभीर वायु प्रदूषण देखा जा रहा है।